भरोसा पर बहेतरीन कहानी – Bharosa Par Bahetarin Kahani

भरोसा हर किसी पर नहीं रखा जाता क्योकि आज कल लोग भरोसे का ही फायदा उठाते हे सिर्फ आप दो लोगो पर ही भरोसा रख रखते हे एक खुद पर और दूसरा खुदा पर। हम करते वही हे जो हम चाहते हे और होता वही हे जो भगवान चाहता हे लेकिन हमें वो कर्म करने चाहिए वो भगवान को पसंद हो फिर होगा वही जो हम चाहते हे। तो दोस्तों आज हम भरोसा पर कहानी ( Bharosa Par Bahetarin Kahani ) के बारे में बात करने वाले हे हमें उम्मीद हे को आपको ये कहानी जरूर पसंद होगी।

भरोसा पर कहानी – Bharosa Par Bahetarin Kahani

Bharosa Par Bahetarin Kahani

रामपुर नामक एक छोटा सा गांव था उस गांव में अयान नामका एक लड़का उसकी माँ के साथ रहता था यानिकि उसके लिए उसकी माँ ही सबकुछ थी उसके माँ के अलावा इस दुनिया में उसका कोई नहीं था घर का सारा काम माँ ही करती थी अयान की माँ हर सुबह और श्याम भगवान की पूजा अर्चना करती थी यानिकि उनको भगवान से बहुत लगाव था और वो ये बात अपने बेटे को भी सिखाती थी की भगवान जो भी करते हे वो हमारे भले के लिए ही करते हे। माँ और बेटा सुखी से अपना जीवन जीते थे।

एक दिन की बात हे उस गांव में किसी महामारी की वजह से सबको उस गांव को छोड़ना पड़ा लेकिन दूसरे स्थान जाने के लिए नाव में सवार होकर जाना था सब लोग दूसरे दिन तैयार हो गए वो बेटा और माँ भी अपना सामान लेकर नाव में बैठने के लिए तैयार हो गए नाव चलने लगी ऐसे में बिच रास्ते में भयानक तूफान आया ऐसे में सभी लोग भयभीत हो गए की अब क्या होगा?

नाव तूफान की वजह से हिलने लगी ऐसे में लोग और भी घभरा गए लेकिन अयान की माँ के चहेरे पर कोई भय नहीं था यानिकि वो शांत होकर ये सब देख रही थी ये देखकर अयान में अपनी माँ से पूछा की तूफान की वजह से हमारी नाव अब पानी में डूब जाएगी अब हम सब मर जायेंगे सब लोग भय से कांप रहे हे ऐसे में तुम्हारे चहेरे पर डर का कोई निशान भी नहीं दिख रहा इतनी मुश्किल परिस्थिति में भी आप शांत कैसे बैठ सकते हे क्या आपको मरने से डर नहीं लगता। 

बेटे की बात सुनकर माँ में अपने सामान में से चाकू निकाला और अपने बेटे के गले पर रख दिया और अपने बेटे से कहा की अब बतावो तुम्हे डर लगता हे या नहीं तब अयान ने अपनी माँ से कहा की में भला आपसे क्यों डरु आप तो मुझे अपने से भी ज्यादा चाहती हो और चाकू भी आपके हाथ में हे तो मुझे डरने की कोई जरुरत नहीं है। 

तब अयान की माँ आयन को समझाते हुए कहती है की जैसे मेरे हाथो में चाकू हे वैसे ही भगवान में हाथ में सब कुछ हे ये तूफान भी उसके हाथ में हे जैसे तुम मुझे अपना हृदयशी समझकर नहीं डरते वैसे में भी भगवान को अपना ह्रदयशी समझकर नहीं डरती यानिकि जैसे तुम्हे अपनी माँ पर भरोसा हे की मेरी माँ मेरा ख़राब नहीं कर सकती वैसे ही तुम्हारी माँ को भी अपने भगवान पर भरोसा हे की वो हमें बचा लेंगे। भगवान का प्रेम सबके लिए एकसमान हे और वो वही करेंगे जो हमारे सबके लिए अच्छा होगा तो फिर डरने की क्या बात हे बस हमें भगवान पर भरोसा रखना चाहिए। 

” ऐसे लोग कभी सफल नहीं होते जिनको परिणाम से ज्यादा अपने काम में आने वाली मुश्केली के बारे में सोचे रहते हे “

कहानी की सिख 

छोटी सी कहानी है लेकिन कहानी की सिख बड़ी हे की जो इंसान भगवान पर भरोसा करता हे भगवान के न्याय पर भरोसा रखता हे वो कभी ज़िन्दगी में मुसीबतो को नहीं देखा सकता यानिकि जब कोई इंसान अपने से ज्यादा अपने भगवान पर भरोसा करता हे तब संकट के वक्त चिंता भक्त को नहीं भगवान को होती हे लेकिन उसके लिए हमें ज़िन्दगी में अच्छे कर्म और भगवान की भक्ति करनी चाहिए।

आज अगर आपके पास कुछ नहीं हे तो इसका मतलब ये नहीं की आगे भी आपके पास कुछ नहीं होगा बस आपको अपना कर्म करते रहना हे और भगवान पर भरोसा बनाये रखना चाहिए क्योकि भगवान जब देता हे तब बहेतर नहीं बहेतरीन ही देगा।

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