नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत है तो आज हम सूर्य का महत्व (Surya Ka mahatva) क्या है इसके बारे में बात करने वाले है समस्त जगत की आत्मा सूर्य हे इस पृथ्वी पर मौजूद हर एक जिव जंतु , वनस्पति , फूल पौधे सबके लिए सूरज का महत्व विशेष हे क्योकि सूर्य से ही सबका विकाश संभव हे। सूर्य की रोशनी की वजह से ही धरती पर सुखद और रोशन जगह बनती है।
आप कल्पना कर सकते हे की अगर सूर्य न होता तो क्या होता? क्या सूर्य के बिना हमारा जीवन शक्य होता क्या धरती पर फूल पौधे होते पशु पक्षी होते नहीं ना तो अब आप समझ गए होंगे की धरती पर मौजूद हर जिव , वनस्पति, फूल पौधे के लिए सूर्य का कितना महत्व हे। तो दोस्तों आज हम हमारे जीवन में सूर्य का क्या महत्व हे इसके बारे में बात करने वाले हे तो हमें उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आएगा।
सूर्य का महत्व – Surya Ka mahatva
धरती अगर हमारी माता हे तो सूर्य हमारे पिता हे यानिकि सूर्य और धरती से हम जीवन धारण किये हुए हे। सूर्य पुरे संसार की आत्मा हे ऐसा कहा जाये तो कुछ गलत नहीं होगा क्योकि सूर्य के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जिस प्रकार मधुमख्खिया रसपान करने के लिए फूल के चारो तरफ मँडराया करती हे उसी प्रकार ही पृथ्वी भी अपनी जीवन रक्षा के लिए उपयुक्त सामग्री पाने के लिए सूर्य की चारो तरफ परिक्रमा करती हे। सारी सृष्ट्रि का ऊर्जा और प्रकाश का मुख्य स्त्रोत सूर्य ही हे यानिकि सूर्य के बिना हमारे जीवन की कल्पना की ही नहीं जाती।
किसी भी इंसान को स्वास्थ्य रहने के लिए जीतनी शुद्ध हवा की आवश्यकता होती हे उतनी ही सूर्य प्रकाश भी आवश्यकता हे यानिकि सूर्य प्रकाश में मावन शरीर के कमजोर अंगो को पुन: सशक्त और सक्रीय बनाने की अद्भुत क्षमता होती हे। सूर्य की किरणे हमारे शरीर के रक्त में मौजूद इम्यून सेल्स को त्वचा की सतह तक ले जाती हे जिसकी वजह से त्वचा को कई तरह के रोगो से लड़ने की ताकत मिलती हे।
सुबह सुबह सूर्य की किरणे से हमें विटामिन डी मिलता हे जिससे हमारी रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ती हे यानिकि सूर्य के प्रकाश में इतनी प्रचंड रोग नाशक शक्ति होती हे जिससे बड़े से रोग भी नष्ट हो जाते हे। हर रोज अपने खेत में काम करने वाले किसान दिन रात सूर्य प्रकाश में कठोर परिश्रम करता हे फिर भी उनका स्वास्थ्य ठीक रहता हे यानिकि वो तंदुरस्थ होता हे बीमारी या रोग उसके पास भी नहीं आते। और अगर कोई बीमारी हुई हे तो बिना दवा के वो चार पांच दिन में ठीक हो जाते हे।
जबकि शहरों में रहने वाले लोग जो पुरे दिन छाया में अपना जीवन व्यतीत करते हे वो पौष्टिक आहार खाने के बाद भी , पूरा आराम करने के बाद भी बीमार पड़े रहते हे। जब से हमने धुप में रहना कम किया हे और छाँव में रहना ज्यादा पसंद किया हे तब से बहुमूल्य स्वास्थ्य को हमने गवा दिया हे जबकि डॉक्टर सोले का ये मानना हे की सूर्य के प्रकाश में जीतनी रोगनाशक शक्ति हे उतनी संसार की किसी भी वस्तु में नहीं हे।
अगर हम हमारे प्राचीन संस्कृति पर एक नजर डालिये तो हमें ये समझ आएगा की वैदिक काल में आर्य सूर्य को ही सारे जगत का कर्ता धर्ता मानते थे जबकि ऋग्वेद के देवताओ में भी सूर्यदेव का महत्वपूर्ण स्थान हे और हमारे प्राचीन आचार्यो ने सूर्य प्राणायाम , सूर्य नमस्कार , सूर्य उपासना , सूर्य योग आदि अनेक सुबह की क्रियाओ को धार्मिक स्थान दिया था।
प्राचीन समय में गुरु लोग अपने शिष्यों को कोई भी अपराध करने पर उस शिष्य को धुप में खड़ा रहने का दंड देते हे और योगी लोग धुप में तप , आराधना करते हे क्योकि ऐसा करने से पूर्व सूर्य की रोगनाशक शक्ति के बारे में उन्होंने विचार कर लिया था। सूर्य उपासना करने से कई रोग और बीमारिया नष्ट होती हे यानिकि सूर्य एक औषधि के समान हे जिनका लाभ हम सबको लेना चाहिए।
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सूर्य न होता तो क्या होता?
अगर सूर्य न होता तो क्या होता? अगर सूर्य न होता तो चारो तरफ सिर्फ अँधेरा ही होता इतना ही नहीं बल्कि पूरी धरती पर कोई जिव जंतु , पशु पक्षी , वनस्पति , फूल पौधे की भी उत्पत्ति न होती क्योकि पेड़ पौधों को अपना भोजन बनाने के लिए सूर्य की आवशकता रहती हे और जब सूर्य ही न हो तो पेड़ पौधों का विकास कैसे होगा जिसकी वजह से पशु जिव जंतु जो पेड़ पौधे को खाते हे उनकी पूर्ति कहा से होगी यानिकि सूर्य के बिना धरती पर किसी की भी उत्पति नहीं हो सकती हे।
यानिकि सूर्य धरती पर मौजूद हर जिव को ऊर्जा प्रदान करता हे यानिकि सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन शक्य हे इसी प्रकार हमारे जीवन में ही नहीं बल्कि सारे जिव जंतु , पशु पक्षी , वनस्पति , पेड़ पौधे के लिए भी सूर्य का बहुत ही बड़ा महत्व हे।