श्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में || Essay On Importance Of Labour In Hindi

हेल्लो दोस्तों आपका स्वागत हे तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से श्रम पर निबंध ( Essay On Labour In Hindi ) के बारे में बात करने वाले हे हमें उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आएगी। Essay On Importance Of Labour In Hindi

श्रम का महत्व पर निबंध

 

प्रस्तावना  

श्रम मानव जीवन का वो हथियार हे जिसके बल पर कोई भी इंसान अपने मुश्किल संकटो पर भी जित हासिल कर सकता हे यानिकि इंसान श्रम से ही अपने जीवन की हर एक छोटी – मोटी समस्या का समाधान कर सकता हे इस दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं हे जो श्रम के बिना सफल या पूरा हो सके इसलिए ऐसा कहा गया हे की ” परिश्रम ही सफलता की कुंजी ” हे। 

श्रम का अर्थ

श्रम का अर्थ के महेनत या संघर्ष ” पूरी महेनत और लगन से अपना काम करना ही श्रम हे। एक अच्छा जीवन जीने के लिए हमारे जीवन में श्रम का बहुत महत्व हे यानिकि श्रम ही हमारे जीवन का मुख्य आधार हे। 

“श्रम का अर्थ हे की तन , मन और लगन से किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील होना “

हमारे जीवन श्रम का महत्व

हमारे जीवन में श्रम का महत्व

 

अगर आपने देश दुनिया देखि हे तो आपको मालूम होगा की इंसान सुबह से लेकर श्याम तक इधर – उधर भागता ही रहता हे यानिकि अपने सपनो के खातिर , अपने परिवार के खातिर , अपने नाम बनाने के खातिर , अच्छी जॉब के खातिर श्रम करता हे यानिकि सारी दुनिया श्रम से ही चलती हे और जो भी व्यक्ति श्रम से दूर भागता हे वो अक्शर दुखी और दुसरो पर ही निर्भय होता हे अगर आपको स्वयं पर निर्भय होता हे तो आपको श्रम करना ही होगा। आज जो भी सफल इंसान हुए हे वो अपने जीवन में श्रम को बड़ा महत्व देते हे। 

प्राचीन समय से ही नहीं बल्कि आधुनिक विश्व साहित्य में भी श्रम का महिमा कम नहीं हे जीवन में सफलता पाने के लिए श्रम अनिवार्य हे उन्ही लोगो का जीवन सफल होता हे जो अपने जीवन में परिश्रम की आग में तपाकर उसे सोने की भ्रांति चमकदार बना देते हे परिश्रमी इंसान सदैव अपने लक्ष्य की और अग्रसर रहता हे उनका लक्ष्य कभी अधूरा नहीं रहता और उनके मार्ग में आनेवाली सभी मुश्किलों को वो सामना करते हे। समय का महत्व

श्रम शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी जरुरी होता हे क्योकि बिना श्रम से हमारे अंदर आलश्य आ जाता हे। श्रम करने से हमें रात को नींद अच्छी आती हे। कारखाने में काम करने वाले मजदुर को वहां शारीरिक श्रम की जरुरत होती हे जबकि शिक्षक , वैज्ञानिक , डॉक्टर को मानसिक श्रम से अपने उदेश्यो को पूरा करना होता हे। 

इंसान अपने जीवन में जितना अधिक श्रम करता हे उनको सफलता भी उतनी ही अधिक मिलती हे।

श्रम को जरुरी हे

आज के समय में जो भी व्यक्ति इस जीवन रूपी दौड़ में अपनी लगन और श्रम करता हे वो ही हमेंशा विजय हासिल कर सकता हे जबकि आलसी लोग जो श्रम का महत्व नहीं जानते उनको हार का मुँह देखना पड़ता हे। कोई भी इंसान श्रम से ही अपना भाग्य भी बदल सकता हे श्रम से ही इंसान के अपने विकास का मार्ग खुल सकता हे लेकिन इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी होते हे जो श्रम के बजाय अपने भाग्य पर निर्भय होते हे यानिकि ऐसे लोग श्रम की जगह अपने भाग्य को महत्व देते हे और वो इसलिए ऐसा मानते हे की उनको ऐसा लगता हे की जो हमारे भाग्य में होगा वो हमें जरूर मिलेगा लेकिन शायद उनको ये मालूम नहीं होता की भाग्य के भरोसे बैठे रहने से उनके जीवन में आलस्य जन्म लेता हे और आलस्य इंसान का सबसे बड़ा शत्रु होता हे जो उनको श्रम करने से रोकता हे जिसकी वजह से उनका विकास नहीं होता। इसलिए हर एक इंसान को अपने भाग्य के भरोसे नहीं बल्कि श्रम करके अपने जीवन सफलता की राह चुननी चाहिए। 

