तकलीफ पर बेहतरीन शायरी – Taklif Par Shayari

 तकलीफ शायरी 

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 ऐसा कोई इंसान नहीं हे जिनको कोई तकलीफ न हो। तकलीफ से ही इंसान अपने जीवन को अच्छी तरह से जान सकता हे और जो इंसान तकलीफो से लड़ता हे वही आगे बढ़ सकता हे आज जो भी इंसान सफल हे उन्हों ने भी अपने जीवन में तकलीफो का सामना किया हे तभी वो आज सफल हे जितने बड़े आपके सपने होंगे उतनी ही बड़ी आपकी तकलीफ होगी। जब तक आप जिन्दा होंगे तब तक आपके साथ तकलीफ होगी जिस दिन आपकी मौत हो गई उस दिन से आपकी तकलीफ भी ख़त्म हो जाएगी यानिकि इस दुनिया में आपको जीना हे तो तकलीफ से लड़ना ही होगा ये एक वास्तविकता हे इसलिए तकलीफ का सामना करे तकलीफ भी आपकी हे और उसका सामना भी आपको ही करना हे। 

तो दोस्तों आज हम तकलीफ पर शायरी, तकलीफ पर दो शब्द, लेकर आये हे तो दोस्तों मुझे उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद होगी। 

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तकलीफ़ शायरी

 

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तकलीफ मिट गई 

लेकिन एहसास रह गया 

ख़ुश हूँ की कुछ न कुछ 

तो मेरे पास रह गया।

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तकलीफ ये नहीं की 

किस्मत ने मुझे धोखा दिया 

बल्कि तकलीफ तो ये है मेरा यकींन तुम पर था 

किस्मत पे नहीं।

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तकलीफ होगी तुम्हारे नाजुक ख्यालो को 

यूँ अकेलें बैठकर हमें सोचा न कीजिए।

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जो पहले से ही खुश हे 

दुनिया उसी की खैरयत पूछती है 

और जो तकलीफ में होता हे उनके तो 

नंबर भी खो जाते है। 

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उनको मेरी तकलीफ क्यों महसूस नहीं होती 

जो कहते थे बहोत अच्छे से जानते हे तुजे।

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अज़नबी रहना ही ठीक है इस दुनिया में 

लोग बहोत तकलीफ देते है अक्शर अपना बनाकर।

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कम हो गई है खुद की तकलीफ़ और 

अब तो अपनों से उम्मीद भी कम हो गयी है।

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तकलीफ़ शायरी इमेज

 

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वो इश्क कैसा जो तकलीफ न दे और 

वो आशिक कैसा जो इश्क में तकलीफ़ न सहे।

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क़त्ल कर दो निगाहो से ताकि

 हम दोनों को तकलीफ न हो 

मूझे सर झुकाने की और

 तुम्हे खंजर उठाने की।

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इतनी तकलीफ नहीं होती वक्त एके

 बदल जाने से 

जीतनी किसि अपने के बदले जाने 

से तकलीफ होती है।

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जीने में क्या मजा अगर संधर्ष और 

तकलीफ न हो तो 

बड़े बड़े तूफान थम जाते हे अगर 

आग लगी हो साइन मे

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Takleep Shayari 

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खुद को तकलीफ देने की मेने आदत 

बन ली ताकि जब कोई 

अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ न हो।

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ज़िम्मेदारी पर शायरी 

 

जीवन बदलने वाली शायरी 

 

सिर्फ मुझे छोड़ के जब तुम सब से 

बात करते हो तो 

बहोत तकलीफ होती है। 

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तकलीफ़ शायरी इन हिन्दी

 

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हमसफ़र नहीं होते तस्वीर में 

साथ दिखने वाले 

तकलीफ़ में साथ देने वाले हमसफ़र 

होते है।

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अपनी मोहब्बत जब किसी और की 

हो जाती है तो साहेब तो 

बहोत तकलीफ होती है।

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अपना गम बया करना मेरी 

फ़ितरत में नहीं 

अगर तेरी वजूद का हिस्सा हु तो 

महसूस कर तकलीफ मेरी।

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मुझे उस चोट से तकलीफ नहीं होती 

जिसके बदले में कोई ख़ुश 

रहना सिख ले।

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सिर्फ उस रब से ही बताओं अपनी तकलीफ 

वरना ज़माने में तो हर कोई मजबूरी 

का फायदा उठता है।

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तकलीफ पर दो शब्द 

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जितना बड़ा सपना होगा उतनी ही 

बड़ी आपकी तकलीफ़ होंगी।

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जिंदगी का वो लम्हा हमें बहोत 

तकलीफ़ देता है 

जब हम चाहकर भी किसी के हो 

नहीं सकते।

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न कर बेशक मोहब्बत मगर बात तो कर 

तेरा यु खामोश रहना ही बड़ी 

तकलीफ देता है। 

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तकलीफ़ शायरी २०२२

 

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 कौन कहता है  की जिंदगी  तकलीफ़ देती है 

अगर तुम जैसे दोस्त साथ हो तो 

जिंदगी भी सर झुका देती है।

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हम रहते थे जो खुश 

उसने हमें उदास कर दिखाया है 

हम जानते ना थे क्या होता है दर्द 

उस बेवफा ने तकलीफ से वाकिफ कराया है।

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तकलीफ की सुरंगो से 

जब जिंदगी गुजरती है 

सबसे पहले अपनों के 

हाथ और साथ छूट जाते है।

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जब वो शक्श इग्नोर करता है तो 

तकलीफ़ बहोत होती है 

जिसे हम अपना सब कुछ मानते है।

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कोई बात बडी तकलीफ देने वाले को 

भूल जाओ तो किन्तु तकलीफ़ में साथ 

देनेवाले को कभी मत भूलना। 

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किसी को हम मज़ाक  भी 

तकलीफ़ देने से डरते है और 

न जाने लोग कैसे सोच समझकर 

दिलों से खेल जाते है।

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सीने में बहोत दर्द छुपाकर

तकलीफ़ होती हे जीने में।

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तकलीफ़ शायरी

 

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इंसान का दिल दुखता हे हर तकलीफ़ से 

लेकिन हर तकलीफ से इंसान 

सिखता भी बहोत है।

जिम्मेदारी पर स्टेटस 

 

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एक इंसान ऐसा होता हे जिंदगी में 

जो कितना भी तकलीफ दे हमें 

मग़र सुकून उसी के पास ही 

मिलता है हमें।

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बहुत तकलीफ देती है ना मेरी बाते तुम्हें 

देख लेने एक दिन मेरी ख़ामोशी तुम्हें रुला देगी।

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पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम 

ग़लती हुई क्योंकि इंसान थे हम 

आज जिन्हें नज़रे मिलाने में तकलीफ़ होती है 

कभी उसी शख्स की जान थे हम।

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काश कोई ऐसा हो जो गले लगा कर कहे 

तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ़ होती है। 

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सज़ा देनी तो मुझे भी आती है 

पर तुम तकलीफ़ से गुजरो 

ये मुझे गवारा नहीं।

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चहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही 

मोहब्बत अजनबी होकर बड़ी तकलीफ देती है।

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तकलीफ़ शायरी

 

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तेरे दिल से निकल जाने 

के बाद फिर मै उम्र भर 

तकलीफ में रहा।

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ऐ खुदा काश तेरा भी एक खुदा होता तो 

तुझे भी ये अहसास होता की 

दुआ क़ुबूल ना होने पे 

कितनी तकलीफ़ होती है।

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दिल चाहें कितना भी तकलीफ़ में हो 

तकलीफ़ देने वाला दिल में ही रहता है।

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बहुत तकलीफ देते है 

वो ज़ख्म 

जो बिना कसूर के 

मिले हो। 

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तकलीफ खुद ही कम हो गई 

जब अपनों से उम्मीद कम हो गई।

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तकलीफ भी मिटी नहीं दर्द भी रह गया 

पता नहीं फिर आँसुओ के साथ क्या बह गया।

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तकलीफ़ शायरी

 

” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “