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हर एक लड़की अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए अपनी आँखों में काजल लगाना पसंद करती हे जिसे उनकी आँखों में ठंडक रहती हे और साथ – साथ उनकी खूबसूरती भी बढ़ती हे तो आज हम काजल पर शायरी लेकर आये हे हमें उम्मीद हे की आपको ये शायरी जरूर पसंद आएगी।
काजल पर शायरी
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चूड़ी पायल बिंदिया काजल
गजरा सब पड़े रहने दो
खिंच के बांधो जुल्फों को
मगर एक लट गाल पर रहने दो
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पहले ये क़ातिल निगाहे से क्या
कम घायल करती थी मुझे
सरेआम क़त्ल हो जाता हे मेरा
जब आप आँखों में काजल लगाते हो
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आज फिर महफ़िल में
क़यामत छा गई
उसने लगाया था आँखों में काजल
और बिन बादल बरसाद हो गई
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रात की चांदनी भी जल जाये
जब तू काजल लगाकर आ जाये
ये दिल भी धड़कना रुक जाता हे
जब तू काजल लगाकर आये।
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एक श्याम रंगीन हुई हे
तुम्हारे आँचल की तरह
आज फिर सुरमयी रंग सजा हे
बिलकुल तुम्हारे काजल की तरह
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तुम्हारे आने से हर एक श्याम
खूबसूरत हो जाती हे
फिजा भी अपना रंग बदल देती हे
जब तुम आँखों में काजल लगाती हो
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तेरी नशीली आँखों का में काजल बन जाऊ
तेरी आँखों में आंसू का बदल बन जाऊ
बस उस खुदा से एक ही ख्वाइश हे मेरी की
तेरे रास्तो के काँटों की में चादर बन जाऊ।
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में तेरी आँखों का वो
काजल बनाना चाहता हु
जिसे तू सहेज के सजाये
और बिखरने से बचाये।
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काजल शायरी २ लाइन
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होठो पर लाली ,आँखों में काजल
और माथे पर बिंदिया ,
तुम हमारे क़त्ल का पूरा इन्तजाम
करके महफ़िल में आये हो क्या।
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ये झुमके , ये काजल , ये बिंदी , ये कंगन
देख आईने में अक्स में कुछ कम था
उनकी आँखों में देखा मैने खुद को ‘
बिन शृंगार के ही नूर था। .
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क्या जरुरत हे आपको तलवार की
जब काजल आँखों में लगा रखा हे।
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गुलाब से गुलाब का रंग तेरे गालो पर आया
तेरी आँखों ने काली घटा का काजल लगाया
जवानी जो तुम पर चढ़ी तो नशा मेरी आँखों में आया।
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इरादा न था तेरा यु मुझसे जुदा होने का
वरना यु फैला न होता काजल तेरी आँखों का
संभाकालर रहना अपना हर एक कदम आप
बिखरे हे फूल मगर ठेस लग जाएगी
ये आँखों में काजल लगाने का क्या फायदा
रूप ऐसा हे की नजर लग जाएगी।
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तुम्हारी आँखों में बसी हे
मासूमियत सारी जहा की
काजल से उन्हें क्या सजाना
जो खुद खूबसूरती की पहचान हो
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तेरी आँखों से काजल
कभी बहने नहीं देंगे
हम आपसे इतना प्यार करेंगे की
आपको कभी रोने नहीं देंगे।
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तुम्हारी आँखों में समा जाऊ में
उस काजल की तरह और तू
मुझे ढूंढती रह जाएगी
पागल की तरह।
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जो बरस जाये वो बादल ही अच्छे हे
जो निगाहो को सज़ा दे वो काजल ही सच्चे हे
हमें पागल ही रहने दो क्योकि हम
पागल ही अच्छे हे।
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काजल लगाकर आप महफ़िल
के अंदाज को अपना बनाने लगे ‘
हम गाने लगे आपके लिए गजल
जैसे आप चाँद बनकर हमारे ‘
लिए रौशनी फैलाने लगे।
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देखकर में उनकी नशीले आँखों में
कागल की लकीरे
पहली दफा ये जाना की
चाँद की खूबसूरती रात से क्यू हे।
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वो सजती हे सिर्फ तुम्हारे लिए
उसकी भी तारीफ किया करो
काजल थोड़ा ऊपर निचे हो
उसे भी खूबसूरत कहा करो
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होथलाली बढाती हे तुम्हारी
होठो की खूबसूरती
बिंदिया बढाती हे तुम्हारी
माथे की खूबसूरती और
तुम्हारे आँखों का काजल बढाती हे
तुम्हारी आँखों की खूबसूरती।
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तेरे मासूम चहेरे पर ये अदा अच्छी लगती हे
जिस वक्त आप हँस दे वो दुआ सच्ची लगती हे
तेरी आँखों में काजल एक लकीर सी बनाता हे
समंदर पर ये नकाशी अच्छी लगती हे।
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श्याम की लाली रात का काजल
और सुबह की तक़दीर हो तुम
हो चलता फिरता ताजमहल
सांसे लेता कश्मीर हो तुम
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बादलो से गिरकर एक काजल का कतरा
तेरे होठो पर तिल बनकर सज गया
कभी नजर न गले तुमको किसी की भी
होठो से निलती थी दुआ आसमानो ने सुन लिया
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ये काला रंग भी क्या अजीब हे
आँखों में लग जाये तो काजल
माथे पर लग जाये तो टिका और
चरित्र पर लग जाये तो कलंक
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उधार माँगा हे आज उसने हमारी
आँखों का काजल अपनी शायरी के लिए
हमने भी ये शर्त रख दी की
शायरी हमारी आँखों पर होनी चाहिए।
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मधुवन खुश्बू देता हे
सागर सावन देता हे
जीना उसका जीना हे जो
आँखों के काजल से
औरो को जीवन देता हे
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दिल का दरिया बना के देखो
अपनी मोहब्बत में जरा पागल बना के देखो
कितने भी दीवाने होंगे तुम्हारे जरा
अपनी आँखों में काजल लगा कर देखो।
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तुम्हारी आँखों से काजल
कभी बहने नहीं देंगे
जब तक जान हे इस सांसो में
हम सिर्फ तेरे ही रहेंगे।
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तेरी ये नशीले आंखे
और उनमे लगा काजल
आपको देखते ही हम
जो जाते हे पागल
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तुम्हारे खयालो की अंगड़ाइयों में
मेरी याद के फूल महके तो होंगे
कभी अपनी आँखों के काजल से तुमने
मेरा नाम लिखकर मिटाया तो होगा।
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उसका काला टिका किसी
सुदर्शन चक्र से कम नहीं
माँ एक उँगली काजल से सारी
बलाये टाल देती हे।
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तेरी आँखों का यु बिखर हुआ काजल
इस बात की गवाही देता हे की
तू भी मुझे हर रोज याद करती हे।
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तुम हसी ना सही मुश्कान बनकर तो ज़िन्दगी में आओ
तुम हकीकत ना सही मोहब्बत बनकर तो ज़िन्दगी में आओ
तुम गजन ना सही शायरी बनकर तो ज़िन्दगी में आओ
तुम पास ना सही मगर एहसास बनकर तो ज़िन्दगी में आओ
तुम ज़िन्दगी ना सही मेरा आँखों का काजल बनकर तो ज़िन्दगी में आओ।
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काजल फनी शायरी
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अक्शर सच्चा प्यार वही हे
जो आँखों से काजल बहने न दे
और होठो पर लिपस्टिक रहने न दे
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सुनो जरा कम रुलाया करो हमें
क्योकि मेरी आँखों का काजल
आपके पापा के पैसो से नहीं आता
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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “