हैलो दोस्तों आप सभी को में दिल से स्वागत करता हु। के ये कहानी एक गरीब परिवार की हे जो गरीब था उसमे एक लड़का था जिसका दिमाग काम नहीं कर रहा था पर वो पोलिस बनाना चाहता था उसने पोलिस बननेका सपना देखा था महेनत वो अपनी महेनत से पोलिस बनकर दिखता हे और उसका दिमागी हालत भी ठीक हो गई। तो चलो इस कहानी को देख लेते हे।
उसे थोड़ा थोड़ा पढ़ना आता था इस लिए वो थोड़ी ज्याद महेनत करने लगा और घीरे घीरे उसे पढ़ना लिखना आने लगा। ये देख कर उसके टीचर भी बहोत खुश हुई ये सब देख कर टीचर ने उसके मम्मी पप्पा को सलाह दी की वो इसका इलाज कराए। उसके मम्मी पप्पा ने भी टीचर की बात मानकर इसका इलाज करवाना शरू किया इलाज करवाते करवाते काफी साल बीत गए लेकिन उनका नशीब काम कर गया उनकी दिमाग़ की हालत घीरे घीरे सुघरने लगी। डॉक्टरने उसे जब तक वो पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता तब तक उसे दवाई दी जाए वो लड़का हॉस्पिटल मा होवा छता पण उसने अपनी पढ़ाई बारी रखी वो हॉस्पिटल में भी जब तक समय मिलता तब वो पढ़ाई करता फिर उसकी ट्रीटमेन चल रही थी तब उसकी 12 वी की एग्ज़ाम थी। उस लड़के ने 12 वी की एग्ज़ाम की बहोत सारी तैयारियां की थी और 12 वी की एग्ज़ाम उसने दी और पास हो गया ये सुनकर लड़के टीचर और उसके मम्मी पप्पा बहोत खुश हुए।
उसके बाद उसका दिमांग ठीक होने के कारण वो बहोत खुश था। उसे लगता की अब वो बड़ा हो गया हेऔर अब वो पोलिस बन सकता हे। लेकिन फिर उसके टीचर ने उसको समजाया की पोलिस बनने के लिए उसे ज्यादा महेनत की जरूरत पड़ सकती हे। तब उसने मनमे थाना की अब में ज्यादा महेनत करुंगा। वो सुबह जल्दी उठ जाता हे फिर दौड़ने के लिए चला जाता हे ये सब उसको मम्मी पप्पा देखते हे और मनमे बहोत ही खुश होते हे। उस लड़के ने अपनी महेनत जारी रखी और वो बहोत ज्यादा महेनत करने लगा। वो किसी भी हालत में पोलिस बनना चाहता था। और अपने सपने को पूरा करने के लिए वो रात दिन महेनत कर रहा था। तब एक दिन वो पोलिस भर्ती में हिस्सा लिया और उसमे टेनिंग लेने के लिए गया लेकिन टेनिंग में उसके दिमाग़ की हालत ठीक न होने के कारण उसे रिजेक्ट किया गया और वो निराश हो के घर वापस आ गया।
घर आकर वो हॉस्पिटल गया और उसने दिमांग ठीक होने की दवाई ली डॉक्टर ने कहा की वो ठीक हो जायेगा तब उसने दवाई लेना शुरू किया और वो ठीक हो गया फिर से वो भर्ती मारने के लिए गया और वो पास हो गया और उसने अपना सपना साकार किया उसके मम्मी पप्पा बहोत ही खुश हुए की उसका बेटा पोलिस भी बन गया और उसका दिमांग भी ठीक हो गया।
दोस्तों हमे इस कहानी से ये प्रेरणा मिलती हे की अगर हम कैसी भी हालत में क्यु न हो मगर हमारा मनोबण मक्क्म हो तो हम किसी भी नौकरी को पा सकते हे। और हमारी महेनत से उसमे क़ाबिलियत दिखा सकते हे।
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