मौसम पर शायरी – Mausam Shayari In Hindi

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मौसम शायरी इन हिंदी

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वाह मौसम तेरी अदा पर 

ये दिल खुश हो गया 

याद मुझे आई और 

बरस तू गया। 

 

मौसम शायरी

 

जो आना चाहो तो हजार रास्ते हे 

न आना चाहो तो हजार बहाने हे 

मिजाज़ ऐ बेरहम मुश्किल रास्ते 

बरसात बारिश और ख़राब मौसम। 

 

रुका हुआ है अजब धुप छाँव का मौसम 

गुजर रहा कोई दिल से बदलो की तरह। 

 

मौसम का मिजाज मुझे 

समझ ने मे नहीं आता हैं 

यह भी इन्सानो की तरह 

ही बेवफा हो जाता हैं। 

 

अपने किरदार को बचाये 

रखना मौसम से 

लौट कर फूल में वापस 

नहीं आती खुशबू फूल की ।

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सुहाना मौसम शायरी 

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ये मौसम कितना प्यारा है  

खूबसूरत कितना यह नजारा है 

इश्क करने का गुनाह हमारा है 

मेरे सीने मे धड़कता दिल तुम्हारा है। 

 

काश तुझे सर्दी के मौसम में 

लगे मोहब्बत की ठंड 

और तू तड़प कर माँगे

 मुझे कम्बल की तरह। 

 

इस सुहाने मौसम से

 मेँ आज डरता हूँ 

उसे भुलने की कोशिश 

में हर पल करता हूँ। 

बादल पर शायरी 

 

मौसम को मौसम की बहरो ने लुटा 

हमें कश्ती ने नहीं किनारो ने लूटा।

 

कुछ मौसम की तरह रही हो 

मै फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ। 

 

इस ठंडे मौसम की बहार बन कर 

ठंडी में भी गर्मी की फुहार बनकर 

 तेरी मोहब्बत में फसा हूँ 

एक लाचार बनकर। 

 

ये कैसी घटा हे दिलो की 

जो दिमाग़ पर छाई हे 

ऐसा लगता हे की वो आज 

 मुझसे कुछ कहने आई थी। 

 

बदलता मौसम शायरी 

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दिन छोटा और रात लब्मी हो चली 

मौसम ने यादो का वक्त बढ़ा दिया। 

 

मौसम पर शायरी

 

मंजर भी बेनूर थे

और फिजाये भी बेरंग थी 

जब याद आई तुम्हारी तो 

ये मौसम सुहाना हो गया। 

 

मौसम चल रहा है इश्क का साहब 

जरा सम्भाल कर के रहियेगा। 

कौन कहा बदल जाये मौसम की तरह 

ये कुछ कह नहीं सकते। 

प्रकृति प्रेम शायरी 

 

मौसम है बारिश का और याद आपकी आती है 

बारिश के हर कतरे से आवाज तुम्हारी आती है 

 हवाए चलती है तो जान हमारी जाती है 

मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है। 

 

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है 

मन करता चीखा कर कह दू 

हमको बस तुमसे ही प्यार है। 

 

जालिम ये मौसम 

तुम्हारी याद दिला देता हे 

जाने अनजाने में 

 ये मुझे रुला देता।

 

मौसम का खुमार ऐसा है 

की दिल बस यही कह जा रहा हे 

की एक कप चाय के साथ 

एक प्लेट पकोड़े हो जाये। 

 

मौसम शायरी इन हिन्दी

 

यह तूफान से सिखा है या मौसम से 

जो अपने तेवर रोज बदलते हो। 

 

मुझे फुरसत ही कहा हे की में 

मौसम सुहाना देखु 

 तेरी याद से निकलू तभी तो 

ये मौसम सुहाना देखु। 

 

मौसमे बरसात के मानिंद तुम आते हो यार 

या जम के बरसते हो

या अश्क बरसाते हो यार। 

 

पतझड़ में सिर्फ पत्ते गिरते है 

नजरो से गिराने का कोई मौसम नहीं होता। 

 

कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये

और कुछ तेरी मिटटी में बगावत भी बहुत थी। 

 

गांव पर शायरी 

 

उदास जिन्दगी उदास वक्त और उदास मौसम 

कितनी चीजों  इल्जाम लग जाता है तेरे बात न करने से। 

 

रोमांटिक मौसम शायरी

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मौसम की मिसाल दू या नाम लूँ तुम्हारा 

कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते है। 

 

मौसम शायरी २०२२

 

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना गले 

मे शाम चुरा लूँ अगर न लगे। 

 

दूर तक छाए थे बादल 

और कही साया न था 

इस तरह बरसात का 

मौसम कभी आया न था। 

 

धुप सा रंग है और खुद है वो छावो जैसे 

उसकी पायल में बरसात का मौसम छनके। 

 

आसमान पर शायरी 

 

मौसम सा मिजाज है मेरा 

कभी बरसाता सावन तो कभी सर्द हवा। 

मौसम शायरी इमेज

 

” पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद “