नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो आज हम चीड़ वृक्ष ( Pine Plant Information In Hindi ) के बारे में बात करने वाले हे चीड़ को अंग्रेजी में ( Pine Plant ) कहते हे ये एक सपुष्पक पौधा हे इस पौधे की विशेषता ये हे की ये पौधा सीधा खड़ा होता हे जबकि इस पौधे की शाखाये और प्रशाखाएँ निकलकर शंकु आकर की तरह दिखती हे चीड़ के पौधे को हमारी सेहत के लिए बहुत उपयोगी माना गया हे। तो दोस्तों मुझे उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद होगी।
Family : Pinaceae
Order : Pinales
Subfamily : Pinoideae
Kingdom : Plantae
Division : Pinophyta
Scientific Name : Pinus
चीड़ – Pine Plant Information In Hindi
चीड़ के वृक्ष ज्यादातर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में पाए जाते हे जैसे की उत्तरी यूरोप , उत्तरी अमेरिका , उत्तरी अफ्रीका , एशिया , भारत , बर्मा , फिलीपींस आदि स्थानों पर पाए जाए जाते हे।
प्रजातियाँ
चीड़ की करीबन 114 प्रजातियाँ हे जो करीब 3 से लेकर 80 मीटर तक लम्बे हो सकते हे।
चीड़ के मुख्य दो प्रकार होते हे एक कोमल या सफ़ेद चीड़ और दूसरा कठोर या पीला चीड़।
चीड़ की कुछ प्रजातियाँ ऐसी भी हे जिनके बीज खाने के काम आते हे जैसे की पश्चिमोत्तर हिमालय का चिलगोजा चीड़ अपने सूखे फल के काफी प्रसिद्ध और मूल्यवान भी हे।
चीड़ पेड़ की विशेषता
✔ इस पेड़ का आकार पिरामिड जैसा हो जाता हे जब कम उम्र में छोटे पौधे में निचली शाखाओ का अधिक दूर तक फैलने तथा ऊपरी शाखाओ के कम दूर तक फैलने की वजह से। जबकि पुराने होने पर इसका आकार गोलाकार हो जाता हे।
✔ चीड़ के पेड़ को काटने से एक प्रकार का चिकना गौद निकलता हे जिनको गंधविरोजा कहते हे जबकि इस पेड़ से तारपीन का तेल भी निकाला जाता हे।
✔ क्या आप जानते हे की दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोगी लकड़ियों में से करीबन आधा भाग चीड़ के द्रारा पूरा होता हे यानिकि बड़े कामो में जैसे पुल का निर्माण , बड़ी इमारतों में , रेलगाड़ी की पटरियों में इस पेड़ की लकड़ी का इस्तमाल किया जाता हे।
✔ इस पेड़ में दो प्रकार की टहनियाँ पाई जाती हे एक लम्बी और दूसरी छोटी टहनियाँ। जो लम्बी टहनियाँ होती हे उन पर शल्कपत्र लगते हे जबकि छोटी टहनियाँ पर सुई आकार की लम्बी नुकीली पत्तिया गुच्छो में लगती हे जिनकी लम्बाई करीबन दो से लेकर 14 इंच तक होती हे।
चीड़ का पौधा कैसे लगाए ?
चीड़ को लगाने के लिए सबसे पहले आपको काफी अच्छी भूमि तैयार करनी होगी। उसके बाद आप छोटी – छोटी क्यारियों में मार्च अप्रेल के महीनो में चीड़ के बीज को मिट्टी के अंदर दो इंच डाल दे लेकिन उस बीज को चूहे , चिड़िया और जिव जंतु खा न ले इसलिए इनकी देखभाल करना आवश्क्य हे। जब चीड़ का पौधा अंकुरित हो तब उसे अधिक धुप से बचाये और जब पौधा एक साल का हो जाये तब उसे खोदकर उचित स्थान पर लगाए लेकिन जब आप खुदाई करे तब चीड़ के पौधे की जड़ो को किसी प्रकार की हानि न पहुँचे।
चीड़ में मुख्य दो प्रकार के रोग हे।
1 . सफ़ेद चीड़ ब्लिस्टर रतुआ
2 . आरमिलेरिया जड़ सड़न
चीड़ से होने वाले फायदे
✅ चीड़ का तेल को छाती वाले भाग पर लगाने से या मालिश करने से श्वास और खाँसी में लाभ होता हे।
✅ चीड़ का तेल सर्दी और जुकाम के संक्रमण से बचाता हे
✅ चीड़ के तेल में पाए जाने वाला एंटी इम्फेमेंटरी गुण जो हमारे शरीर में हो रहे दर्द और सूजन को कम करता हे।
✅ चीड़ के तेल में भूख कम करने वाले गुण पाए जाते हे।
✅ किसी भी घाव पर गंधविरोजा लगाने से घवा जल्दी भर जाता हे।
✅ मुँह में छाले पड़ने की समस्या से पीड़ित लोगो के लिए चीड़ के पेड़ में से पाए जाने वाला गोंद ( गंधविरोजा ) का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हे। पेड़ से हमें क्या – क्या मिलता है
✅ चीड़ के तेल में बराबर मात्रा में सरसो का तेल मिलाकर फिर बच्चो के मालिश करने से सर्दी में आराम मिलता हे।
सवाल & जवाब
चीड़ वृक्ष का वैज्ञानिक नाम क्या हे ?
चीड़ का वैज्ञानिक नाम Pines हे।
चीड़ के पेड़ कैसे होते हे ?
चीड़ के पेड़ शंकु आकार के और लम्बे होते हे।
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