नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो आज हम एक चतुर चित्रकार की कहानी के बारे में बात करने वाले हे इस कहानी से आप ये सिख सकते हे की यदि हम संकट के वक्त चतुराई से काम करे तो हम संकट से बच सकते हे तो दोस्तों मुझे उम्मीद हे की आपको ये कहानी जरूर पसंद होगी।
चतुर चित्रकार की हिंदी कहानी
रामपुर नामक एक छोटा सा गांव था उस गांव में मगन नामक एक चित्रकार रहता था जो तरह - तरह के प्राकृतिक दृश्यों का चित्र बनाता था उसे चित्र बनाने का बड़ा ही शौख था वो कई बार नदी , पहाड़ , बाग़ - बगीचे के भी चित्र बनाता था। Life Inspirational Hindi Story
एक दिन की बात हे वो चित्रकार चित्र बनाने के लिए प्राकृतिक दृश्य की ख़ोज में एक घने जंगल में पहुँच जाता हे वहाँ उसे तरह - तरह के प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलते हे जिसे देखने के बाद वो बहुत ही खुश हो जाता हे क्योकि कभी भी उसने ऐसे प्राकृतिक दृश्य नहीं देखे थे रंगबेरंगी फूल , झरने , रंगबेरंगी पक्षी , बड़े - बड़े पेड़ ये सब देखकर वो चित्रकार चित्र बनाने लगा। कुछ देर बाद वहां एक सेर आ गया सेर को देखकर चित्रकार के होश उड़ गए उसके पैर कापने लगे फिर भी उस चित्रकार ने हिम्मत की और उस सेर से कहने लगा की जंगल के राजा की जय हो में एक चित्रकार हु और में आपका चित्र बनाना चाहता हु कृपा करके आप सामने वाले पथ्थर पर बैठ जाइये में आपका बहुत ही सुन्दर चित्र बना दू। चित्र बनाने की बात सुनकर जंगल का राजा बहुत ही खुश हो गया और चित्रकार से बोला अगर चित्र अच्छा नहीं हुआ तो तुम्हारी खेर नहीं और वो चित्रकार के सामने बैठ गया चित्रकार ने चित्र बनाना शरू किया कुछ देर बाद चित्रकार सेर से बोला महाराज आपके अगले भाग का चित्र तो बन चूका हे लेकिन पिछले भाग का नहीं इसलिए आप मुँह उल्टा कर बैठ जाइये ताकि में आपको पिछले हिस्से का भी चित्र बना लू।
अपने पुरे शरीर का चित्र बनवाने के लालच में शेर पीछे की और अपना मुँह करके बैठ गया तब चित्रकार अपना सारा सामान लेकर चुपके से वहाँ से रवाना हो गया। इस प्रकार उस चित्रकार में अपनी चतुराई की वजह से अपनी जान बचा ली।
कहानी की सिख : जब हम किसी संकट में आ जाये तब हमें हिम्मत और चतुराई से काम लेना चाहिए क्योकि यदि चतुराई से काम लिया जाये तो संकट को टाला जा सकता हे।
" पढ़ने के लिए आपका दिल धन्यवाद "
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