कोई भी इंसान अपनी सच्ची लगन और निरंतर श्रम से सफलता हासिल कर सकता हे यानिकि निरंतर श्रम करने वाला इंसान कोई भी क्षेत्र में आसानी से सफलता प्राप्त कर सकता हे जीवन में सफलता पाने के लिए लगन और श्रम अति आवश्यक हे। किताबों का महत्व

पृथ्वी का तात कहे जाने वाला किसान के श्रम से ही दुनिया को रोटी मिलती हे। मजदूरों के श्रम से ही तो बड़े बड़े कारखाने चलते हे। माली के श्रम से ही बगीचे में अच्छे और विकसित फूल खिलते हे। धोबी के श्रम से ही हमारे कपडे साफ होते हे स्कुल और कॉलेजों के विधार्थी भी श्रम करके ही सफलता प्राप्त हे इस दुनिया में आज तक जितने भी अविष्कार हुए हे वो केवल वैज्ञानिको के द्रारा लगन और श्रम का ही परिणाम हे। समुद्ध में जानेवाले गोताखोर श्रम करके ही समुद्ध के गहरे पानी में से मोती निकालते हे।

इस दुनिया में सभी पशु – पक्षियों जीवो और इंसान को भी अपना पेट भरने के लिए श्रम करना पड़ता हे। जंगल का राजा शेर जो अपना पेट भरने के लिए उसको भी अपने शिकार के पीछे भागना पड़ता हे यानिकि श्रम करना पड़ता हे तभी वो शिकार कर सकता हे यानिकि कोई उसकी गुफा में जाकर भोजन नहीं देता इस प्रकार पक्षी भी सुबह से लेकर श्याम तक इधर – उधर दाने की खोज में रहते हे तब जाकर वो अपना पेट भरते हे यानिकि दुनिया में मौजूद सभी जीवो के लिए श्रम जरुरी हे। चींटी जो कण – कण इकट्ठा करके अपने भोजन का प्रबंध करती हे वैसे ही मधुमख्खी भी एक फूल से दूसरे फूलो का रसपान करके मधु यानिकि शहद इकठ्ठा करती हे।

लगन और श्रम जिस इंसान के अंदर होते हे वो इंसान सौ गुना काम भी कर सकता हे। श्रम आदर्श जीवन का मूल मंत्र हे। प्राचीन समय से लेकर आज तक इंसान ने निरंतर श्रम से ही अपने विकास पथ प्रशस्त्र किया हे आज हमें जो भी सुविधाएं मिल रही हे वो किसी न किसी के निरंतर श्रम का ही फल हे। आज दुनिया के जितने भी उनन्त और समृद्ध देश हे उनके पीछे श्रम ही होता हे। शायद आपको ये मालूम होगा की द्वितीय महायुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के दो बड़े शहर हिरोशिमा और नागासाकी को अणु बम से तहस दहस कर दिया था लेकिन आज के दिन जापान दुनिया का सबसे अधिक संपन्न देश हे क्योकि जापान के लोगो के निरंतर श्रम से ही ये संभव हो सका हे।

दुनिया के महान से महान व्यक्तियों जिन्होंने अपना जीवन छोटे रूप से शरू किया लेकिन उनकी लगन और निरंतर श्रम की वजह से वो आज सफलता के शिखर तक पहुंच सके हे यानिकि श्रम से ही कार्य सफल होते हे इच्छा करने से नहीं।

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उपसंहार

श्रम के गुरुमंत्र को जानकर अन्य देश न जाने कितने आगे निकल गए और हम गपशप में अपना समय व्यर्थ करके आजादी के इतने वर्षो के बाद भी गरीबी की सिमा रेखा के निचे पड़े सिसक रहे हे। अगर हमें अपने देश को विकाशशील देखना हे तो हम सभी को अपने भाग्य पर निर्भय रहना छोड़कर हमें परिश्रमी बनना होगा। इस प्रकार सभी जीवो के जीवन में श्रम से ही गाड़ी चलती हे एक राष्ट्र का विकाश भी राष्ट्र के लोगो के श्रम से ही होता हे नेहरूजी ने हमें ” आराम हराम हे ”  इस नारे को देखर हमें ये प्रतीत कराया की हमें लगातार श्रम करना चाहिए।

हमें ये सदा ही अच्छी तरह से याद रखना चाहिए की श्रम ही जीवन हे उन्नति और विकास का रास्ता श्रम से होकर ही जाता हे देश को आगे बढ़ाने ने एकमात्र श्रम ही सार्थक हे।

” आपका बहुत बहुत धन्यवाद पढ़ने के लिए”