Emotional Story – मकरसंक्राति पर रुला देने वाली कहानी

राहुल नामका एक लड़का हर रोज अपने पिता के साथ जाता और मंदिर जाकर भगवान् से प्रणाम करता और भगवान से कहता की है भगवान सबका अच्छा करना सबको खुश रखना।

उसके बाद राहुल और उसके पिताजी मंदिर में कोई भिखारी या गरीब इंसान होता तो उसे कुछ ना कुछ खाने को देते और बाद में वो अपने घर चले जाते।

मकरसंक्राति पर रुला देने वाली कहानी – Emotional Story

Emotional Story
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घर जाकर राहुल दस बजे स्कूल में जाता और राहुल को उसके माता – पिता जो भी पैसे देते उनसे में कुछ पैसे राहुल अपने दोस्त रोहन को दे देता रोहन एक गरीब परिवार का लड़का था रोहन के पिताजी की मोत बचपन में ही हो गई थी रोहन का एक छोटा भाई भी था दोनों बेटो का भरणपोषण रोहन की माँ ही करती थी। राहुल पहले रोहन के घर जाता और उसके बाद राहुल और रोहन दोनों साथ – साथ स्कूल में जाते थे।
लेकिन एक दिन की बात है राहुल हर रोज की तरह अपने पिताजी के साथ मंदिर जाता है और घर वापस आकर अपने पिताजी से कहता है की पिताजी आज मुझे स्कूल में टीचर ने फ़ीस लेकर आने को कहा है तभी राहुल के पिताजी उसे एक हजार रुपये देते है और कहते है की ये लो राहुल अपनी स्कूल फ़ीस भर देना।
फ़ीस लेकर राहुल रोहन के घर जाता है तभी राहुल देखता है की रोहन का छोटा भाई जोर – जोर से रो रहा था और उसकी माँ उसे मार रही थी तभी राहुल ने कहा की क्यों आप मार रहे हो तभी रोहन की माँ राहुल से कहती है की देखो ना बेटा मकरसंक्राति नजदीक आने पर ये पतंग और मांझा लेने की जिद कर रहा है मेरे पास जो भी पैसे मैने बचाकर रखे थे वो सभी मैने रोहन को फ़ीस भरने के लिए दे दिए अभी मेरे पास घर चलाने के भी पैसे नहीं है।
राहुल रोहन के छोटे भाई को देखता ही रहता है तभी रोहन राहुल को कहता है की चलो राहुल हमें स्कूल के लिए लेट हो रहा है और दोनों स्कूल चले गए।
लेकिन राहुल स्कूल में बस यही सोच रहा था की आज मैने पहली बार किसी को रोता हुआ देखा में हर रोज पिताजी के साथ मंदिर जाता हु और पिताजी न मांगने पर भी सबको कुछ ना कुछ देते है और आज मेरे सामने रोहन का बही जोर – जोर से रो रहा था और मेरे पास पैसे होने के बाजजूद भी में उसकी कोई मदद नहीं कर सका इस बात को लेकर राहुल बहुत ही चिंतित था और जैसे ही स्कूल की छुट्टी हुई तो राहुल तुरंत ही एक पतंग और मांझा की दुकान पर पहुंच गया और जो पैसे पिताजी ने फ़ीस के लिए दिए थे उन पैसो से राहुल ने पतंग और माझा खरीद दिया और वो रोहन के घर चला गया और रोहन के छोटे भाई को दे दिया इतने सारे पतंग और मांझा को देखते ही रोहन का छोटा भाई बहुत ही खुश हो गया और अपनी माँ से कहने लगा की देखो माँ राहुल मेरे लिए इतने सारे पतंग और मांझा लेकर आया हे ये सब देखकर रोहन की माँ की आँखों में आंसू आ गए और उन्होंने राहुल को गले लगा दिया और कहा की भगवान ऐसा बेटा सबको दे। 
राहुल के चहेरे पर एक अलग प्रकार की स्माइल थी वो अंदर ही अंदर बहुत खुश था क्योकि इतनी ख़ुशी आज तक उसने कभी महसूस ही नहीं की थी।
जब राहुल घर पंहुचा तो उसने अपने पिताजी को सब कुछ सच सच बता दिया तभी राहुल के पिताजी ने अपनी पत्नी को बुलाया और कहा की आज मुझे अपने आप पर गर्व है की मुझे राहुल जैसे बेटा मिला में बस भगवान से एक ही प्रार्थना करता हु की भगवान ऐसा बेटा सबको दे जो दुसरो के दुःख को अपना दुःख समझे। देवरानी और जेठानी – रुला देने वाली प्रेरक कहानी

कहानी की सिख 

इंसान को दूसरे इंसानो की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी ढूंढनी चाहिए और दूसरे के दुखो को अपना दुःख मानना चाहिए और जरुरतमंदो की सेवा करना चाहिए क्योकि दुनिया की असली ख़ुशी किसी को मदद करने से ही मिलती है।