तरबूज के बारे में जानकारी, फायदे और नुकशान

 तरबूज के बारे में जानकारी 

हैल्लो दोस्तों आप सभी का में दिल से स्वागत करता हु। तो आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले है तरबूज के बारे में जानकारी , तरबूज खाने के फ़ायदे और नुकशान ,अमेजिंग फैक्टस और तरबूज की खेती कैसे होती है तो उम्मीद करहु की आपको यह आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे तरबूज के बारे में

 

 तरबूज के बारे में जानकारी

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तरबूज एक बेलवाली गर्मी में उगाई जाने वाली कद्दूवर्गीय महत्वपूर्ण फ़सल है। तरबूज हमारे देश में एक बहुत ही लोकप्रिय फल है गर्मी में तरबूज का फल फ्रूट डिश , जूस ,शरबत ,स्क्वैश आदि अनेक रूप से उपयोग आता है। तरबूज एक ग्रीष्म ऋतु का फल है। जो आकार में ओर फलो में सबसे बड़ा होता है। तरबूज कंदु और खीरे का रिस्तेदार है।

 तरबूज का छिलका कठोर और हरे रंग  होता है। तरबूज का आतंरिक आवरण गुदा रूप में होता है। इसी गूदे को खाया जाता है। यह गुदा गंदा लाल रंग  का और नरम होता है। इस गुदा में हलके काले रंग के बीज होते है। जिसे सुखाकर भी खाया जाता है। तरबूज पानी से भरपूर मीठे होते है इसकी फसल आमतौर पर गर्मी में तैयार होती है। 

तरबूज के पोषण और स्वास्थ लाभ भी कई है। इसकी खेती आर्थिक रूप से फ़ायदेमंद मानी जाती है। यह एक बेहतरीन और ताजगीदायक फ़ल है। प्रति 100 ग्राम तरबूज में 95 .8 ग्राम पानी होता है इसी लिए गर्मियों में तरबूज का सेवन धुप की वजह से होने वाले निर्जीकरण से बचाता है अक्सर होने वाले मूत्रमार्ग के संक्रमण से निजात पाने में भी सहायक है। तरबूज लगभग 119 मि  .ग्रा पोटेशियम देता है जो की ह्दय के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। 

 

तरबूज खाने के फ़ायदे 

1 .ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखे ;

तरबूज का सेवन करने से हार्ट सबंधी रोग कम होते है तरबूज में काफी मात्रा में पोटेशियम और मैग्नेशियम होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है तरबूज में लाइकोपन एंटीऑक्सीडेंट होता है जो आपको ह्दय रोग से बचाता है इससे ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक और ब्लड क्लोंटिंग की समस्या काम होती है। 

 

2 .वजन घटा ने के लिए 

तरबूज खाने से वजन कम होता है भले तरबूज मिठा फल हे लेकिन इसमें  कैलोरी बहुत कम होती है जो लोग डाइटिंग करते है उन्हें तरबूज खाने की सलाह दी जाती है तरबूज खाने से पेट जल्दी भरता है और पाचन अच्छा रहता है तरबूज वेट लॉस के लिए बेस्ट फल है। 

 

3 .शरीर को स्वस्थ रखे हाइड्रेट 

तरबूज में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है ऐसे में गर्मी में तरबूज का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है तरबूज बॉडी को हाइड्रेट रखता है तरबूज खाने से शरीर को ठंडक मिलती हे  .आपको रोजना तरबूज का सेवन जरूर करना चाहिए।

 

4 .कैंसर के बचाव के लिए 

कैंसर जैसी धातक बीमारी के लिए भी तरबूज के फ़ायदे बहुत है तरबूज में लाइकोपीन नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर से बचाव कर सकता है लाइकोपीन की वज़ह से तरबूज को लाल रंग प्राप्त होता है । यह एकशक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है इसलिए यह शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकता है।

 

5 .मांसपेशियों में दर्द 

मांसपेशिया में होने वाले दर्द के लिए भी तरबूज फ़ायदा पंहुचा सकता है। यह खास फल इलेक्ट्रोलाइट्स और एमिनो एसिड साइट्रलाइन से समृद्ध होता है कसरत के बाद गले की मांसपेशियों मे होने वाले दर्द को शांत कर सकता है 15. एक अध्ययन के अनुसार ,तरबूर में मौजूद साइट्रलाइन मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है इसलिए ,मांसपेशिया के दर्द से बचे रहने के लिए आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते है। 

 

6 .पाचन शक्ति में सुधारा

गर्मी में पेट से जुडी समस्याए काफ़ी बढ़ जाती है ऐसे में आपको तरबूज जरूर  खाना चाहिए . तरबूज में अच्छी मात्रा में फ़ाइबर होता है जिससे पाचनतंत्र स्वस्थ  मजबूत रहता है पेट को स्वस्थ रखने के लिए आपको रोजाना तरबूज खाना चाहिए। 

 

7 . हार्ट को रखे हेल्दी 

आजकल हार्ट संबधी बीमारियो का ख़तरा काफ़ी बढ़ गया है बहुत कम उम्र में ही लोगो को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा होने लगा है  ऐसे में जो लोग तरबूज सेवन करते है उनका हार्ट लंबे समय तक हेल्दी रहता है तरबूज में लाइकोपीन नामक एंटीऑक्सीडेंट हार्ट को हेल्दी रखता है।

 

8 .बाल और त्वचा को रखे हेल्दी 

तरबूज खाने से बाल और त्वचा भी अच्छी रहती है इसमें विटामिन सी और विटामिन ए पाया जाता है जिससे कोलेजन का निर्माण होता है और आप लंबे समय तक जवान रहते है तरबूज खाने से त्वचा मुलायम होती है इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए कोशिकाओं को रिपेयर करता है। 

 

तरबूज खाने के नुकसान

 

1 .पेट हो सकता हे ख़राब 

तरबूज का सेवन एक ही बार में अधिक कर लेने  पेट से सबंधित समस्या हो सकती हे इस फ़ल में डायटरी फ़ाइबर की मात्रा अधिक होती हे जिसकी वहज से ज्यादा खाने से पेट दर्द की समस्या होती है इसके अलावा तरबूज में पानी की मात्रा भी ज्यादा होती है इसे ज्यादा खाने से ओवर हाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती  है इस फल को अधिक मात्रा में खाने से पाचन तंत्र सबंधित समस्याए जैसे की गैस ,पेट फूलना ,दस्त,आदि समस्याए होती है।

 

2 .कितनी मात्रा में  तरबूज खाने चाहिए 

अगर आपको तरबूज बहोत पसंद है तो आप आधा किलो तरबूज खाये क्युकी तरबूज में शुगर और कैलोरी होता है  इसलिए अधिक सेवन से डायबिटीज के मरीज को समस्या हो सकती है आप तरबूज को काटकर भी खा सकते है और इसका ज्यूस बनाकर भी पि सकते है।

 

3 .ग्लूकोज का स्तर 

तरबूज में ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा काफी पायी जाती है यही कारन हे की तरबूज का ज्यादा सेवन करने से शरीर में ग्लूकोज लेवल में इजाफ़ा हो सकता है इसलिए मधुमेह रोगियों को तो तरबूज  का सेवन नियत्रित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है। 

 

तरबूज के बारे में अमेंजिग कैक्टस

1 . तरबूज कंदु और खीरे का रिश्तेदार है। 

2 . तरबूज सबसे पहले अफ्रीका में पाया गया था। 

3 . तरबूज गर्मियों में हमारे लिए बहोत ही फायदेमंद होता है। 

4 . 95 देशो में 1200  प्रकार के तरबूज उगाये  जाते है। 

5 . विश्व में तरबूज का सबसे अधिक उत्पादन चीन में होता है। 

6 . तरबूज बहुत स्वादिस्ट फल होता है। जिसकी वजह से यह पूरी दुनिया में महशूर है। 

 

तरबूज की खेती के बारे में जानकारी 

 

1 .तरबूज की खेती का उचित समय 

वैसे तो तरबूज की खेती दिसंबर से लेकर मार्च तक की जाती सकती है लेकिन तरबूज की बुवाई का उचित समय मध्य फरवरी माना जाता है वही पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च – अप्रैल के महीनों में इसकी खेती की जाती है। 

 

2 .तरबूज की खेती  लिए जलवायु और मिट्टी 

तरबूज की खेती के लिए अधिक तापमान वाली जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है अधिक तापमान से फलों की वृद्धि अधिक होती है बीजो के अंकुरण के लिए 22 – 25 डिग्री  सेंटीग्रेड तापमान अच्छा रहता है। अब बात बात करे इसकी खेती के लिए मिट्टी की तो रेतीली और रेतीली दोमट भूमि इसके लिए होना चाहिए। तब दे की इसकी खेती अनुपजाऊ या बंजर भूमि में भी की जा सकतीं इसके लिए सबसे अच्छी रहती है वही मिट्टी का पि .एच  .मान 5  .5 -7  .0 के बिच होना चाहिए बता दे की इसकी खेती अनुपजाऊ या बंजर भूमि में भी की जा सकती है। 

 

3 तरबूज की खेती के लिए उन्नत किस्में 

तरबूज की कई उन्नत किस्मे होती है जो कम समय में तैयारी हो जाती है और उत्पादन भी बेहतर देती है इन किस्मो में प्रमुख किस्मे इस प्रकार से है। 

 

4 . शुगर बेबी 

इस किस्म के फल बीज बोन के 95 -100 दिन बाद तोड़ाई  के लिए तैयार हो जाते है जिनका औसत भार 4 -6 किलोग्राम होता है इसके फल में बीज बहुत कम होते है। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 200 – 250 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। 

 

5 .अर्का ज्योति 

इस किस्म का विकास भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान बैंगलोर किया गया है इस किस्म के फल का भार 6 -8 किलोग्राम तक होता है इसके फलों की भंडारण क्षमता भी अधिक होती है इस क़िस्म से प्रति हेक्टेयर 225 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है।

 

6 .खेती के बीजो की रोपाई 

तरबूज के बीजो की रोपाई बीज के रूप में की जाती है भरता के मैदानी भागो में तरबूज को बड़ी मात्रा  उगाया जाता है इन बीजो  तैयार किये गये गड्डे में 2 से 3 फिट की दुरी पर 1 cm गहराई में लगाया जाता है बीज रोपाई के बाद गड्डो को पारदर्शी पॉलीथिन से ढक दिया जाता है तथा पॉलीथिन में कुछ पौधे को धुप मिलती रहे। 

 

7 .सिंचाई 

मैदानी और शुष्क क्षेत्रों में की गई बीजो की रोपाई में सिंचाई की अधिक जरुरत होती है इस दौरान पहली सिंचाई बीज रोपाई के तुरंत बाद करना होता है तथा दूसरी सिंचाई 3  से  4 दिन के अंतगत की जाती है।

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