इस दुनिया में सबसे बड़ी ख़ुशी किसी के चहेरे पर मुश्कान लाना हे। किसी गरीब को कुछ दे न सको तो कोई बात नहीं लेकिन कभी भी उनको जलील या उनका अपमान तो मत करो गरीब से दोस्ती आपको कभी धोखा नहीं देती। गरीब के अलावा कुछ ही ऐसे इंसान होते हे जो गरीबो के बारे में सोचते। तो दोस्तों आज हम गरीबी पर शायरी लेकर आये हे हमें उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आएगी।
ग़रीबी पर शायरी – Garibi Par Shayari In Hindi
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(1)
चहेरा साफ बता रहा था
की मारा उस गरीब को भूख ने
और सब कह रहे थे के
कुछ खाकर मर गया हे
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(2)
गरीबी का एहसास जब
उनके दिल में उतर जाता हे
तब गरीब का बच्चा जिद्द
करना ही भूल जाता हे
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(3)
वो गरीब ही होता हे जो अपना
जीवन सुखी रोटी में बिता देता हे
वो अपनी ख्वाईशो को कभी पलता नहीं
बल्कि अपनी ख्वाईशो को ही मार देता हे
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(4)
जो गरीब दीपावली पर
एक दिया न जला सका
एक अमीर के पटाखे ने
उसका पूरा घर जला दिया
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(5)
गरीब के बच्चे खाना खा सके त्योहारों में
इसलिए तो भगवान खुद बिक जाते हे बाजारों में
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(6)
कांटे थे राहों में फिर भी
वो चलना सिख गया
वो गरीब का बच्चा था
हर दर्द में जीना सिख गया
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(7)
कभी आंसू तो कभी इज्जत बेची
हम गरीबो ने हर ख़ुशी बेची
चंद साँसे खरीदने के लिए हमने
हररोज थोड़ी – थोड़ी ज़िन्दगी बेची
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(8)
कोइ इतना अमीर नहीं की
आपना गुजरा वक्त बदल सके
और कोई गरीब इतना गरीब नहीं
की अपना आने वाला कल न बदल सके
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(9)
पथ्थर के भगवान को
लगते हे छप्पन प्रकार के भोग
वो मर जाते हे फुटपाथ पर
भूखे , प्यारे गरीब लोग
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(10)
जलील मत करना कभी भी
किसी गरीब इंसान को
वो सिर्फ भीख लेने नहीं बल्कि
दुआ देने भी आता हे
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(11)
वो राम की खिचड़ी भी खाता हे
वो रहीम की खीर भी खाता हे
वो गरीब कल से भूखा हे साहब
उसे कहा मजहब समझ आता हे
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(12)
अपने घर का चूल्हा जल सके
इसलिए कड़ी धुप में जलते देखा हे
हां मैने एक गरीब की साँस को
गुब्बारों में बिकते देखा हे
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(13)
अगर मरहम लगाना ही हे तो
किसी गरीब के जख्मो पर लगा लेना
हकीम तो बहुत हे इस ज़माने में
अमीरों के इलाज के खातिर
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(14)
श्याम को वो थक कर अपने
टूटे झोपड़े में सो जाता हे
वो मज़दूर ही हे जो शहर में
ऊँची इमारते बनाता हे।
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(15)
मजदुर जिनके हाथ में
हर वक्त छाले रहते हे
आबाद उन्ही के दम पर
महल वाले रहते हे
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(16)
जब भी देखता हु में किसी
गरीब को हँसते हुए
तब ये मालूम हुआ की खुशियों का
ताल्लुक दौलत से नहीं होता
Garib Ke Liye Shayari
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(17)
जनाजा बहुत ही भारी था
उस गरीब का
शायद सारे अरमान साथ
लिए जा रहा था।
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(18)
वो रोज – रोज नहीं जलता
की वो रोज – रोज नहीं जलता
वो गरीब का चूल्हा हे कोई
मंदिर का दिया थोड़ी हे
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(19)
अजीब मिठास हे उन
गरीबो के खून में भी
जिसको भी मौका मिलता हे
वो पिता जरूर हे
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(20)
गरीबी का आलम इस जहा में
कुछ इस कदर छाया हे
आज अपने ही हमें दूर
होते नज़र आये हे
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(21)
इज्जत की मिसाल
गरीबो के घर हे
दुपट्टा फटा हुआ हे लेकिन
उनके सर पर हे।
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(23)
किसी की गरीबी देखकर
कभी उनके रिश्ता मत तोड़ना
क्योकि जितना मान सन्मान
गरीब के घर मिलता हे उतना
अमीर के घर नहीं मिलता
गरीबी पर शायरी स्टेटस
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(24)
गरीब नहीं जानता की क्या
हे उनका मज़हब
पर जो बुझाये पेट की आग
वही हे उसका रब
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(25)
गरीब को गरीबी में उतार कर
अमीर बन जाते हे लोग
ये कैसा देश हे मेरा जहाँ दर्द नहीं
दर्द की तस्वीर खरीद लेते हे लोग
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(26)
क्यों छीन लेता हे मुझसे
हर एक चीज ए खुदा
क्या तू मुझसे भी ज्यादा गरीब हे
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(27)
अमीरी का हिसाब तो
दिल देख कर कीजिये साहब
वरना गरीबी तो कपड़ो से ही
दिखाई देती हे
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(28)
आज कल हर किसी ने
मेरा साथ छोड़ दिया हे
लेकिन ए गरीबी तू इतनी
वफादार कैसे निकली
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(29)
गरीबी ने निचोड़ कर रख दिया हे जिन्हे
उनके तुम हालत मत पूछो तो अच्छा हे
मज़बूरी में जिनकी इज्जत लगी दांव पर
क्या लाई सौगात ना पूछो तो अच्छा हे
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(30)
बहुत ही जल्द सिख लेता हु
ये ज़िन्दगी का हर एक सबक
में गरीब का बच्चा हु बात – बात
पर जिद्द नहीं करता हु।
Garib Par Shaayri Image
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(31)
अमीर के घर बैठा कौवा भी
अब तो मोर लगता हे
गरीब का भूखा बच्चा भी
चोर लगता हे
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(32)
फेक रहे हे रोटी क्योकि
रोटी थोड़ी कच्ची हे
इज्ज़त से फेंकना साहब
मेरी बेटी कल से भूखी हे
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(33)
ना हे कोई मेकअप ना किया शृंगार
फिर भी उनको कोई ग़म नहीं
बेटियाँ हर यह गरीब की किसी
परी से कम नहीं
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(34)
मोहब्बत करना अब हमारे
बस की बात नहीं हे क्योकि
लोग अब बिकने लगे हे और
खरीदना हमारे बस में नहीं हे
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(35)
ए किस्मत तेरे भी खेल निराले हे
गरीब को गरीब रहने दिया
और अमीर को माला – माल कर दिया
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जिन बच्चो सिर पर अपने
माता पिता का छाया नहीं हे
उनको ऐसे हालातो में देखकर
कलेजा मेरा फट जाता हे
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(37)
अपने महेमान को पलको
पर बैठा लेते हे
गरीब जानता हे की घर में
बिछौने कम हे
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(38)
बाप की गरीबी पर और
माँ के पहनावे पर कभी भी
शर्म महसूस मत करना
वो हमें हर हालत में
राजा बनाकर रखते हे
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(39)
ऐसे भी लोग होते हे जिनको
पढ़ने का ख्वाब तो होता हे
पर गरीबी के चलते वो
किताबो को भी ठुकरा देते हे
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ये गंदकी तो अमीरो ने
फैलाई हे साहब वरना
गरीब तो आज भी सड़को
से थेलिया तक उठा लेते हे
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(41)
हमसफ़र गरीब हो पर अच्छा होना चाहिए
जो आपकी इज्जत करे क्योकि
गरीबी तो काटी जा सकती हे लेकिन
बुरे इंसान के साथ ज़िन्दगी काटनी मुश्किल हे
” पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद “