नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वगत हे तो आज हम बात करने वाले हे कस्तूरी मृग के बारे में जिनको अंग्रेजी में Musk Deer कहा जाता हे ये एक बड़ा ही रोचक प्राणी हे जो दीखने पर हिरन की तरह ही दिखता हे कस्तूरी मृग जो उत्तराखंड का राज्य वन्य पशु भी हे। तो दोस्तों मुझे उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद होगी। Musk Deer In Hindi
कस्तूरी मृग – Musk Deer Information In Hindi
Scientific Name : Moschus
Order : Artiodactyla
Family : Moschidae
Phylum : Chordata
Kingdom : Animalia
प्रजातियाँ
कस्तूरी मृग की करीबन चार प्रजाति पाई जाती हे जो देखने में सब एक जैसी ही दिखती हे जबकि भारत में ये प्राणी उत्तरखंड के अलावा हिमाचल प्रदेश , कश्मीर और सिक्किम में भी पाए जाते हे।
शरीर रचना
✔ इस प्राणी के पास चार पतले और लम्बे लेकिन मजबूत पैर होते हे लेकिन इस प्राणी के पिछले पैर आगे के पैर से ज्यादा लम्बे होते हे।
✔ कस्तूरी मृग के दो कान जो लम्बे और गोल आकार के होते हे।
✔ कस्तूरी मृग में मुँह के दांत लम्बे और सहेज मुँह से बहार उभरे हुए होते हे और निचे के और झुके हुए होते हे।
✔ कस्तूरी मृग के पास एक पूंछ होती हे जो बिलकुल बालविहीन होती हे जो करीबन 40 मिलीमीटर की होती हे।
✔ शरीर के बालो की लम्बाई करीबन 76 मिलीमीटर की होती हे।
✔ कस्तूरी मृग के पेट और कमर का हिस्सा सफ़ेद रंग का जबकि उनका शरीर कत्थई भूरे रंग का होता हे।
✔ कस्तूरी मृग का शरीर बहुत पतला होता हे और उनके शरीर पर बहुत घने बाल होते हे जो स्पर्श करने में मुलायम होते हे।
विशेषता
✔ कस्तूरी मृग की सबसे बड़ी विशेषता ये हे की ये प्राणी अपनी सुंदरता की वजह से लेकर नहीं बल्कि अपनी नाभि में मौजूद कस्तूरी की वजह से जाना जाता हे। जो उनके उदर के निचले भाग में जननांग के समीप एक ग्रंथि से स्त्रावित होती हे।
✔ कस्तूरी मृग कद में छोटा और एक शर्मीला जानवर हे।
✔ कस्तूरी मृग अपने दांतो का इस्तमाल अपनी सुरक्षा के लिए और भोजन के लिए करते हे।
✔ ये प्राणी भोजन की तलाश में चाहे कितना भी दूर क्यों न जाये लेकिन फिर भी वो वापस अपने रहने की जगह पर ही लौट आता हे यानिकि ये प्राणी अपना रास्ता कभी नहीं भूलता उनकी याददास्त शक्ति बहुत तेज़ होती हे।
✔ दुनिया में पाए जाने वाले प्रकृति के सुन्दरतम जीवो में से एक हे।
✔ कस्तूरी मृग को उसके दूसरे नाम ” हिमालयन मस्क डियर ” के नाम से भी जाना जाता हे।
✔ क्या आप जानते हे की मादा में नहीं केवल नर मृग में ही कस्तूरी पाई जाती हे।
✔ कस्तूरी मृग के पास सूंघने की क्षमता बहुत ही तेज होती हे जबकि सुनने की शक्ति बहुत कम होती हे।
✔ कस्तूरी मृगो में असली हिरणो की तरह सींग नहीं बल्कि उनमे कस्तूरी ग्रंथि होती हे लेकिन उनका देखाव हिरण के जैसा ही होता हे।
✔ इस प्राणी के नाभि में पाई जाने वाली कस्तूरी का इस्तमाल औषधि के रूप में किया जाता हे
✔ कस्तूरी मृग ज्यादातर अकेले ही रहना पसंद करता हे और वो भी एकांत इलाको में।
✔ आमतौर कस्तूरी मृग तेज गति से दौड़ने वाला जिव हे लेकिन जब कोई शिकारी उसके पीछे भागता हे तब ये प्राणी दौड़ते वक्त पीछे मुड़कर देखने की उसकी आदत ही इस जानवर के मौत का कारण बनता हे।
वजन
अगर हम कस्तूरी मृग के वजन के बारे में बात करे तो इस प्राणी का वजन करीबन 10 किलोग्राम से लेकर 20 किलोग्राम के बिच होता हे जबकि उसकी ऊंचाई करीबन 50 से लेकर 70 CM तक होती हे।
खोराक
इस प्राणी का मुख्य खोराक घास , फूल , पत्तिया और जड़ी बूटियाँ हे।
जीवनकाल
इस प्राणी का जीवनकाल करीबन दस साल के आसपास होता हे।
एक संकटग्रस्त प्राणी
ये एक संकटग्रस्त प्राणी हे यानिकि कभी – कभी इस प्राणी के नाभि में मिलने वाली कस्तूरी भी इस जानवर के मौत का कारण भी बन सकता हे क्योकि ये बहुत ही कीमती प्रदार्थ हे।
पर्यावरण प्रदुषण और जंगलो की कटाई की वजह से ये प्राणी संकट में हे।
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सवाल – जवाब – FAQ
कस्तूरी का अर्थ क्या हे ?
कस्तूरी यानिकि एक प्रसिद्ध सुघंधित प्रदार्थ होता हे जो केवल नर कस्तूरी की नाभि में ही पाया जाता हे जिसके लिए लोग इस प्राणी का शिकार भी करते हे।
कस्तूरी कहा पाई जाती हे ?
कस्तूरी दुनिया में सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक हे जिसमे से कस्तूरी नर कस्तूरी मृग की नाभि में पाई जाती हे।
कस्तूरी मृग का वैज्ञानिक नाम क्या हे ?
कस्तूरी का इस्तमाल कहा होता हे ?
कस्तूरी का इस्तमाल औषधि के तौर पर दमा , मिर्गी और निमोनिया आदि दवाये बनाने में होता हे जबकि कस्तूरी से बनने वाला इत्र अपनी खुश्बू के लिए प्रसिद्ध हे।
कस्तूरी मृग भारत में कहा पाया जाता हे ?
कस्तूरी मृग हिमायल क्षेत्रों में( सिक्किम , कश्मीर ) , उत्तराखंड में पाए जाते हे।
” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “