महिला के सम्मान पर शायरी
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दिन की रौशनी 🌞 ख्वाबों में गुजर गई
रात की नींद 🌃 बच्चे को सुलाने में गुजर गई
जिसे घर मे मेरा नाम की तस्वीर भी नहीं
सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई।
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नारी 💇 ही शक्ति है नर की,
नारी ही है शोभा हे हर घर की
जिस घर मे उसे उचित सम्मान मिले
तो घर में हर पल खुशिया ही खुशिया हे।
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बेटी से बहु और माँ बनकर
सबके ही सुख -दुःख को सहकर
अपने सभी फर्ज वो निभाती हे
तभी तो वो नारी कहलाती है।
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दुनिया की पहचान है औरत
हर एक घर की जान है औरत
बेटी -बहु माँ और पत्नी बनकर
घर – घर की शान है औरत।
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लाख मेहनत करने पर भी
न रहता कोई आभारी
हर घर में रहती है एक ऐसी ही नारी।
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नारी ने संसार रचाया
नारी ने सृष्टि को चलाया
उसका यूं तिरस्कार न करो
देह जलाकर पुरस्कार न दो।
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यह तेरी मेहनत और लगन का परिणाम है
आज सबकी नजरो में तेरे लिए सम्मान है।
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जिस धर नारी का सम्मान नहीं होता
ऐसा धर हर पल अपने यश वैभव को है खोता।
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गर्भ से लेकर गालियों तक नहीं सुरक्षित कोई नारी
डरो उपरवाले से आता वक्त पड़ेगा सब पर भारी।
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महिला के सन्मान में शायरी
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दिलो में बस जाए वो मोहब्बत हूँ
कभी बहन कभी ममता की मूरत हूँ।
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नारी तुम प्रेम हो आस्था हो विश्वास हो
टूटी हुई उम्मीदो की एकमात्र आसा हो।
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क्यों कहती है दुनिया की कमजोर है
आज भी नारी के हाथो में धर चलने की डोर है।
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अपना न कारना नारियों का
इनके बल पर जग चलता है
पुरुष जन्म लेकर तो इन्ही के
गोद में पलता है।
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लोग कहते है तेरा क्या अस्तित्व नारी
दुःख को दूर कर खुशियों को बिखेरे नारी।
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अपने हौसलों तक़दीर को बदल दू
सुन ले दुनिया हा मै औरत हूँ।
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धन्य हो तुम माँ सीता
तुमने नारी का मन जीता।
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नारी का सम्मान करना पुरुषो का काम है
रावण तो कल भी बदनाम था आज भी बदनाम है।
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नारी का सम्मान करना है तो शुरुआत धर से करो
माँ बहन बेटी बहु सभी के चरण स्पर्श करो।
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बहु रानी और सास माँ होती है
नारी के सम्मान की ऐसी कहानी होती है
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कभी महबूबा तो कभी मोहब्बत बन जाती हूँ
सुना हो माँ का आँचल तो ममता की मूरत
बन जाती हूँ।
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नारी ही शक्ति हे हर भक्ति की भक्ति है
चोट लगे किसी और को आँखे इसकी रोती है।
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मनुष्य का प्रेम और विश्वास नारी है
हारे और टूटे दिल की आस नारी है।
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हर धर में जो नारी को सम्मान मिलेंगा
हर चेहरा फिर खुशियो से खिलेगा।
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नारी शक्ति के बिना हर नर है अधूरा
अपने सधर्श से करती हर काम वो पूरा।
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एहसान नही जताती कभी भरपूर प्यार देती है
अनेको रूप है इसके माँ बहु तो कभी बेटी है।
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बीटा बेटी होते एक समान
जो समझे इस बात को होता
उसका उत्थान।
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जो इज्जत और सम्मान न करे नारी का
उसका कफ़न सिलवा दो साड़ी का।
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यह सच हे की औरत को उपहार पसन्द होता है
लेकिन उसके लिए सबसे प्यारा उपहार सम्मान
होता है।
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सम्मान तुम हो अभिमान तुम हो
दिल अपना कभी न दुखाना
उसका विधाता का विधान तुम हो।
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उसे नारी कहो बेचारी नहीं
मुश्किलों से लड़ना आता उसे
काढ़नाइयो से कभी वो हारी नहीं।
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हर धर की जान है परिवार ही पहचान है
दिल न दुखने देना कभी उसका
जो इस धर की शान है।
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बहनो की इज्जत करना सीखो
फिर चाहें वह अपनी हो या किसी और की।
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यु तो नारी कोमल होती है
अड़ जाए जो किसी बात पर अगर
तो वहा जित उसी की होती है।
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नारी समाज और परिवार
की केंद्रबिंदु है।
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दुनिया की सबसे बड़ी
शक्ति नौजवानी और
औरत की सुन्दरता है।
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महिलाए पुरुषो से ज्यादा बुद्धिमान होती है
क्योकि वे कम जानती है और ज़्यादा समझतीं है।
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स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक है
एक दूसरे के सहयोग के बिना दोनों का
अस्तित्व संभव नहीं।
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नारी को धन दौलत की नहीं सम्मान
और आदर की आवश्यकता होती है।
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किसी महिला की बेइज्जत करना अपनी माँ –
बहन की बेइज्जती करने के समान है।
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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “