हेल्लो दोस्तों आज हम आपको जैसे को तैसा ( Tit For Tat Story In Hindi ) पर एक कहानी के बारे में इस पोस्ट में बात करने वाले हे ये कहानी बहुत ही मजेदार हे जो हमें जीवन में कैसे जीना चाहिए ये सिखाती हे तो चलो इस कहानी को शरू करते हे।
जैसे को तैसा – Tit For Tat
रामपुर नामक एक गांव था उस गाम में एक बहुत ही धनवान औरत अकेली रहती थी क्योकि इनके पति और उनके दो पुत्रो का अकस्मात में मौत हो चुकी थी। इसलिए वो अकेले ही रहती थी उसके पास धन दौलत की कोई कमी नहीं थी यहाँ तक की घर में बहुत कीमती फर्नीचर और दूसरी भी बहुत कीमती चीजे थी जिसकी वजह से उनकी जिन्दगी ऐशो आराम से गुजर रही थी।
जैसे को तैसा लघु कथा
कुछ सालो के बाद की बात हे की उस धनि औरत की दष्ट्री अचानक से चली जाती हे जिसकी वजह से वो औरत बहुत ही चिंतित हो जाती हे और वो शहर के एक मशहूर डॉक्टर को अपना इलाज करने के लिए अपने घर पर बुलाती हे और डॉक्टर उस अंधी औरत के घर आता हे दोनों के बिच बात -चित होती हे और अंत में ये शर्त रखी गई की औरत की आंखे जब अच्छी हो जाये तब वो औरत डॉक्टर को पूरी फ़ीस दे देगी ये शर्त औरत और डॉक्टर दोनों ने मान ली।
शर्त के अनुसार डॉक्टर प्रतिदिन उस अंधी और धनवान औरत के घर उनकी आँखों के इलाज करने के लिए आने लगा। जब डॉक्टर उस औरत के घर आता था तब उसकी नजर कीमती फर्नीचर और कीमती चीजे को देखकर डॉक्टर के मन में लालच होता हे और वो हर दिन कोई न कोई कीमती चीज उठाकर अपने घर ले जाता था और वो सोचता था की इस औरत को कुछ दिखाई नहीं देता तो उसे चोरी मैने की हे ये पता कैसे चलेगा। इस तरह उस लालची डॉक्टर ने उस औरत के घर से कई सारी कीमती चीजे गायब कर दी।
जैसे को तैसा कहानी
लगातर इलाज करने की वजह से उस धनी औरत की आंखे धीरे – धीरे अच्छी हो गई और वो अब सब कुछ देख सकती थी लेकिन उसने जब उसके घर का फर्नीचर और क़ीमती चीजे नहीं दिखाई दी तो वो समझ गई की ये काम डॉक्टर का ही हो सकता हे यानिकि उनको डॉक्टर की चोरी का पता चल गया लेकिन उसने सही मौके का इंतजार किया और वो चुप रही।
कुछ दिनों के बाद के बाद उस डॉक्टर का कॉल आया और उसने बताया की अब तो आपकी आंखे अच्छी हो गई हे अब आप शर्त के अनुसार मेरे पूरी फ़ीस मुझे दे दे तब उस धनी औरत ने डॉक्टर को फ़ीस देने से इनकार कर दिया तब डॉक्टर ने उस औरत के ख़िलाफ़ अदालत में शिकायत दर्ज कर दी।
Tit For Tat Story In Hindi
उस धनी औरत को अदालत में पेश किया गया और उस औरत को न्यायाधीश ने कहा की बहन इस भले डॉक्टर के सही इलाज से ही तुम्हारी आंखे अच्छी हो गई हे और अब तुम ही उसे फ़ीस देने से इनकार कर रही हो जबकि तुम्हारी ये शर्त थी की जब तुम्हारी आंखे अच्छी होगी तब तुम पूरी फ़ीस डॉक्टर को दे देंगी। तब उस धनी औरत के न्यायाधीश को कहा की यदि में देख सकती , तो मुझे अपने घर का सारा फर्नीचर और अन्य क़ीमती चीजे क्यों दिखाई नहीं देती। अब न्यायाधीश को पूरा मामला समझ में आ गया और उन्होंने डॉक्टर से कहा की तुमने इस औरत के घर से जो – जो कीमती चीजे और फर्नीचर चुराए हे उसे उन्हें लौटा दो। तुमने एक डॉक्टर होते हुए भी एक अंधेपन व्यक्ति के लाचारी और मज़बूरी का फायदा उठाया हे जिसे तुमने इसके अंधेपन का इलाज लिया हे उसके लिए तुम्हे एक पैसा भी नहीं मिलेगा और यही तुम्हारी सज़ा हे।
सिख – कहानी बहुत ही छोटी हे लेकिन कहानी की सिख बहुत ही बड़ी हे हमें इस कहानी से ये सीखना चाहिए की हमें किसी भी इंसान की मज़बूरी लाचारी का कभी फायदा उठाना नहीं चाहिए। एक इंसान होने के नाते हमें पैसो के खातिर इंसानियत को जिन्दा रखना चाहिए क्योकि खुदा का यही उसूल हे की जो भी आप दुसरो को देंगे वही वापस आपको मिलेगा फिर वो चाहे प्रेम हो , धोखा हो या फिर इज्जत हो हमें वही मिलेगा जो हमने दिया होगा या किया होगा इसलिए हमें हर इंसान को उसके जज्बात को समझना चाहिए और उसे हो सके तो मदद करनी चाहिए। अंत में बस आपको यही बोलना चाहूंगा की आप बस अपने कर्म अच्छे करते रहे इंसान तो क्या खुदा भी उसको लाइक करेगा आपके कर्म ही आपकी पहचान हे।
अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी हो तो आप इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ परिवार के साथ भी सेर करे ताकि वो भी इस कहानी पढ़कर कुछ ना कुछ सिख सके।