मोहब्बत में भी काश चुनाव होते
तुझे पाने के लिए गज़ब के भाषण देते।
तू काश मेरे आँखों का आंसू बन जाये,
रोना ही छोड़ दूँ मैं तुझे खोने के डर से।
सब कुछ भूल सकता है इंसान
सिवाय उन पलों के,
उसे जब अपनों की जरूरत थी और
वो साथ नहीं थे।
काश कोई अपना हो तो आईने जैसा हो,
जो मेरे साथ हँसे भी और रोए भी साथ।
तू काश इतनी सी मोहब्बत निभा दे,
मैं जब भी रूठूँ तो मुझे तू मना ले।
मैं काश ऐसी जरूरत बन जाऊं जिसकी,
तुम्हे तलब रहे सारी जिंदगी।
तेरे जाने की आवाज काश हमने न
सुनी होती,
इस दिल के खाली होने का एहसास
नहीं होता।
काश फिर मिलने की वजह मिल जाए
साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए
चलो अपनी अपनी आँखों बंद कर लें
क्या पता ख़्वाबों में गुजरा हुआ कल मिल जाए।
काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
तुम आकर गले लगा लो मुझे मेरी
इजाजत के बगैर।
हमने तुम्हे काश अपना न बनाया होता,
नाही टूटता दिल मोहब्बत में
हम ने तुमसे दिल लगाया न होता।
Kaash Shayari In Hindi
कितने लोगो की तकदीर सवारी है
ऊपर वाले ने,
काश मुझे भी वो एक बार कह दे की
आज तेरी बारी है।
काश ये मालूम होता दिल ए गुमराह को,
प्यार तब तक हसीन है जब तक
नहीं होता।
काश कोई होता जो गले लगाकर कहे की,
रोया ना कर पागल मुझे भी तेरे दर्द
से दर्द होता है।
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो,
पागल डरते क्यों हो मैं तुम्हारी ही
तो हूं।
काश दर्द तेरे भी पैर होते कहीं थक
के रुकते तो सही।
काश तुम समझ पाते की
चुप रहने वाले को भी दर्द होता है।
काश के कोई मेरा अपना सम्भाल
ले मुझको।
काश की मेरा कोई अपना संभाल
ले मुझको,
बहुत थोड़ा सा रह गया हूं मैं भी इस
साल की तरह।
काश उनको कभी फुर्सत में ये ख्याल आए,
की कोई याद करता है उन्हें जिंदगी
समझकर।
काश वो आ जायें और देख कर कहे मुझसे,
हम मर गये है क्या जो इतने उदास
रहते है।
तुम काश समझ पाते मेरे अनकहे
अल्फाजों को,
तो ये एहसास स्याही और कागज़ के
मोहताज ना होते।
Kaash Quotes In Hindi
काश तेरे वजूद में यूं उतर जाऊ,
देखे तू आइना और मैं नजर आऊ तुझे।
काश एक दिन ऐसा भी आये हम तेरी
बाहों में समा जाएँ,
सिर्फ हम हो और तुम हो और वक्त ही
ठहर जाए।
वो समझते काश इस दिल की तड़प को
तो हमें यूं रुसवा ना किया होता
उनकी ये बेरुखी भी मंजूर थी हमे,
हमें बस एक बार समझ लिया होता।
ये दिल काश अपने बस में होता,
नाही किसी की याद आती नाही किसी
से प्यार होता।
काश ख्वाहिसों का आदि दिल
ये समझ सकता,
की सांस टूट जाती है एक आस
टूट जाने से।
रोज़ वो देखता है ढलते सूरज को
इस तरह,
काश मैं भी किसी शाम का मंजर
होता।
मेरी जिंदगी में भी काश ऐसा
दिन आये,
सुबह आंख खोलू मैं और तेरा
चेहरा नजर आये।
काश ऐ कुदरत का कहीं ये नियम
हुआ करे,
तुझे देखने के सिवा ना मुझे कोई
काम हुआ करे।
काश तुम पूछो के तुम मेरे क्या
लगते हो,
में गले लगाऊ और कहु सब कुछ।
तुम काश सिर्फ मेरे होते या तो
फिर मिले ही ना होते।
काश एक शायरी कभी तुम्हारी कलम
से ऐसी भी हो जो मेरी हो मुझ पर
हो और बस मेरे लिए ही हो।
काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत
के बगैर,
वो आके गले लगा ले मेरी इजाज़त
के बगैर।
काश फुरसत में उन्हें भी ये ख्याल
आ जाये की कोई याद करता है
उन्हें जिंदगी समझकर।
काश की तुम समझ सकते मोहब्बत
के उसूलों को,
किसी के जीने की वजह बनके उन्हें
तनहा छोड़ नहीं जाता।
ये दिल काश बेजान होता,
ना किसी के आने से घड़कता
ना किसी के जाने पर तड़पता।
काश तुमने एक बार आवाज़ तो दी होती,
हम तो वहां से भी लौट आते जहां से
कोई नहीं आता।
उसकी हसरत को मेरे दिल में
लिखने वाले,
काश उसे भी मेरे नसीब में लिखा
होता।
काश मेरी जिंदगी का अंत कुछ
इस तरह हो,
की मेरी कबर पे बना उनका घर हो,
वो जब जब सोये जमीन पर,
मेरी सीने से लगा उसका सर हो।
काश तेरा घर मेरे घर के सामने होता
तो रोज मिलना ना सही लेकिन
देखना तो नसीब होता।
” पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद “