नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत है तो आज हम आपके लिए पति पत्नी पर बहुत ही प्रेरणादायक कहानी लेकर आये है जो आपकी ज़िन्दगी में बहुत ही अच्छी सिख देगी पति पत्नी को ये कहानी जरूर पढ़नी चाहिए। ..तो चलो दोस्तों ये कहानी शरू करते है। ..
पति – पत्नी पर प्रेरणादायक कहानी – Pati Patni ki Best Kahani
एक गांव में एक पति पत्नी थे वो पति पत्नी एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी, मगर वो पति पत्नी एक-दूसरे का बहुत ही ख्याल रखते थे।
एक दिन की बाद है पत्नी अपने पति से कहती है कि भगवान ने मुझे इतने खूबसूरत और लंबे बाल दिए हैं लेकिन इन बालों में लगाने के लिए मेरे पास एक भी अच्छा हेयरपिन नहीं है.क्या तुम मुझे हेयरपिन लाकर दोंगे। तभी पति अपनी पत्नी से कहता है कि तुम पागल हो, मेरी घड़ी की बेल्ट पिछले दस दिनों से टूट गई है, लेकिन मेरे पास नया बेल्ट लाने के भी पैसे नहीं हैं, तो मैं तुम्हारी हेयरपिन कैसे ला सकता हूं?
अगले दिन जब पति अपने काम से घर आ रहा था तो उसे रास्ते में एक घड़ी की दुकान दिखी तो उसने अपनी बिना बेल्ट वाली घड़ी को बेच दिया और जो भी पैसे मिले उन पैसो से वो कटलरी की दुकान पर पंहुचा और अपनी पत्नी के लिए एक सुन्दर हेयरपिन खरीद ली और उसे लेकर वो अपने घर की ओर चलने लगा।
घर पहुँच कर पति ने दरवाज़ा खटखटाया, तभी पत्नी ने दरवाज़ा खोला, तो पति कुछ देर तक अपनी पत्नी को देखता ही रहता है, तभी पत्नी ने अपने पति से कहा, ” क्या तुम भी भुत की तरह मुझे देख रहे हो ?” तभी पति बस इतना ही कह सका, ” की तुम्हारे लंबे बाल कहाँ गए? तब पत्नी ने कहा कि मैने अपने बाल कटवा दिए और बेच डाले और जो पैसे मिले उनसे में आपकी घड़ी के लिए ये खूबसूरत बेल्ट लेकर आई हूं। और पत्नी ने वो बेल्ट अपने पति के हाथ में रख दिया तो पति ने पत्नी से कहा कि मैं इस बेल्ट का क्या करूं? मेरे पास जो बिना बेल्ट वाली घड़ी थी उसको मैने बेच दी और जो पैसे मिले उनसे में तुम्हारे लिए ये सुन्दर हेयरपिन लेकर आया हु।
एक दूसरे के लिए बेशुमार प्यार को देखकर दोनों ने एक दूसरे को प्यार से गले लगा लिया दोस्तों इसे कहते हैं सच्चा प्यार।
कहानी की सिख
दोस्तों हमें अपने जीवन में एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि रिश्तों को बनाए रखने और विकसित करने के लिए हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि दूसरा व्यक्ति मेरे लिए क्या करता है बल्कि ये सोचना चाहिए की मैं उसके लिए क्या करता हूं? किसी को पाना प्रेम नहीं है बल्कि खुद को खो देना प्रेम है यानिकि प्रेम एक समर्पण है। प्रेम ही एक ऐसा धागा जो पूरी दुनिया को आपस में जोड़कर रखता है प्रेम ईश्वर के द्रारा दी गई एक अनमोल भेट है। इसलिए हमें सामने वाले इंसान को परखने के बजाय उसे समझना चाहिए।