नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत है तो आज हम विचार की शक्ति क्या है उसके बारे में बात करने वाले है तो दोस्तों विचार ही हमारी शक्ति है क्योकि जैसे आपके विचार होंगे आप वैसे ही अपने कर्म करते है और जैसे आपके कर्म होंगे वैसा ही उनका फल भी होगा आपके विचार अच्छे या बुरे भी हो सकते है तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको ये आर्टिकल जरूर पसंद होगा।
विचार की शक्ति
विचार एक महान शक्ति है जो हर एक इंसान के भीतर में निहित है और जब बुद्धि ज्ञान और परिस्थियों के माध्यम से जब उसका विकास हो जाता है तब उनसे आश्चर्यजनक कर्म भी होते है इसलिए दुनिया पर मौजूद हर एक इंसान को परमात्मा के द्रारा दी गई इस शक्ति का लाभ लेना चाहिए और अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए वार्ना ये शक्ति प्रयोगविहीन रहकर कुष्टीत हो जाती है।
हम जिस दुनिया पर रहते है वो दुनिया ही विचार शक्ति का परिणाम है हमारे विचार ही हमें सामान्य या फिर एक महान इंसान बनाते है क्योकि हमारे विचार एक शक्ति है एक ऊर्जा है जिस प्रकार हम हर रोज अपने मन में विचार लाते है वैसे ही हम बन जाते है अब ये आप पर निर्भय करता है की आप अपने मन में कैसे विचार करते है
इंसान जब भी कोई कार्य करता है तो कार्य के पूर्व इंसान उस काम के लिए पहले विचार करता है उसके बाद उस काम को अपने तरीके से करता है या फिर अपनी वाणी से या लेखन से अपने विचार को प्रकाशित करता है और उसका फल उसके कर्म के अनुसार मिलता है यानिकि मेरा कहते का मतलब यही है की किसी भी कर्म को किसी भी क्रिया को करके का सबसे प्रथम या मूल कारण इंसान के विचार ही है।
किसी ने बहुत ही अच्छी बात लिखी है की इंसान को भी अपने विचार को उसी प्रकार चुनना चाहिए जिस प्रकार आप अपने कपडे चुनते है यानिकि आप जिस प्रकार अच्छे कपडे को चुनते है उसी प्रकार आप अपने विचार को अच्छे से चुने क्योकि आपके विचार एक प्रकार की शक्ति है जो हमारे भीतर पैदा होती है और जिस इंसान ने अपने विचारो को अपने मन को अपने वश में कर लिया उस इंसान को दुनिया की कोई भी चीज उसे दुखी नहीं कर सकती जब तक वो इंसान खुद न चाहे।
जिस प्रकार हम अपनी मनपसंद चीजों का चुनाव करते है उसी प्रकार हमें भी अपने विचारो का चुनाव करना चाहिए जब हम कपडे खरीदने जाते है तब ये सोचते है की कौन से कपडे मुझ पर अच्छे लगेंगे? किस इवेंट के लिए कौन से कपडे मुझ पर अच्छे होंगे? किस कपडे की तारीफ सबसे ज्यादा होगी वैसे ही हम अपना परफ्यूम भी ये सोचकर खरीदते है की कौन सा परफ्यूम ज्यादा स्ट्रॉन्ग होगा को सबसे अच्छा महके और किसी को पता भी न चले बस यही इसी तरह यही हम अपने विचारो को भी चुनने की कला सिख लेते है तो हमारी जिंदगी दूसरे इंसानो से कई ज्यादा बहेतर हो जाएगी।
आप जो भी देखते है आपके मन में ऐसे ही विचार आते है आप जैसा सुनते है आपके मन में ऐसे ही विचार आते है अगर आप अच्छा देखेंगे, अच्छा सुनेंगे और अच्छा सोचेंगे और अच्छा करेंगे तो आपके विचार आपकी सबसे बड़ी शक्ति बन जाएगी यदि किसी इसांन के विचार अच्छे है तो वो अच्छा इंसान ही होगा जबकि कोई इंसांन बुरा है तो वो कुसंगति कुसंस्कारो का परिणाम है जिसकी वजह से वो बुरा हो जाता है यानिकि इंसान के जीवन में जो सुख और दुःख होता है वो भी इंसान के विचारो का ही परिणाम है।
स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है की इंसान के हदय से निकता हुआ हर एक धृणा का या प्रेम का विचार बलपूर्वक उसी के पास लौट आया करता है कोई शक्ति उसे रोक नहीं सकती यानिकि घृणा से धृणा और प्रेम से प्रेम की उत्पत्ति होती है विचार से ही हमारे कर्म की उत्पति होती है बिना कोई विचार आये हम कोइ कर्म नहीं करते है यानिकि हमारे विचार ही हमारे कर्म की जननी है।
विचार शक्ति ही सर्वोपरि शक्ति है क्योकि इस संसार में शारीरिक, सामाजिक, राजनितिक कई प्रकार की शक्तिया मौजूद है लेकिन इस सब शक्तियों से भीं बढ़कर एक शक्ति है जिसे हम विचार शक्ति कहते है जो सर्वोपरि शक्ति है क्योकि ये निराकार सूक्ष्मातिसूक्ष्म होती है जबकि अन्य शक्ति स्थूलतर होती है और स्थूल की तुलना में सुक्ष्म में कई ज्यादा शक्ति होती है क्योकि जिस प्रकार पानी की तुलना में बाष्प लेकिन बाष्प की तुलना में बिजली की शक्ति अधिक होती है यानिकि वो चीज स्थूल से सूक्ष्म की और बढ़ती है उसकी शक्ति भी अधिक होती है।
हर एक इंसान के मन में दिन के हजारो विचार आते है जिसमे कई विचार सकारात्मक होते है जो इंसान में प्रेम, दया, मदद. करुणा, और भरोसा की भावना उत्पन करते है जबकि कई विचार नकारात्मक आते है जो दूसरे के प्रति जलन, दूसरे के प्रति नफ़रत, निराशा, बदला आदि भावो को उत्पन करते है अब हमें ये प्रयास करना चाहिए की हमें हमारे मन में किन विचारो को लाना चाहिए और किन विचारो को नहीं लाना चाहिए तो हमें नकारात्मक विचारो को मन में से हटा देना चाहिए।
अगर मान लीजिये की किस इंसान की कोई बात आपको बुरी लग गई तो आपको उस इंसान के प्रति इर्षा नहीं करनी चाहिए बदला लेने का विचार अपने मन में नहीं लेना चाहिए बल्कि जल्दी से उस बात को भूलने का प्रयास करना चाहिए क्योकि हमारे विचार ही हमारा व्यक्तित्व बनाते है अगर आप अच्छी बात सोचने की आदत डालेंगे तो आपके चहेरे पर एक अलग प्रकार का ग्लो नज़र आएगा आपकी स्कीन में फर्क दिखेगा आपकी आंखे अधिक चमकेगी और आपकी मुस्कराहट लोगो का दिल जित लेगी।
हमारा हर एक विचार हमारे शरीर के हर एक अंग पर असर डालता है अगर आप अच्छा सोचेंगे तो आपका स्वास्थ्य अच्छा ही रहेगा और बुरा सोचेंगे की निराश रहेंगे तो आप कई बीमारियों से गैर सकते है इसलिए अपने दिन की शरुरात हर रोज सकारात्मक विचारो के साथ करे ताकि आपका दिन अच्छा हो।
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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “