नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो आज बात करने वाले हे प्रदुषण पर निबंध कैसे लिखे? तो शायद आप सभी जानते होंगे की प्रदुषण को अंग्रेजी में Pollution कहा जाता हे जबकि उसे संस्कृत में प्रदूषणम कहा जाता हे आज के समय में प्रदुषण हमारे लिए और पृथ्वी के लिए एक गंभीर समस्या हे और इस समस्या को दूर करना हमारा फर्ज हे। तो दोस्तों मुझे उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद होगी। Essay Writing On Pollution In Hindi
प्रदुषण पर निबंध – Pradushan Par Nibandh Hindi Me
प्रस्तावना :
ऐसा कहा जाये की सभी समस्या का कारण इंसान ही हे तो ये गलत नहीं होगा क्योकि इंसान ने अपने स्वार्थ के लिए , अपने मतलब के लिए , भौतिक चीजों का सुख पाने के लिए पर्यावरण के साथ ग़लत किया हे और इसी वजह से आज के समय में हमें उसका हिसाब भी चुकाना पड़ता हे जैसे की गर्मी के दिनों में असहनीय गर्मी का होना , अछत वर्षा , कुदरती आदतों , कोरोना जैसे रोग ये सब कुदरत के साथ किये गए कर्मो के परिणाम हे और कुछ नहीं।
1 . प्रदुषण का अर्थ :
प्रदुषण यानिकि कुदरती चीजों को दूषित करना या गन्दा करना। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो जल , हवा , जमीन जैसे कुदरती चीजों को दूषित करना जिसे हम प्रदुषण कहते हे। या फिर पर्यावरण या वातावरण में बिन जरुरी दूषित प्रदार्थो के प्रवेश की वजह से पर्यावरण में संतुलन पैदा होने वाले दोष को प्रदुषण कहा जाता हे और प्रदुषण की वजह से पर्यावरण दूषित होता हे और जब पर्यारवण दूषित होता हे तब इंसान को और सभी जिव जंतु को हानि पहुँचती हे।
2 . प्रदुषण के प्रकार
अब हम बात करने वाले हे की प्रदुषण के कितने प्रकार होते हे।
2.1 वायु ( हवा ) प्रदुषण
वायु प्रदुषण यानिकि हवा का प्रदुषण। हवा को दूषित करना या हवा में बिनजरूरी घटको का प्रवेश करना जिसे हमारे आसपास का वातावरण दूषित होता हे जिसे हम वायु प्रदुषण या हवा का प्रदुषण कहते हे। खासकर बड़े – बड़े शहरों में वायु प्रदुषण ज्यादा फैलता हे वायु प्रदुषण के लिए कई कारक जवाबदार हे।
2.1.1 वायु प्रदुषण के उदाहरण
पृथ्वी की सपाटी से लेकर करीबन 40 से 50 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्ट्रैटोस्फियर हे जिसमे ओज़ोन का स्तर हे और उस ओज़ोन स्तर का काम सूर्य के सीधे किरणों को शोषित करके पृथ्वी पर पहोचाना होता हे लेकिन वायु के प्रदुषण की वजह से ओज़ोन स्तर का दिन प्रति दिन विघटन हो रहा हे जिसकी वजह से सूर्य की किरणे बिना शोषित हुए धरती पर आते हे जिसे गर्मी बढ़ती हे हमें त्वचा सबंधित रोग , समस्या ये होती हे ये वायु प्रदुषण की वजह से होता हे।
मिलो , वाहनो , कारखाने आधी के घुमड़े से भी वायु प्रदूषण होता हे।
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2.1.2 वायु प्रदुषण के कारक
✅ ज्यादातर वायु प्रदुषण इंसान के भौतिक चीजों से जैसे की गाड़ी , स्कूटर , विमान जैसे साधनो से होता हे।
✅इंसानो के द्रारा बनाई हुई बड़ी – बड़ी फैक्टरी , कारखाने , से वायु प्रदुषण होता हे।
✅ कई बार कुदरती तो कई बार इंसानो के द्रारा जंगलो में लगाई हुई आग से भी वायु प्रदुषण होता हे।
✅ खाने पकाने के लिए इस्तमाल किये जाने वाली लकड़ी से भी वायु प्रदुषण होता हे।
✅ कई कुदरती आफ़ते जैसे की ज्वाला मुखी विस्फ़ोट और कई बार मिसाई छोड़ने पर , परमाणु बन फेकने पर भी वायु प्रदुषण होता हे यानिकि वायु प्रदुषण करने के लिए अधिक हम ही जिम्मेदार हे।
✅ जंगलो का अभाव होता हे और वातावरण का तंग होता हे।
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2.1.3 वायु प्रदुषण का प्रभाव
वायु प्रदुषण करके हमें लाभ हो रहे हे तो सामने नुकशान भी बड़े होते हे तो अब हम बात करने वाले हे की वायु प्रदुषण का हमारे जीवन में क्या प्रभाव हे।
✅ शहरों में जब भी हम छत पर कपडे सुखाते हे तव वो कपड़ो पर काले – काले कण जमे हुए होते हे और यही कण साँस लेने के वक्त हमारे शरीर में प्रवेश करते हे जिसकी वजह से कई असाध्य रोग और बीमारिया जन्म लेती हे लेकिन ये समस्या वहाँ अधिक हे जहाँ लोगो की आबादी भी अधिक हे।
✅ सबसे पहले की वायु प्रदूषण की वजह से ओज़ोन का स्तर घटता हे जिसे सूर्य के किरणे सीधे धरती पर आते हे और जिसकी वजह से गर्मी अधिक होती हे जिसे ध्रुवीय प्रदेशो का बर्फ पिघलने लगता हे जिसे बिन मौसम में नदियों में पुर आने की संभावना होती हे। गर्मी से हमारी त्वचा बेरुखी हो जाती हे , काली पड़ जाती हे कई प्रकार के त्वचा सबंधित रोग पैदा होता हे।
✅ कारखाने में जो लोग काम करते हे उनको खांसी , सर्दी और अंधापन की बीमारी हो सकती हे।
✅ वायु प्रदुषण की वजह से इंसान खुली हवा में स्वच्छ साँस लेने के लिए भी तरस रहा हे।
✅ कई बार कमजोरी महसूस होती हे।
✅ वायु प्रदुषण से श्वास सबंधित बीमारी हो सकती हे।
✅ हवा में यानिकि वातावरण में ऐसे भी तत्व पाए जाते हे जो पशु – पक्षी और हम इंसान सहित सभी को के स्वास्थ्य को और नज़र को ख़राब कर सकते हे जो प्राकृतिक प्रक्रिया से या फिर इंसान की विकास गतिविधियों से पैदा होते हे।
✅ आपने अक्शर देखा होगा की जब आप आग लगाते हे तब धुमड़ा भी उत्पन होता हे और जब वो धुमड़ा हमारी आंखो के अंदर प्रवेश करता हे तब हमें जलन होता हे यानिकि वायु प्रदुषण से आँखों में जलन होती हे।
✅ कई वार बारिश के साथ कुछ विषैली प्रदार्थ भी पानी के साथ मिलकर धरती पर आते हे जिसे अम्ल वर्षा कहा जाता हे ये भी वायु प्रदुषण से ही होता हे जो हमारे लिए , जिव जंतु के लिए और पेड़ पौधे के लिए नुकशान कारक साबित होते हे।
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2.1.4 वायु प्रदुषण को कैसे कम करे
✅ वायु प्रदुषण को कम करने के लिए सबसे आसान उपाय हे वृक्ष। जितने ज्यादा पेड़ होंगे उतना ही कम प्रदुषण होगा। हम सब इस धरती के संतान हे हमें उसको बचाना चाहिए उसके लिए हम सबको सिर्फ एक – एक पेड़ ही लगाना हे इससे भी वायु प्रदुषण को बहुत हद तक कम कर सकते हे।
✅ निजी वाहनों का कम इस्तमाल और सार्वजनिक वाहनों का ज्यादा इस्तमाल करे क्योकि ऐसा करने से वायु प्रदुषण कम होगा जितने कम वाहन सडको पर होंगे उतना ही कम वायु का प्रदुषण होगा। जैसे की हर एक इंसान अपने बच्चो को अपनी खुद की गाड़ी में घूमने , पढ़ने के लिए भेजता हे या वो खुद जाता हे लेकिन ऐसा न करे उसे सार्वजानिक बस में जाने के लिए प्रोत्साहिन करना चाहिए।
✅ कम दुरी पर जाने के लिए साइकल का इस्तमाल करे क्योकि साइकल का इस्तमाल करने से वायु प्रदुषण भी नहीं होता और हमारा स्वस्थ भी अच्छा रहता हे।
✅ जितना हो सके बिजली का बचाव करे या फिर सौर ऊर्जा का इस्तमाल करे।
✅ हर किसी को अपने घर में सोलर पैनल लगाने के लिए सबसिडी दे प्रोत्साहित करे।
✅ बगीचे की पत्तिया को जलाने से बहेतर हे की उसका खाद बनाकर बगीचे में इस्तमाल करे। ताकि पत्तिया जलाने से धुँआ भी नहीं होगा।
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2.2 जल प्रदुषण – Woter Pollution
जल प्रदुषण एक वैश्विक समस्या हे जल हमारे लिए कितना जरुरी हे ये आप सब जानते ही हे लेकिन फिर भी आज इंसान अपने स्वार्थ के लिए , अपने मतलब के लिए ही जल प्रदुषण का मुख्य कारक बन चूका हे यानिकि इंसान खुद अपने ही पैरो पर अपने ही हाथो से कुल्हाड़ी मारने का काम करता हे। चीन में शहरों का 90 प्रतिशत जल प्रदूषित होता हे यानिकि जल प्रदुषण की परेशानी ज्यादातर विकसित देशो में होती हे।
जल में बिन जरुरी प्रदार्थो का मिलन होने से जल प्रदुषण होता हे यानिकि बिन जरुरी घटको को पानी में विसर्जन करना जिसे जल प्रदुषण कहा हे। पानी न होता तो?
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2.2.1 जल प्रदुषण के कारक
✅ बड़े – बड़े कारखाने , बड़ी – बड़ी फैक्टरी जिसे पैदा होने वाला बिन जरुरी कचरे को नदियों , तालाबों में छोड़ा जाता हे जिसे जल प्रदुषण होता हे।
✅ बड़े – बड़े शहरों में मानव के मल – मूर्त को पानी में छोड़ा जाता हे ये भी एक कारक हे जल प्रदुषण का।
✅ कई लोग ख़ासकर गांव के लोग नहेर , तालाब के अपने पशु को नहाने छोड़ देते हे इतना ही बल्कि अपने बर्तन , कपडे भी आदि भी पानी में धुलाई करते हे जिसे जल प्रदुषण होता हे।
✅ कृषि क्षेत्र पर इस्तमाल किये जाने वाले ज़हरीले रसायनों को पानी में धुलने से भी जल प्रदुषण होता हे।
✅ कई लोग मौज मस्ती के लिए समुद्री तटों पर घूमने जाते हे ऐसे में वो जिन चीजों का इस्तमाल करते हे जैसे की खाने के लिए कोई चीज हे उसका इस्तमाल करके वो समुदी तट पर ही फेक देते हे ऐसे में भी जल प्रदुषण होता हे।
✅ ज्यादातर पेट्रोल और डीजल का परिवहन समुद से होता हे ऐसे में अगर जहाज़ टुब जाने पर भी पानी का प्रदुषण होता हे जिसे कई बेजुवान जानवरो की मौत हो जाती हे। खासकर मछली।
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2.2.2 जल प्रदुषण का प्रभाव
✅ जल प्रदुषण से पिने लायक पानी की अछत होती हे जो हमारे लिए एक बड़ी समस्या हे।
