इस संसार में हर कोई सुखी होना चाहता हे यानिकि आजकल हर एक इंसान अपने जीनव को सुखी से जी सके इसके लिए हमेंशा कार्यरत होता हे लेकिन वास्तव में कोई इंसान सुखी हे क्या? या फिर संसार में सबसे सुखी कौन हे। ऐसा कौन हे जिसे हम सुखी इंसान कह सके तो ये बड़ा ही मुश्किल सवाल हे क्योकि दुनिया में ऐसा कोई भी इंसान नहीं हे जो सुखी हो किसी को कुछ ना कुछ समस्या होती ही हे लेकिन फिर भी हम आपको ये बताने का पूरा प्रयास करेंगे की संसार में सबसे सुखी कौन हे।
संसार में सबसे सुखी कौन हे – Sansar Me Sabase Sukhi Kon Hai
वास्तविकता को स्वीकार करने वाला इंसान
जो इंसान वास्तविकता का स्वीकार करता हे वो सुखी होता हे क्योकि जब हम वास्तविकता का स्वीकार कर लेते हे तब हमें दुःख नहीं होता हे यानिकि जब हम किसी बुरी परिस्थिति से गुजरते हे , हमारे जीवन में बुरा वक्त आता हे , कोई इंसान हमारा दिल दुखाता हे तब हम उन परिस्थिति का स्वीकार कर लेते हे जिसे हम दुखी नहीं होता यानिकि ज़िन्दगी में सुख और दुःख आते रहते हे अगर ये हमने स्वीकार लिया तो जब हमारे जीवन में दुःख आता हे तब हम उनका सामना करते हे क्योकि हमें ये वास्तविकता का स्वीकार किया हे।
ज़िन्दगी में सुख और दुःख एक पहलू हे इसलिए हम हर एक स्थिति , हर हालत का स्वीकार करते हे जिसमे दुखी होने का कोई सवाल ही नहीं हे।इसलिए जिन्दगी में सुखी होने हे तो ज़िन्दगी की वास्तविकता का स्वीकार करना सीखिए।
सतुष्ट इंसान
हर इंसान की अपनी – अपनी सोच होती हे जैसे की अगर हम ये सवाल किसी को पूछते हे की इस संसार में सबसे सुखी कौन हे तो कई लोगो का जवाब ये होगा की जिसके पास धन हे वो सबसे सुखी होगा तो कई लोग कहेंगे की साधु संत सबसे सुखी होंगे लेकिन आपको पता हे की संसार का सबसे सुखी इंसान कौन हे तो इस संसार का सबसे सुखी इंसान वो हे जो सतुष्ट हे क्योकि उसके पास सतुष्टि रूपी धन हे जो उनको सुखी रखता हे।
जिसे हर एक चीज से वो सतुष्ट हे उसे किसी दूसरे की चीज से जलन नहीं होती क्योकि जो चीज उसके पास हे उसी में उनको अपनी ख़ुशी दिखती हे। ज़िन्दगी बदलने वाले प्रेरक विचार
वर्त्तमान में जीना वाला इंसान

संसार में वो इंसान भी सुखी होता हे जो वर्तमान में जीता हे जैसे की एक वृद्ध अतीत में जीता हे जिसकी वजह से दुखी रहता हे एक युवा अपने भविष्य में जीता हे जिसकी वजह से वो दुखी रहता हे जबकि एक छोटा सा बच्चा हमेंशा वर्तमान में जीता हे जिसकी वजह से वो हमेंशा सुखी , प्रसन्न रहता हे इसलिए अगर आपको भी ज़िन्दगी में सुखी रहना हे अपने वर्तमान में जीना सीखो क्योकि ख़ुशी वर्तमान में ही हे। और जो वर्तमान में जीता हे वो अपने आप को पहचान लेता हे यानिकि उनको सुखी होने के लिए न तो कोई वजह चाहिए और ना ही कोई वस्तु या इंसान।
” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “