करीब शायरी
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वो सपना ना देखो जो टूट जाए,
वो हाथ ना थामो जो छूट जाए,
किसी को मत आने दो करीब इतना,
के उसके दूर जाने से इंसान खुद से
रूठ जाए।
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तुम्हारे करीब आकर बड़ी उलझन में हूं,
मैं गैरों में हूं या तेरे अपनों में हूं।
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हमारे करीब से गुज़रती गयी मंजिले ज़नाब,
और हम औरों को रास्ता दिखाने
में रह गए।
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मैं तेरे दिल के करीब आना चाहता हूं,
अब मैं तुझको खोना चाहता हूं,
इस तनहाई का दर्द अकेले बर्दाश्त नहीं होता,
तू एक बार आजा तुझसे लिपटकर
रोना चाहता हूं मैं।
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करीब आओगे तो शायद हमे
समझ लोगे,
यह दूरियां तो केवल फासले
बढ़ाती है।
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दूर रह कर करीब रहने की आदत है,
याद बन के आँखों से बहने की आदत है,
करीब न होते हुए भी करीब पाओगे,
मुझे एहसास बनकर रहने की आदत है।
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जिंदगी है जरा सी बहुत है अरमान,
कोई हम दर्द नहीं बहुत है इंसान,
किसको सुनाए दिल के दर्द,
दिल के करीब जो है बहुत है वो अनजान।
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तुम हो मेरा आज और मेरा कल,
तुम हो मेरे हाथो की लकीर,
आपका ही ख्याल हर पल मुझको रहता है,
कुछ इस तरह इतना दिल के करीब तुम हो।
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मेरे करीब जब से आया है,
बन कर जैसे नसीब आया है।
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अजीबो गरीब था मंजर ही हादसे का,
वो जल गया आग से जो नदी के
करीब था।
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तुम्हारे बिन जीना है मुश्किल करीब
आओ ज़रा,
दिल को तुमसे नहीं तुम्हारी हर अदा
से मोहब्बत है।
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करीब आता हूं जब भी बताने के लिए,
जिंदगी दूर रखती है सताने के लिए,
महफिलों की शान न समझना मुझे,
मैं तो अक्सर हँसता हूं गम छुपाने के लिए।
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हम दोनों को ही सही पर रास्ते
अनजाने में करीब ले आए,
फासले हमसफ़र अब मिट गए है,
कुछ ऐसे रंग लाए तेरे अंदाज ही।
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Karib Shayari In Hindi
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दिल के करीब होकर भी तू दूर है,
तेरी ही वजह से दिल इतना मजबूर है,
मेरा बहुत बुरा हाल है तेरे बिना,
अब ये दिल पत्थर की तरह चूर चूर है।
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जरा सी जिंदगी है अरमान बहुत है,
हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत है,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है वो अनजान बहुत है।
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वो करीब ही न आये तो इजहार
क्या करते खुद बने निशाना तो शिकार
क्या करते मर गए पर खुली रखी
आंखे इससे ज्यादा किसी का इंतजार
क्या करे।
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अजीबो गरीब था मंजर ही हादसे का
वो आग से जल गया जो नदी के
करीब था।
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मुझसे दूर होकर तुमने
मौत के करीब कर दिया मुझे।
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करीब जिनके जाना चाहते थे
वो दूर होते चले गए,
और जो दूर थे हमसे वो करीब
आ गए।
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तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है करीब
आ जाओ,
तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत है दिल
को तुम से ही नहीं।
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इतना रहो करीब की रिश्तो में प्यार
रहे इतना भी दूर रहो की आने का
इंतजार रहे।
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करीब आ तेरी आंखो में देख लूं खुद
को बहुत दिनों से आईना नहीं देखा।
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तू अजीज़ भी है तू मेरा नसीब भी है,
दुनिया की भीड़ में, तू मेरे सबसे
करीब है।
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दूरियां लाख सही हमारे दर्मिया
मगर दिल से जितना करीब तू है
उतना खुदा भी नहीं।
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में तेरे दिल के करीब आना चाहता हूं
में तझको नहीं और अब खोना चाहता हूं
अकेले इस तन्हाई का दर्द बर्दाश्त नहीं होता
तू एक बार आजा तुझको लिपटकर
रोना चाहता हूं में।
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सांस भी लूं तो उसकी महक आती है,
उसने ठुकराया है मुझे इतने करीब
आने के बाद।
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तुम मुझे छु जाते हो हर रोज एक नया
ख्वाब बनकर ये दुनिया तो खामखा
कहती है की तुम मेरे करीब नहीं।
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काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता,
बात करना न सही देखना तो
नसीब होता।
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खुदा करे की इस दिल की आवाज़
में इतना असर हो जाए जिसकी याद में
तड़प रहे है हम उसके करीब हो जाए।
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तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है
करीब आ जाओ,
तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत है
दिल को तुम से ही नहीं।
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पढ़ने के लिए आपका दिल से स्वागत हे।