✅ जल प्रदुषण से इंसान और जीवो पर उसका बहुत बुरा प्रभाव होता हे यानिकि ऐसा पानी पिने से हमारे स्वास्थ्य बिगड़ने लगता हे और हमें गंभीर समस्या जैसे की पीलिया डाइफाईड जैसी बीमारिया भी हो सकती हे।
✅ फसलों में , सब्जियों में प्रदूषित पानी का इस्तमाल करने से कुछ दूषित प्रदार्थ फसलों के माध्यम से , सब्जियों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करते हे और हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत असर करते हे।
✅ पूरी दुनिया में जल प्रदुषण की वजह से कई बीमारियाँ पैदा होती हे और लोगो को मौत भी हो सकती हे।
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2.2.3 जल प्रदुषण के उपाय
✅ जल प्रदुषण को रोकने के लिए नदी नालो की सफाई करते रहना चाहिए
✅ जल निकास हेतु पक्की नालियों की व्यवस्था करनी चाहिए।
✅ कारखाने में बिन जरुरी कचरे का योग्य निकाल करना चाहिए या फिर उसे नष्ट करना चाहिए।
✅ प्रत्येक घर में सेष्टिक होना चाहिए
✅ नदी नालो में , तालाबों में कपडे धोना नहीं चाहिए।
✅ जितना हो सके उतना कीटनाशियों के उपयोग में प्रतिबंध लगाना चाहिए
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2.3 . भूमि प्रदुषण
भूमि पर्यावरण की आधारभूत इकाई हे। उधोगो में निकलने वाले रासायनिक और कुछ अन्य प्रकार के कचरे होते हे जिनको आसपास की किसी जग़ह पर डाल दिया जाता हे जिसे भूमि का प्रदुषण होता हे और उस जगह पर पेड़ पौधे भी नहीं उगते यानिकि भूमि प्रदुषण का असर पेड़ पौधे पर होता हे।
2.3.1 भूमि प्रदुषण के कारक
✅ कृषि क्षेत्र पर इस्तमाल किये जाने वाले कुत्रिम रसायनो की वजह से भूमि प्रदुषण होता हे
✅ कारखाने में से निकलने वाले बिन जरुरी कचरे को जमीन पर खुल्ले आम विसर्जन करने से
✅ सड़क के निर्माण में , मकान के निर्माण में इस्तमाल होने वाले कचरे के विसर्जन से।
✅ प्लास्टिक की वस्तुए फेंक देने से भूमि प्रदुषण होता हे।
2.3.2 भूमि प्रदुषण के प्रभाव
✅ भूमि प्रदुषण से भूमि की ऊपर क्षमता कम होने लगती हे।
✅भूमि प्रदुषण की वजह से कृषि लायक भूमि की अछत।
✅ भूमि प्रदुषण से सब्जिया , फैसले और फलो की गुणवत्ता घटती हे।
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2.3.3 भूमि प्रदुषण के उपाय
भूमि को प्रदुषण से बचाना बहुत ही आवश्क्य हे क्योकि भूमि एक स्थिर इकाई होने के नाते उसकी वृद्धि में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती। भूमि के बिना किसी भी जिव की उत्पति नहीं हे लेकिन फिर भी आज के समय में लोग अपने स्वार्थ की लालच में आकर भूमि का भी प्रदुषण कर रहे हे यानिकि बस उनको अपना लाभ ही दिखता हे लेकिन बाद में जो नुकशान होने वाला हे वो नहीं। लेकिन हमें एक बात याद रखनी चाहिए की हम पृथ्वी के महेमान हे मालिक नहीं।
✅ जितना हो सके उतना रासायनिक उर्वरको का इस्तमाल कम करे
✅ कभी भी खेत में आग न लगाए क्योकि ऐसा करने से भूमि की उपज शक्ति ( क्षमता ) में कमी आई हे।
✅ पेड़ पौधे लगाए।
✅ कारखाने के कचरे को भूमि पर न फेके बल्कि उसको नष्ट करे।
✅ जितना हो सके उतना प्लास्टिक की चीजों पर नियंत्रण करे
