हेल्लो दोस्तों आप सभी का दिल से स्वागत हे तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से हमारे जीवन में कर्मो का क्या महत्व हे ये जानने का पूरा प्रयास करेंगे। कर्म ही इंसान की पहचान हे यानिकि कोई भी इंसान अपने कर्मो से ही जाना जाता हे हमें उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आएगी। Importance Of Karma In Hindi

कर्मो का महत्व – Importance Of Karma In Hindi
आपका जीवन ही आपका कर्म हे
इस दुनिया हर एक इंसान अपने कर्म करते हे फिर चाहे वो कर्म सही हो या गलत। जिस तरह झूला एक बार हिलाओ तो वो वापस जरूर आता हे उसी प्रकार हमारे द्रारा किये जाने वाले कर्म का फल वापस जरूर आते हे। हमे हमारे कर्म करते समय फल की चिंता करना या ना करना हर एक इंसान का विशेष अधिकार हे लेकिन वो अपने कर्म सही कर रहा हे या गलत उसे पे विचार कर लेना उसका कर्तव्य हे।
कर्म के उदाहरण
कर्म यानिकि हमारे काम यानिकि जो काम आप करते हे वो आपका बीज रूपी कर्म हे और उसका फल ही आपका कर्म हे। जैसे आप कर्म करेंगे वैसे ही आपका फल होगा। एक किसान अपने खेत में जो बीज बोता हे उसे ही वो फसल के रूप में बाद में काटता हे यानिकि आपको अच्छे कर्म का फल अच्छा मिलेगा और आपके बुरे कर्म का फल आपको बुरा ही मिलेगा ऐसा स्वयं भगवान ने गीता में कहा हे। जो भी कार्य करो बस सच्चाई से करे ईमानदारी से करे।
हमारे जीवन में कर्मों का महत्व
जीवन में कभी भी किसी भी परिस्थिति में अपने कर्मो को मत छोड़िये। बस आप अच्छे कर्म करते रहिये फल की आशा न रखिये। भाग्य अपना काम करेगा वो भाग्य में होगा वो आपको जरूर मिलेगा लेकिन इसमें आपके द्रारा किये गए कर्मो का विशेष महत्व हे क्योकि जब आपके कर्म अच्छे होंगे तभी आपका भाग्य भी जो भी होगा अच्छा ही होगा।
आप अपनी ज़िन्दगी में जो भी कर्म करते हे वो आपको वापस जरूर मिलता हे यानिकि हमारा किया हुआ कर्म कभी व्यर्थ नहीं जाता क्योकि ये कुदरत का नियम हे की वो आपको अपने कर्म का फल वो सालो बाद देगा लेकिन देगा जरूर।
कभी – कभी कई इंसान को ऐसा लगता हे की वो अपने धंधे में , नौकरी में , समाज सेवा में या किसी भी काम को ईमानदारी , निष्ठा , परिश्रम से काम करते हे और आपको उसका परिणाम नहीं मिला। ऐसा सबके मन में होता हे लेकिन याद रखे खुदा का एक नियम हे की वो यहाँ का किया हुआ यहाँ नहीं देता लेकिन यहाँ का कही और दे देता हे लेकिन आपको देगा जरूर। वो कभी अपने पास रखता नहीं हे। इसलिए एक अच्छी जिंदगी के लिए कभी भी अपनी निष्ठा को अपनी ईमानदारी को कभी ख़तम मत करना। शब्दों का महत्व
हमें कभी – कभी ऐसा लगता हे की हम अपनी पूरी निष्ठा से , ईमानदारी से अपने कर्म करते हे लेकिन हमें कुछ नहीं मिलता जबकि जो लालची हे , बेईमान हे , जो चापलूस हे वो हमसे आगे निकल जाते हे तो हमें भी ऐसा लगता हे की हम भी उनके जैसे हो जाये लेकिन ऐसा कभी मत करना क्योकि खुदा आपकी ईमानदारी का यहाँ नहीं तो कही और देगा और वो भी आपको बहेतर नहीं बहेतरीन देगा। इसलिए अपनी ज़िन्दगी में बस ईमानदारी से सही कर्म करते रहिये।
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कर्मो का फल कहानी
रामपुर नामक एक गांव था जिसमे करीबन 200 से 300 लोग रहते थे उस गांव में आने और जाने के लिए नाव से नदी को पार करके जाना पड़ता था। नाविक जिसको भी दूसरे गांव जाना होता था उसे वो अपनी नाव में बैठाकर उसे उस पास ले जाता था उसका ये धंधा था और वो अपना जीवन गुजरता था।
एक दिन की बात हे की इस गांव में महामारी फेल गई जिसकी वजह से कई लोगो की मौत भी हो गई जिसकी वजह से कई लोग अपने घर को छोड़कर दूसरे गांव या दूसरी जगह चले गए थे अब गांव में बहुत ही कम लोग बचे थे। और होता ये हे की जो नाव का नाविक था उसको भी इस महामारी से कई दूर जाना था इसलिए वो गांव में जो भी लोग थे उनको ये कहता हे की जिसको भी नदी के उस पार जाना हे वो चलो क्योकि अब में वापस इस गांव में आने वाला नहीं हु।
तो सबसे पहले एक भिखारी आया और उस नाविक से कहा की भाई मेरे पास तो आपको देने के लिए दुआ सिवा कुछ भी नहीं हे। नाविक बड़ा भावुक था तो उसने उस भिखारी से कहा की कोई बात नई नाव में जगह बची तो में आपको ले जाऊंगा। धीरे – धीरे पूरी नाव भरने लगी और केवल एक जगह बची थी तव वो नाविक उस भिखारी को ये कहने ही वाला था की तुम आ जाओ तब उस वक्त एक आदमी दौड़कर आता हे और नाविक से कहता हे की रुको में भी आता हु।
वो एक जमीनदार था उसका परिवार तो उसकी धन दौलत के लालच की वजह से उसे छोड़कर पहले ही जा चूका था जबकि धन की लालच में जमीनदार रुका हुआ था। अब सवाल ये था की नाविक भिखारी को या जमीनदार को नदी के उस पार ले जाये। जमीनदार नाविक से कहता हे मेरे पास बहुत पैसे हे वो सब में इस भिखारी को दूंगा लेकिन तुम मुझे नदी के उस पार ले जाओ तब वो भिखारी कहता हे की मुझे ये पैसे नहीं चाहिए क्योकि अगर में यहाँ रुका तो महामारी से मेरी भी मौत हो जाएगी तो में ये पैसो का क्या करू जान हे तो जहान हे।
अब नाविक ने ये फैसला नाव में बैठे लोगो पर छोड़ दिया तब वो लोग आपस में बातचीत करने लगे और कहने लगे की इस जमीनदार ने आज तक हम सबको लुटा हे ब्याज पर ब्याज लगाकर हमारी ज़मीन भी ले ली हे माना कि ये भिखारी मांगता हे लेकिन उसके बदले में हमें दुआ भी तो देता हे। इस प्रकार भिखारी को नाव में बैठा दिया।
छोटी सी कहानी हे लेकिन हमें कर्मो का महत्व सीखा देती हे की अगर हमारे अच्छे कर्म होंगे तो उसका परिणाम भी अच्छा होगा और गलत कर्म होंगे तो उसका परिणाम भी गलत ही होगा अब आपको ये तय करना हे की आपको अपने कर्म कैसे करने चाहिए।
” आपका बहुत बहुत धन्यवाद पढ़ने के लिए ”