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    जन्माष्टमी के बारे में जानकारी – Janmashtami In Hindi 2022

    admin1By admin1August 9, 2022Updated:October 15, 2022No Comments5 Mins Read

     हमारे देश में सभी खास त्योहारों में से एक त्यौहार हे जन्माष्टमी। इस दिन सभी लोग भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हे उनके जाप करते हे मंदिरो में सजावट करते हे नए कपडे पहनते हे यानिकि जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूम – धाम से मनाते हे। तो दोस्तों आज हम जन्माष्टमी के बारे में बात करने वाले हे हमें उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद होगा। 

    Janmashtami in hindi 2022

     

    2022 में जन्माष्टमी कब हे?

    इस साल यानिकि 2022 में जन्माष्टमी 18 अगस्त 2022 , गुरूवार के दिन मनाई जायेगी।हमारे देश में हर साल लोग जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूम धाम और बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाते हे। 

    जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती हे?

    आप सभी लोग ये जानते ही होंगे की हमारे भारत में हर साल जन्माष्टमी मनाई जाती हे लेकिन क्या आप ये जानते हे की आखिर ये जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती हे? हमारे हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार माना जाता हे यानिकि भगवान ने पृथ्वी को कंस से बचाने के लिए या कंस के आतंक को मिटाने के लिए अवतार लिया था। इसी मान्यता के अनुसार हा साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता हे। 

    कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व क्या हे?

    भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद पाने के लिए सब लोग इस दिन उपवास करते हे और कई लोग भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना और भजन भी करते हे। गावो में शहरों में अलग – अलग प्रकार से भगवान श्री कृष्ण की मुर्तिया बनाई जाती हे और एक से दो दिन तक उसकी पूजा की जाती हे गरीबो की सेवा की जाती हे इस दिन मध्यरात्रि के समय भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के वक्त सभी लोग एकत्रित होकर विशेष पूजा अर्चना करते हे। भगवान कृष्ण को हमारे धर्म के अनुसार भगवान विष्णु का अवतार माना जाता हे यही विशेष कारन हे जन्माष्टमी के महत्व का। संतान प्राप्ति के लिए और सुख समृद्रि के लिए जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व हे। जन्माष्टमी पर शायरी

    भारत में जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती हे?

    भारत में जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्म को चिह्नित करने के लिए मनाई जाती हे लेकिन अलग – अलग प्रदेशो में अलग – अलग प्रकार से जन्माष्टमी मनाई हे कई लोग दही -हांड़ी तोड़कर मनाते हे कई लोग इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करके मानते हे तो कई लोग उपवास करते हे भजन कीर्तन करते हे जबकि भारत के गावो में जन्माष्टमी का पर्व सभी लोग साथ मिलकर दो दिन तक मनाते हे गांव के लोग मिट्टी से भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाते हे और उसकी पूजा करते हे उसको पिले वस्त्र पहनाते हे और अंतिम दिन में भगवान श्री कृष्ण की मूर्तिं को पानी में विसर्जन  करते हे उस दिन सभी की दावत साथ में होती हे। इस तरह  भारत में विभिन्न तरीको से ये पर्व मनाया जाता हे। अधिक जाने

    जन्माष्टमी के दिन छुट्टी हे क्या?

    शहर के सरकारी स्कूलों में और निजी स्कूलों में जन्माष्टमी की छुट्टी अलग – अलग दिन हे सरकारी स्कूलों में प्रदेश सरकार के कैलेंडर मुताबिक शुक्रवार को छुट्टी घोषित की गई हे। 

    भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न कैसे करे?

     जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए या उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग तरह तरह की पूजा करते हे जबकि कई लोग उपवास करते हे कई लोग भगवान श्री कृष्ण प्रतिमा को पिले रंग के वस्त्र पहनाते हे उनकी आरती उतरते हे धुप – दिप करते हे भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को तरह – तरह के सघंधित पुष्प अर्पित करते हे चन्दन लगाते हे। भगवान श्री कृष्ण माखन चोर के नाम से भी जाना जाता हे यानिकि कृष्ण को दूध – दही और मक्खन विशेष पसंद था इसलिए कई लोग इसका प्रसाद बनाकर उनको अर्पित करते हे। हमारे हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जन्माष्टमी के दिन व्रत , उपवास या विशेष पूजा अर्चना करने से हमारी सारी मनोकामनाये पूरी होती हे।

    जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा कैसे करे?

    जन्माष्टमी के दिन आपको सुबह जल्दी उठाना हे और स्नान करके स्वच्छ पकड़े पहन लेने चाहिए उसके बाद आपको उत्तर दिशा में मुँह करके जन्माष्टमी का व्रत लेने की शपत ले। उसके बाद अपने घर में माँ देवकी और भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा या फिर चित्र को झूले में रखे। उसके बाद आपके पास जो भी पुष्प हो उसे अर्पित करे। भगवान श्री कृष्ण के नाम का जाप करे उसके पसंदीदा प्रसाद बांटे। और आधी रात के बाद भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाये। अधिक जाने

    जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

    अगर आपने जन्माष्टमी के दिन व्रत या फिर उपवास रखा हे तो श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर आपको प्यास , लहसुन या फिर कोई भी तामसिक भोजन नहीं लेना चाहिए इतना ही नहीं इस दिन आपको चावल और जौ से बनी चीजों को भी टालना चाहिए। जन्माष्टमी के दिन आपके घर में शराब और मांस आना नहीं चाहिए और आपको खाना भी नहीं चाहिए। इस दिन गाय या किसी भी जानवर पर कोई अत्याचार न करे। 

    जन्माष्टमी के दिन क्या खाना चाहिए?

    अगर आपने जन्माष्टमी के उपवास किया हे तो आप फल का सेवन कर सकते हे जैसे की सेव , तरबूच , पपीता और केले जैसे फलो का सेवन करे और अगर आपके पास फल नहीं हे और आपने जन्माष्टमी का व्रत रखा हे तो आप दही की लस्सी का सेवन कर सकते हे। 

    जन्माष्टमी घर पर कैसे मनाई जाती हे?

    जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का एक खास त्यौहार हे। इसे आप अपने अपने घर पर भी मना सकते हे। घर पर आप उपवास करके , भगवान श्री कृष्ण के जाप करके , या फिर भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा की पूजा करके , घर में भजन कीर्तन करके भी आप जन्माष्टमी के पर्व को मना सकते हे।

    भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान क्या हे?

    भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मथुरा हे इसलिए जन्माष्टमी का त्यौहार विशेष रूप से मनाया जाता हे। 

    ” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “

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