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2.4 ध्वनि प्रदुषण
असहनीय , अनियंत्रित और तीव्र ध्वनि को हम ध्वनि प्रदुषण कहते हे या फिर दूसरे शब्दों में कहे तो ऐसे ध्वनि जो जिससे घोघाट हो जो हमारे लिए और हमारे मन के लिए नापसंद हो। ध्वनि प्रदुषण की तीव्रता को डेसीबल इकाई में मापा जाता हे। ध्वनि प्रदुषण के लिए कई कारक जवाबदार हे जैसे की। …
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2.4.1 ध्वनि प्रदुषण के कारक
किसी भी इंसान की रहने के लिए शांत वातावरण का होना बहुत जरुरी हे लेकिन आज कल शहरों में वाहनों के आवाज , वाहनों के हॉर्न , विमानों का आवाज , प्रचार , उत्सव आदि से आज इंसान के मन की शांति भंग हुई हे जिसका मुख्य कारक ध्वनि का प्रदुषण हे।
✅ आज के समय में ज्यादातर लोग अपनी शादी में , अपने उत्सव के दौरान लाउडस्पीकर का अनियंत्रित तौर पर इसका इस्तमाल करते हे।
✅ किसी नेता के प्रचार में भी जोर – जोर से प्रचार होता हे।
✅ बड़े – बड़े शहरों में जब ट्रैफिक होता हे तब लोग जोर से चिल्लाते हे जिसे ध्वनि प्रदुषण होता हे इतना ही नहीं ट्रैफिक की वजह से वो हॉर्न भी बजाते हे जो ध्वनि प्रदुषण का एक कारक ये भी हे।
✅ कारखाने , मिले और बड़ी – बड़ी फैक्टरी की मशीनों के अबाज से।
✅ जब बिजली चली जाती हे तब कई लोग बड़े – बड़े जनरेटरों का इस्तमाल करते हे उनसे भी ध्वनि प्रदुषण होता हे।
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2.4.2 ध्वनि प्रदुषण का प्रभाव
✅ जो लोग मिलो में , कारखाने में काम करते हे वो हर दिन मशीनों के आवाज सुनते हे ऐसे लोग की सुनने की क्षमता कमजोर होने लगती हे।
✅ ध्वनि प्रदुषण से कई बार इंसान को सिरदर्द हो जाता हे।
✅ इंसान का स्वाभाव चिड़चिड़ापन हो जाता हे।
✅ अनिद्रा और रक्तचाप जैसे बीमारिया होने की संभावना होती हे।
✅ ध्वनि प्रदुषण से बहरेपन और तनाव होता हे
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2.4.3 ध्वनि प्रदुषण के उपाय
✅ ऐसे उपकरणों का हमें इस्तमाल करना चाहिए जो शोर और ध्वनि की तीव्रता कम करे।
✅ ध्वनि के अवशोषको का इस्तमाल करना चाहिए
✅ जो इंसान मिलो , कारखाने में काम करते हे उनको ध्वनि अवशोषक वस्त्रो का इस्तमाल करना चाहिए।
✅ हमें भी बिनजरूरी शौर नहीं करना चाहिए।
✅ पेड़ पौधे लगाकर ध्वनि प्रदुषण को कुछ हद तक कम किया जा सकता हे।
✅ वाहनों में इस्तमाल किये जाने वाले तीव्र हॉर्न पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए
✅ सार्वजनिक और धार्मिक स्थानों पर तीव्र ध्वनि साधनो पर नियंत्रण करना चाहिए।
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2.5 प्रकाश प्रदुषण – Light Pollution
हमारे चारो और पैदा होने वाला प्रकाश से हमारा दिमाग का मेलाटोनिन प्रभावित होता हे जो हमारी नींद को बिगाड़ता हे जबकि आज के समय में कृत्रिम प्रकाश हमारा और आकाश का कनेक्शन को तोड़ रही हे जिसका मुख्य कारण प्रकाश प्रदुषण हे।
जब वातावरण में कृत्रिम स्त्रोत द्रारा प्रकश की मात्रा अधिक होती हे तब प्रकृति पर नकारात्मक प्रभाव शरू हो जाते हे जिसे प्रकश प्रदुषण कहा जाता हे।
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2.5.1 प्रकाश प्रदुषण के कारक
✅ आज के समय में कई ऐसी गाड़िया हे जिसमे हाई वाल्ट के बल्ब होते हे जो प्रकाश प्रदुषण का कारक हे।
✅ आज कोई भी उत्सव हो उसमे अधिक से अधिक डेकोरेशन होता हे उससे भी प्रकश प्रदुषण होता हे।
✅ कई लोग कमरे की सुंदरता के लिए एक से अधिक बल्ब लगाते हे जिसे प्रकश प्रदुषण होता हे।
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2.5.2 प्रकाश प्रदूषण का प्रभाव
✅ हमारी देखने की क्षमता कम होने लगती हे।
✅ ज्यादा प्रकाश में सिरदर्द होने की संभावना होती हे।
✅ सडको पर ज्यादा प्रकाश की वजह से कई बार अकस्मात भी हो सकता हे
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2.5.3 प्रकाश प्रदूषण के उपाय
✅ कम प्रकाश का इस्तमाल करे।
✅ सडको पर लगी रोशनी छोटे पशुओ को , छोटे कीड़े को दूर भगाती हे या आकर्षित करती हे जबकि अधिकांश पशुओ का दैनिक कार्यक्रम रात को होता हे लेकिन प्रकाश प्रदुषण की वजह से उनका दैनिक कार्यक्रम टूट जाता हे जिसे कई प्रजाति खतरे में पड़ सकती हे।
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3. प्रदुषण को हम कैसे कम करे ?
✅ प्रदुषण को कम करने लिए हमारे पास सबसे अच्छा उपाय हे की हम सब मिलकर पेड़ पौधे लगाए जितने पेड़ अधिक होंगे प्रदुषण उतना ही कम होगा इसलिए बंजर ज़मीन पर , सडको के किनार पर , खुल्ले क्षेत्रों में पेड़ लगाने चाहिए।
✅ जितना हो सके उतना कारखाने को आबादी से दूर ही रखे और उनके बिन जरुरी कचरे का योग्य निकाल करे या फिर उसे नष्ट करे।
✅ कृषि क्षेत्र पर जितना हो सके उतना कुदरती रसायनो का इस्तमाल करे।
✅ कीटनाशक और उर्वरक का कम इस्तमाल करे।
✅ अपने आसपास के पत्तो का खाद बनाये
✅ समय – समय पर कार पुलिंग कराये।
✅ सार्वजानिक वाहनों का इस्तमाल ज्यादा करे
✅ सौर पैनल का इस्तमाल करे
✅ गैस पैदा करने वाली वस्तुओ का कम इस्तमाल करे।
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4. प्रदुषण के बारे में सामान्य ज्ञान
✅ क्या आपको पता हे की भारत के सबसे प्रदूषित राज्य दिल्ली हे जबकि सबसे कम प्रदूषित राज्य मिज़ोरम का लुंगलेई हे।
✅ विश्व का सबसे प्रदूषित देश डेनमार्क हे।
✅केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रित बोर्ड ” प्रदुषण नियंत्रण के अंतर्गत आता हे।
✅ हर साल प्रदुषण की वजह से करीबन एक मिनियन से भी अधिक समुद्री जिव – पक्षी और 100 मिलियन स्तनधारी मरते हे।
✅ भारत का करीबन 80 % कचरा गंगा नदी में डाला जाता हे।
✅ क्या आप जानते हे की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 20 सबसे ज्यादा शहरों में केवल 13 शहर सिर्फ भारत के हे।
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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद ”