नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत है तो आज हम बात करने वाले है की हम मानसिक रूप से मजबूत कैसे बने? ( Mentally Strong Kaise Bane) हमें ऐसा क्या करना चाहिए की हम मानसिक रूप से बजबूत बने तो दोस्तों मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए आपको कुछ बातो का ध्यान रखना होगा।
आपको ये तो पता होता है की हम शारीरिक रूप से मजबूत कैसे हो सकते है लेकिन शायद ही कोई जानता होगा की हम मानसिक रूप से मजबूत कैसे हो सकते है इसलिए कई लोग शारीरिक रूप से मजबूत होते है लेकिन वो मानसिक रूप से बहुत कमज़ोर होते है जिसकी वजह से वो अपना कार्य अच्छी तरह से नहीं कर सकते है किसी भी काम को अच्छी तरह से करने के लिए आपको मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से मजबूत होना चाहिए तो आज हम इसी विषय पर बात करने वाले है की हम मानसिक रूप से मजबूत कैसे बने?
मानसिक रूप से मजबूत कैसे बने – Mentally Strong Kaise Bane
जो हो चूका है उसकी परवाह करना छोड़ दो
ज्यादातर लोग दुखी इसलिए रहते है क्योकि वो अपने पिछली घटनाओ को बार – बार याद करते है और दुखी और मायूस रहते है जिसकी वजह से वो वर्तमान को भी अच्छे से जी नहीं सकते अगर आप किसी परीक्षा में असफल हो गए तो कोई बात नहीं आप दूसरी बार फिर से प्रयास कर सकते है।
लेकिन कुछ लोग अपनी पिछली असफलता को लेकर बहुत चिंतित होते है की ऐसा कैसे हो सकता है? काश में इस परीक्षा में सफल हो जाता काश मैने कोई दूसरी नौकरी तलाश की होती यानिकि जो हो चूका है उसकी परवाह करते रहते है जिसकी वजह से वो उदास रहते है दुखी रहते है इसलिए जो एक बार हो चूका है उसकी परवाह करना छोड़ दे और जो आगे और अपने हाथ में है उसके लिए तैयार रहे और वो करे।
हर दिन सुबह ध्यान, योग करे
हर दिन सुबह मेडिटेशन करे योग करे क्योकि हर दिन सुबह के दौरान ध्यान, योग करके से हमारे शरीर में एक अलग ही प्रकार की ऊर्जा का संचार होता है सुबह के दौरान ध्यान करने से हम अपने आप को जान सकते है अपने विचारो को जान सकते है अपने मन को कंट्रोल कर सकते है जिससे वर्तमान समय पर हमारा ध्यान केंद्रित होता है हमारे अंदर धैर्य और सहनशीलता बढ़ती है हमारे मन में सकारात्मक विचारो का संचार होता है और नकारात्मक विचार दूर होते है।
किसी भी चीज से अधिक उम्मीदे न रखे
आज हर इंसान जिन्दा भी उम्मीद से है और दुखी भी उम्मीद से ही है उम्मीद हर एक इंसान को रखनी चाहिए लेकिन सिर्फ और सिर्फ खुद से और खुदा से क्योकि जब आप किसी से कोई उम्मीद करते है और शायद ही वो आपकी उम्मीद को पूरी करता है।
जैसे की मान लीजिये की मुझे किसी आयन नाम के दोस्त से कुछ पैसे लेने है और मुझे पूरी उम्मीद है की वो मुझे पैसे जरूर देगा लेकिन किसी वजह से उसके पास पैसे नहीं है और वो मुझे मना करता है और मुझे दुःख होता है में उदास हो जाता है की मुझे पैसे नहीं मिले इसलिए किसी भी किसी चीज से या किसी भी इंसान से कभी भी ज्यादा उम्मीद न रखे।
किसी भी चीज से डरे नहीं
हम जब भी कोई कार्य शरू करने से पहले उस काम के बारे में सोचते है तब डरते है की ये काम में कर सकूंगा या नहीं ये काम मुझसे होगा या नहीं यानिकि काम को करने से पहले ही हम डर जाते है या फिर ये सोचते है की कही में इस काम में फेल न हो जाऊ मेरे पैसे पानी में डूब न जाये लेकिन एक बात हमेंशा अपने जीवन में याद रखे की डर से आप कुछ भी हासिल नहीं कर सकते यानिकि किसी भी काम को पूरा करने के लिए रिस्क लेना बहुत जरुरी है इसलिए किसी भी चीज को या काम से डरे नहीं बल्कि उसका सामना करे।
वास्तविकता का स्वीकारे करे
कई लोग वास्तविकता का स्वीकार नहीं करते जिसकी वजह से वो अपने आप को कोसते रहते है यानिकि जो जैसा है उनको वैसा स्वीकार ही नहीं करते बल्कि उनको बदलने की कोशिश करते है जैसे की किसी इंसान का चहेरा काला है तो वो अपने आप को या भगवान को हमेंशा कोसता ही रहता है की में क्यों काला हु सब इतने गौरे है और में ही एक हु जो काला हु लेकिन वास्तविकता तो ये है की आप काले है तो उसका स्वीकार करे अपने आप को गौरा बनाने की कोशिश न करे इसलिए अपने जीवन में वास्तविकता का स्वीकार करे आप ज्यादा खुद रहोगे।
कुछ लोग ज्ञानी नहीं होते फिर भी वो बहुत ज्ञानी है ऐसा दिखावा करते है यानिकि वो वास्तविकता का स्वीकार नहीं करते की मुझे कोइ ज्ञान नहीं है इसी प्रकार हम दिखावे में ज्यादा खर्ज करते है जो हम है ही नहीं जिसकी वजह से हमें बाद में दुःख का सामना करना पड़ता है।
गलती के बाद खुद को कोसना मत
गलती हर एक इंसान से होती है और गलती वही इंसान करता है जो कुछ नया सिखता है लेकिन हमसे कोई गलती होती है तो वो हम अपने आप को कोसते रहते है की ये मेरे से क्या हो गया मुझे ये नहीं करना चाहिए यानिकि हर पल अपने आप से कोसते रहते है जो हो गया है उसे आप सुधार तो नहीं सकते लेकिन अपनी गलती से सिख लेकर आप वो गलती दोबारा कभी नहीं करेंगे क्योकि गलती आपसे एक बार हो गई है इसलिए गलती की बाद खुद को कोसना बंध करे।
अपनी शक्ति का सही इस्तमाल करे
ऐसी चीजों पर अपनी शक्ति, अपनी एलर्जी बर्बाद न करे जो आप बदल नहीं सकते जैसे की किसी इंसान से आपको प्रॉब्लम है या फिर आपको दुनिया से प्रॉब्लम है तो आप दुनिया को या किसी इंसान को तो बदल नहीं सकते या अपने हिसाब से नहीं रख सकते तो बहेतर हे की आप खुद को ही बदल दो जो नहीं बदल सकता उसे बदलने की कोशिश न करे।
यही बात हमें मालूम नहीं है की हम जिसे बदल सकते है उसे बदलना नहीं चाहते और जिसे बदल नहीं सकते उसे बदलना चाहते है जिसकी वजह से हम दुखी रहते है।
सिर्फ अपने दिल की सुने
सुने सबकी लेकिन करे सिर्फ अपने दिल की कोई चाहे तुम्हे कुछ भी कहे की तुम वैसा करो ये सब करो लेकिन जो तुम्हारा दिल चाहे वही तुमको करना चाहिए क्योकि ये सबका अधिकार है वर्ना आपको वो करना होगा जिसमे आपका मन ही नहीं है यानिकि आप आर्मी में जान चाहते है तो आप आर्मी में जाइये किसी के कहने पर आप वकील न बने इसलिए सुने सबकी लेकिन करे सिर्फ वही जो आप चाहते है।
ज्यादातर मौन ही रहे
मौन एक प्रकार की शक्ति है जिसकी वजह से आप बहुत कुछ सिख सकते है और कई समस्या से बच सकते है इसलिए हमेंशा अपने जीवन में कम ही बोले क्योकि ज्यादा बोलने से आपकी एनर्जी और दिमाग दोनों ही ख़राब होते है इसलिए जरुरत हो तो ही कुछ बोले वर्ना मौन ही रहे जब तक आप मौन है तब तक आपके शब्द आपके गुलाम होते है लेकिन जैसे ही आप कुछ बोलते है तब आप अपने शब्दों के गुलाम बन जाते है इसलिए ज्यादातर मौन रहना ही पसंद करे।
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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद ”