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    प्रधान और कुत्ते – Mindset Changing Motivation Hindi Story

    admin1By admin1August 14, 2020Updated:December 16, 2022No Comments5 Mins Read

    दोस्तों आज हम आपके सामने एक ऐसी कहानी के बारे में बात करने वाले हे जिसे आप अपने जीवन में बहुत कूच सिख सकते हे। ये कहानी हे प्रधान और कुत्ते की हे तो चलो दोस्तों इस कहानी को हम शरू करते हे।

    प्रधान और कुत्ते – Mindset Changing Motivation Hindi Story

    Mindset Changing Motivation Hindi Story

            
                दोस्तों ये कहानी हे एक प्रधान की जो एक राजा के वहां राज्य के क़ारोबार के हिसाब का काम कई सालों से इमानदारी से करता था। लेकिन उस  राज्य के राजा की एक बुरी आदत थी। और वो बुरी आदत वो थी  की उस राजा के राज्य में जो भी इंसान कोई भी ग़लती करे तो उसकी सज़ा केवल एक ही रहती थी। और वो सज़ा ये थी की उस राजा के पास पांच जंगली कुत्ते थे और जिस इंसान ने ग़लती की उसको उस पांच जंगली कुत्तो के सामने रखा जाता था और वो जंगली कुत्ते उस इंसान को बहुत बुरी तरह से तड़पा तड़पा कर उसको मार देते थे।

    यानिकि उस इंसान को बहुत दर्दनाक मौत का सामना करना पड़ता था अब चाहे ग़लती किसी की भी क्यू न हो लेकिन उसकी सज़ा केवल एक ही थी की उस इंसान को जंगली कुत्ते के सामने रखा जाता था। इसलिए उस राज्य के सभी लोग बड़े ख़ौफ़ के साथ रहते थे की कोइ ग़लती हमसें न हो। 

              एक दिन की बात हे की इस राज्य के प्रधान से राज्य के क़ारोबार के हिसाब में कूच ग़लती हो जाती हे। ग़लती होने पर वो प्रधान अपने राजा से माफ़ी माँगता हे की राजा जी मुझसे हिसाब किताब में ग़लती हुइ हे ये में मानता हु लेकिन में अपने यहां कई सालों से हिसाब क़िताब का काम करता हु लेकिन मुझसे कोइ गलती नहीं हुइ मगर आज मुझसे एक छोटी सी ग़लती हो गई हे कृपया आप मुझे माफ़ करे।

    मगर राजा बोलता हे की प्रधान आपको तो पता ही हे की इस राज्य में ग़लती की एक ही सज़ा हे चाहे ग़लती छोटी हो या बड़ी। इसलिए आपको भी अपनी ग़लती की सज़ा जरूर मिलेंगी। और अगर आपको मैने छोड़ दिया तो राज्य के लोगो मुझे क्या कहेंगे की राजा ने अपने प्रधान को छोड़ दिया ये कैसा न्याय हे इसलिए आपको भी सज़ा मिलेगी। अब उस प्रधान को लगता हे की राजा मुझे माफ़ करने वाले नहीं हे और मुझे भी उस जंगली कुत्ते के सामने रख दिया जायेंगे तब प्रधान राजा से बोलता हे की राजा जी मेरी एक आखरी इच्छा हे।

    तब राजा बोलता हे बताओ प्रधान तुम्हारी आख़री इच्छा क्या हे तब प्रधान राजा जी से बोलता हे की आप मुझे मेरी ग़लती की सज़ा जरूर दे की आप मुझे जंगली कुत्ते के सामने डाल देना। लेकिन मुझे आप दस दिनों की मोहलत दे दीजिये यानिकि मुझे दस दिनों के बाद सज़ा दीजिये। ये सुनकर राजा बोलता हे की तुम अगर इस दस दिनों में भाग गए तो तुम्हारी ग़लती का क्या होगा।

    तब प्रधान बोलता हे की नहीं राजा जी में कही नहीं जाऊंगा में इस राज्य के अंदर ही रहूँगा। आप मुझे बस दस दिनों की मोहलत दे दीजिये। तब राजा बोलता हे ठीक हे लेकिन दस दिन के बाद तुम्हे सज़ा जरूर मिलेंगी। अब प्रधान को दस दिनों की मोहलत दी जाती हे। Life Changing Massages Story In Hindi

               दस दिनों के बाद प्रधान को लाया जाता हे। और राजा खुद साथ चलता हे की प्रधान को कुत्ते के सामने छोड़ दिया जाये। और उस प्रधान को उस जंगली कुत्तो के सामने रखा जाता हे लेकिन वो पांच कुत्ते प्रधान को काटने के आलावा प्रधान को चाटने लगते हे यानिकि प्रधान से प्यार कर रहे हे ये सब राजा देखता हे तो उसको समझ नहीं आता की इन कुत्तो को क्या हुआ हे जो काटने के बजाय प्यार करते हे।

    ये सब देखते राजा हैरान हो जाता हे तब प्रधान राजा को बोलता हे की राजा जी आप ऐसा ही सोच रहे हे की ये कुत्ते मुझे काटते क्यू नहीं हे। तब राजा बोलता हे हा तुम्हे ये कुत्ते इतने प्यार क्यू करते हे। तब प्रधान राजा जी से बोलता हे की महाराज आपने मुझे जो दस दिन की मोहलत दी थी उस दस दिनों में मैने उस जंगली कुत्तो की बहोत सेवा की यानिकि उस कुत्तो को मैने समय पर खिलाया और नहाया और उनके साथ मैने मेरा सारा समय पसार किया और उन कुत्तो के साथ रहते रहते हमारी दोस्ती हो गइ।

    इसलिए ये कुत्ते अब मुझे कोइ नुकशान नहीं करेंगे। लेकिन राजा बोलता हे की मेरे वचन का क्या होगा ? तब प्रधान कहता हे की राजा जी आपका वचन का मैने पालन तो किया अपना वचन मुझे कुत्तो के सामने डालना था और मुझे कुत्तो के सामने डाल दिया गया अब कुत्ते मुझे कूच भी नुकशान न करे ये तो अलग बात हे। तब राजा मुस्कुराते कहता हे की अब तुम्हे छोड़ दिया जाता हे।

    तब प्रधान कहता हे के महाराज में तुम्हे एक बात कहना चाहता हु की उन जंगली कुत्तो की मैने दस दिन सेवा की और उनका ह्र्दय परिवर्तन हो गया जबकि मैने अपने राज्य के लिए कई सालों तक सेवा की मगर मेरी एक ही ग़लती से अपने मेरी सालों की सेवा को अनदेखा कर दिया। ये मुझे बहुत बुरा लगा।

               तो दोस्तों हमारे जीवन में भी कई बार ऐसा होता हे की हम लोगो के लिए जिन्दगी भर बहुत कूच करते हे लेकिन जब क़द्र करने का समय होता हे तब लोग हमारी क़द्र नहीं करते। और कोइ कुछ देर के लिए कूच कर दे तो वो उसके लिए भगवान समान हो जाता हे।

    कहानी की सिख

        तो दोस्तों इस कहानी से हमें ये सीखना चाहिए की हमें सब लोगो का आदर सन्मान करना चाहिए। और जो इंसान आपके दुःख के वक्त आपके साथ होता हे उसे कभी भूलना नहीं चाहिए।

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