Essay On Raksha Bandhan In Hindi, Raksha Bandhan Essay In Hindi, Raksha Bandhan Par Nibandh ,
गुजरत में रक्षा बंधन के त्यौहार को ” बलेव ” के नाम से जाना जाता हे। रक्षाबंधन का त्यौहार मुख्यत्वे भारत और नेपाल में मनाया जाता हे लेकिन इनके सिवाय मलेशिया और जहाँ भी भारत वासी रहते हे वो भी इस दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मानते हे। रक्षाबंधन का मतलब रक्षा करने वाला बंधन यानिकि राखी होता हे।
प्रस्तावना
रक्षाबंधन का त्यौहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार हे। रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल सावन के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हे यानिकि 2021 में 22 – 08 – 2021 रविवार को मनाया जायेगा। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई – बहन के प्रवित्र प्रेम का प्रतिक हे जिनमे एक दूसरे के प्रति प्यार बढ़ता हे और भाई – बहन का रिश्ता और भी मजबूत होता हे।
रक्षाबंधन के अगले और रक्षाबंधन के दिन के दौरान बाजार में कोई राखी , मिठाई , उपहार और कपडे खरीदने के लिए सुबह से लेकर श्याम तक लोगो की भीड़ होती हे। इस दिन हमारे घर में महेमानों का आना जाना रहता हे यानिकि इस पर्व के दिन सभी परिवार एक हो जाते हे और राखी , उपहार और मिठाई देखर अपना प्यार साझा करते हे। रक्षा बंधन पर शायरी
रक्षाबंधन के बारे में प्रचलित कथाएँ
रक्षाबंधन के पर्व पर सबसे प्रचलित कथा में श्री कृष्ण और द्रोपदी की एक कथा हे जिनमे भगवान श्री कृष्ण की एक उँगली पर चोट लगती हे और ये देखकर द्रौपदी अपनी साड़ी में से एक टुकड़ा अलग करके श्री कृष्ण की उँगली पर बांध देती हे और भेट के स्वरुप कृष्ण द्रोपदी को संकट के समय उनकी रक्षा करने का वचन देते हे
रक्षाबंधन के बारे में कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हे जिनमे से एक कथा ये भी हे की देवराज इंद्र की पत्नी शची ने इस दिन के दौरान सभी देव – देवताओं को रक्षा सूत्र बांधा था और उसी रक्षा सूत्र के बल पर सभी देवताओ ने असुरो के सामने अपनी विजय पाई थी।
एक दूसरी कथा के अनुसार सावन के महीने के पूर्णिमा के दिन ऋषि – मुनि अपनी अपनी साधना की पूर्णाहुति करते हे और इसी अवसर पर ऋषि – मुनि राजाओ की कलाई में राखी बाँधकर उन्हें आशीर्वाद देते हे।
रक्षा बंधन के बारे में एक अन्य भी कथा प्रचलित हे और वो ये हे की इस दिन भगवान विष्णु ने राजा बलि का घमंड चूर – चूर किया था।
रक्षाबंधन त्यौहार का वर्णन हमारे शब्दों में
रक्षाबंधन के त्यौहार पर भाई – बहन का प्यार , स्नेह निखर उठता हे यानिकि रक्षाबंधन के दिन बहन सुनह नहाके सुन्दर कपडे पहनकर पूजा की थाली सजाती हे जिसमें राखी , कुमकुम और मिठाई होती हे और अपने प्यारे भाइयो के माथे पर टिका लगाकर उनकी कलाई पर राखी बाँधती हे और भगवान से ये प्रार्थना करती हे की उनके भाई के जीवन में सुख समृद्धि सदा बनी रहे। जबकि भाई बड़े प्यार से अपनी बहन को उपहार के स्वरुप कुछ भेट देता हे और बहन की जीवन भर रक्षा करने का वचन देता हे इस त्यौहार पर भाई – बहन की बचपन की यादें ताजी होती हे। और अगर किसी भाई बहन की आपस में नहीं बनती तो रक्षाबंधन के दिन वो आपस में बातचीत करते हे यानिकि ये राखी का त्यौहार रूठे हुए भाई – बहन को मनाता हे।
आज के समय में रखियो में भी व्यावसायिकता आ गईं हे यानिकि पैसा कमाने के लिए एक से बढकर एक राखी बनाई जाती हे लेकिन सच में राखी का कोई मोल नहीं होता फिर चाहे वो एक धागे की हो या हीरो से सजी हो वो सिर्फ राखी ही होती हे। कई लोग इस त्यौहार पर घूमने भी जाते हे।
कई बहने जिसकी कोई बहन नहीं होती ऐसे भाइयो को भी राखी बांधती हे।
स्कूलों कॉलेज में भी रक्षावंधन का त्यौहार
कई स्कूलों एवम कॉलेजों में रक्षाबंधन त्यौहार का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता हे जिनमे विद्यार्थिनियों विधार्थियो को माथे पर टिका लगाकर राखी बांधती हे और विधार्थी उपहार के स्वरुप कुछ भेट देते हे जबकि शिक्षक शिक्षिका भी इस पर्व को मनाते हे और कई बार निबंध स्पर्धा का भी आयोजन किया जाता हे।
वास्तव में रक्षाबंधन पारिवारिक एवम सामाजिक एकता का एक सुन्दर एवम पवित्र भाई – बहन का त्यौहार हे।
ये भी पढ़े।