बचपन पर बहेतरीन शायरी – Bachpan Par Shayari Hindi Me

बचपन की यादें हर एक इंसान की आँखों को भर देती हे क्योकि हमारा बचपन ही ऐसा होता हे ना कल की फ़िक्र होती हे और ना ही धन कमाने की। बचपन में किसी भी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होती बस खेलना और मस्ती करना यही होता हे। इसलिए आज हर एक इंसान को बचपन के वो दिन बहुत याद आते हे तो दोस्तों आज हम बचपन पर कुछ शायरी लेकर आये हे हमें उम्मीद हे की आपको ये शायरीया जरूर पसंद होगी।

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बचपन पर शायरी 

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बचपन के दिन भी कितने अच्छे 👌 दिन थे 

तब दिल 💗 नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे अब तो 

एक आँसू 😓 भी बर्दाश नहीं होता 

और बचपन में जी भरकर रोया 😭 करते थे।

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बचपन शायरी

 

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अजीब सौदागर है ये वक्त ⨂ भी

 जवानी का लालच देकर 

हमारा बचपन ही ले गया 😪। 

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लगता है उसके 💁 माँ बाप ने 

बचपन में उनको खिलौने 😡 नहीं दिए 

तभी तो पगली हमारे दिल 💖 से खेल रही हे। 

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 फिर से बचपन 👻 लौट रहा है शायद …..

 जब भी नाराज होता हूँ

 खाना छोड़ देता हूँ 😓।

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ज्यादा कुछ 👉 नहीं बदला मेरी 

उम्र बठने के साथ बस एक 

बचपन की जिद 💪थी वो 

समझोतो में बदल गई। 

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बचपन में तो शाम 🌄भी हुआ करती थी

अब तो बस सुबह के बाद रात 🌃 होती है। 

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बचपन शायरी इन हिन्दी

 

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चलो आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से 

वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत 💓नाप लेते 

है। 

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याद 😗 आता है हमें वो बिता हुआ बचपन 

तब खुशियाँ छोटी होती थीं। 

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बचपन याद शायरी 

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बाग में तितली 🦋 को पकड़ कर खुश होना 

तारे ⭐ तोड़ने जीतनी ख़ुशी देता था वो बचपन हमारा।

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टेंशन पर शायरी 

 

झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे ✅ थे हम 

ये उन दिनों की बात है जब बच्चे 👱 थे हम ।

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बचपन भी कमाल 👌 का था 

खेलते खेलते चाहे छत पर सोये 

या जमींन पर 

आँख 👀 बिस्तर पर ही खुलती थी। 

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रोने 😥 की वजह भी न थी 

और न हँसाने 😂 का बहाना था

क्यों हो गए हम इतने बड़े 

इससे अच्छा तो वो हमारा 💏 बचपन का जमाना था। 

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बचपन बेस्ट शायरी

 

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एक इच्छा है भगवान 🙏 मुझे बच्चा बना दो 

लोटा दो मेरा बचपन मुझे फिर से बच्चा बना दो।

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बचपन शायरी 2 लाइन 

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बचपन में आकाश को छूता सा लगता था 

इस पीपल की शाखाओ में अब कितनी नीची है। 

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दूर मुझसे हो गया बचपन मगर 

 मेरे बचपन 👲 का बचपना आज भी जिन्दा हे। 

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बचपन से हर शख्स याद 😒 करना सिखाता रहा 

  लेकिन भूलते कैसे है ये बताया नहीं किसी ने 😓। 

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ना कुछ पाने की आशा 👋ना कुछ खोने का डर 

बस अपनी ही धुन बस अपने ही सपनो का घर 

काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन।

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जो सपने हमने बोए थे की ठंडी छाँवो में 

कुछ पनघट पर छूट गए तो 

कुछ कागज की नवो में बह गए । 

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बचपन की दोस्ती 👬 थी और बचपन का प्यार 💘 था 

तू भूल गया तो क्या तू मेरे बचपन का यार 👬 था।

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बचपन शायरी इमेज

 

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मेरे रोने का जिस में किस्सा है 

वो मेरी उम्र का सबसे बेहतरीन 👌 हिस्सा है।

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स्कूल की याद शायरी 

 

हँसने 😅 की भी वजह ढुढनी पड़ेगी अब

शायद मेरा बचपन ख़त्म होने को है। 

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 चील उडी कौआ उडा 

शायद बचपन भी कही उड़ ही गया हे।

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कई सितारों ✶ को में जानता हूँ बचपन से 

कही भी जाऊ वो मेरे साथ – साथ ही चलते हे।

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बचपन की यादे पर शेर 

 

देखो बचपन में तो बस शैतान 😡 था 

मगर अब खुखार 😎 बन गया हूँ।

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बचपन पर शायरी

 

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वक्त ⊗ से पहले ही वो हमसे रुठ 😒 गयी हे 

बचपन की मासूमियत न जाने कहा छूट गई😗

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शौख जिंदगी 👨 के अब जरूरतों में ढल गये 

शायद बचपन से निकल हम बड़े हो गये। 

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अपना बचपन भी कमाल 👌 का हुआ

करता था,

न कल की फिक्र ना आज का ठिकाना हुआ 

करता था। 

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बचपन की मुस्कान शायरी 

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हॅसते खेलते गुजर जाये वैसी शाम 🌅 नहीं 

आती 

होठो पे बचपन वाली मुस्कान 😅 अब फिर से नहीं 

आती।

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बचपन के लिए शायरी 

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कौन कहता है की मै जिंदा नहीं

बस बचपन गया बचपना नहीं। 

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बचपन शायरी २०२२

 

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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “

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