नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो आज हम बात करने वाले हे मोढेरा सूर्य मंदिर के बारे में जो गुजरात के महेसाणा जिले के मोढेरा नामक गांव के पुष्पा नदी के किनारे स्थित हे। ये मंदिर भारत के जाने माने स्थपत्य और शिल्प कला के मंदिरो में से एक हे मोढेरा का सूर्य मंदिर जो हाल भारतीय पुरातत्व विभाग के सरंक्षण में हे तो दोस्तों मुझे उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद होगी।
हमारे देश में सूर्य को एक भगवान के रूप में माना जाता हे जिसकी वजह से सूर्य देव के मंदिरो का निर्माण प्राचीन काल से किया जाता रहा हे यानिकि प्राचीन काल से प्राचीन ग्रंथो में वेदो पुराणों में सूर्य का काफी महत्व रहा हे। हमारे जीवन में सूर्य का महत्व
मोढेरा का सूर्य मंदिर
✅ मोढेरा के सूर्य मंदिर का जिक्र कई पुराणों में भी किया गया हे जैसे की स्कंद पुराण , ब्रह्मपुराण जिसमे ये कहा गया हे की प्राचीन काल में मोढेरा के आसपास के क्षेत्र धर्मरन्य के नाम से जाना जाता था।
✅ इस मंदिर के परिसर के मुख्य तीन भाग हे गूढ़मण्डप , सभामण्डप और कुण्ड इन सभी मण्डपों के बाहरी भागो में स्थम्भो पर बेहत ही आकर्षक और सूक्ष्म नक्काशी की गई हे।
✅ मोढेरा का सूर्य मंदिर अपने समृद्ध काल में पूजा अर्चना , नृत्य और संगीत से भरपूर जागृत मंदिर था।
✅ कुण्ड के निचले हिस्से तक जाने के लिए सीढिया मौजूद हे और आसपास कुछ छोटे – छोटे मंदिर भी हे।
✅ इस मंदिर का पहला हिस्सा गर्भगृह का जबकि दूसरा सभामण्डप का हे।
✅ गर्भगृह की अंदर की लम्बाई करीबन 51 फुट , 9 इंच जबकि चौड़ाई 25 फुट 8 इंच हे।
✅ मंदिर के सभामण्डप में कुल 52 स्तंभ मौजूद हे जबकि इन स्तंभों तरह – तरह के देवी – देवताओ के चित्र मौजूद हे इसके अलावा महाभारत और रामायण के प्रसंगो को बहेतरीन कारीगिरी के साथ दिखाया गया हे।
मोढेरा सूर्य मंदिर का निर्माण
अगर हम इस मंदिर के निर्माण के बारे में बात करे तो ईरानी शैली में बने इन मोढेरा सूर्य मंदिर का निर्माण सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम के द्रारा इस मंदिर का निर्मणा किया गया था।
इस मंदिर के निर्माण में मूल खण्डो को आपस में गूँथ कर संरचना खड़ी की गई हे ऐसा कहा जाता हे की भूकंप की स्थिति में इसकी संरचना भले ही हिले लेकिन ये गिरेगी नहीं।
मोढेरा सूर्य मंदिर की विशेषताए
✅ मोढेरा सूर्य मंदिर सूर्यदेव के प्रसिद्ध मंदिरो में से एक मंदिर हे।
✅ मोढेरा सूर्य मंदिर में पूजा करना निषिद्ध हे।
✅ गुजरात के सोलंकी शैली में मौजूद सभी मंदिरो में मोढेरा सूर्य मंदिर अपनी स्थापत्य की दृष्ट्रि में सर्वोच्य स्थान हे।
✅ इस मंदिर के निर्माण में जोड़ लगाने के लिए कही भी चुने का प्रयोग नहीं किया गया।
✅ इस मंदिर में मौजूद स्तंभों को निचे की और देखने पर वो अष्टकोणाकार दिखते हे जबकि ऊपर की और देखने पर वही स्तम्भ गोल नजर आते हे।
✅ मोढेरा सूर्य मंदिर का निर्माण ही कुछ इस प्रकार से किया गया हे की सूर्योदय होने पर सूर्य की पहली किरण इस मंदिर के गर्भगृह को रोशन करता हे।
✅ इस मंदिर के आगे एक विशाल कुण्ड हे जो सूर्यकुंड या रामकुंड से प्रसिद्ध हे। और इस कुण्ड में अब भी अनेक कछुए निवास करते हे।
✅ ये मंदिर भारत को चीरती कर्क रेखा के ऊपर स्थापित हे।
✅ ये मंदिर अपनी उत्तम वास्तुकला के साथ – साथ ये मंदिर अपनी सुंदरता के लिए भी जाना जाता हे।
अन्य सूर्य मंदिर
भारत अति प्राचीन काल से ही स्थापत्य कला के लिए दुनिया में प्रसिद्ध रहा हे प्राचीन राजाओ के द्रारा निर्मित किये गए हुए मंदिरो का आज भी कोई मुकाबला नहीं हे भारत में कई अन्य सूर्य मंदिर भी हे जैसे की। ….
✅ कोणार्क सूर्य मंदिर उड़ीसा
✅ मार्तंड सूर्य मंदिर जम्मू
✅ प्रतापगढ़ का सूर्य मंदिर उत्तर प्रदेश
✅ सूर्य मंदिर अल्मोड़ा
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