ग्रीष्म ऋतु पर बहेतरीन निबंध – Essay On Summer Season In Hindi

नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो आज हम बात करने वाले हे ग्रीष्म ऋतु पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi) के बारे में तो दोस्तों आप सभी लोग जानते हे की परिवर्तन कुदरत का एक नियम हे और इसी नियम के अनुसार ऋतुओ का भी परिवर्तन होता रहता हे। जिस प्रकार रात के बाद दिन होता हे वैसे ही ठंड ऋतु के साथ ग्रीष्म ऋतु भी आती हे तो दोस्तों उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद होगी। ग्रीष्म ( गर्मी ) ऋतु पर निबंध क्लास 2,3,4,5,6,7,8,

ग्रीष्म ऋतु पर निबंध

 

🌞 ग्रीष्म ऋतु पर निबंध 🌞

ग्रीष्म ऋतु यानिकि गर्मियों का मौसम। जो वसंत ऋतु के बाद इस ऋतु का आगमन होता हे ये ऋतु अप्रेल से शरू होकर जुलाई तक रहता हे। वैशाख का महीना आते ही गर्मी अपना रूप दिखाना शरू कर देती हे यानिकि ग्रीष्म ऋतु के दौरान सूरज निलकते ही आग बरसाने लगता हे और दोहपर के दौरान तो इतनी प्रचंड गर्मी होती हे की घर की बहार निकलना मुश्किल होता हे। 

🅐  प्रस्तावना 

ग्रीष्म ऋतु सबसे गर्म मौसम हे ग्रीष्म ऋतु का मौसम सबसे ज्यादा छोटे बच्चो को पसंद होता हे क्योकि इसी मौसम में बच्चो को समर कैंप , घूमने जाने , आइस क्रीम खाने , लस्सी पिने , ग्रीष्म ऋतु के फल खाने और ज्यूस पिने का आनंद ही कुछ और होता हे और इसी ऋतु में बच्चो को स्कूल की छुट्टी भी मिलती हे। ग्रीष्म ऋतु के दोहपर के दौरान जोरो से गर्मी लगती हे यानिकि इस ऋतु के दोहपरी में जमीन तवे के समान तपने लगती हे ऐसे में बच्चो , युवा और वृद्धो सभी का घर से बहार निकलना मुश्किल हो जाता हे। गीष्म ऋतु को फलो की ऋतु कहा जाता हे जबकि फलो का राजा आम भी इसी ऋतु में हमें प्राप्त होता हे। 

🅑  ग्रीष्म ऋतु का प्रकोप 

होली के त्यौहार के कुछ दिनों के बाद भी ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ होता हे। और गीष्म से बचने के लिए माता – पिता अपने बच्चो को समुद्र तटीय स्थानों पर , जंगल विस्तार में , पहाड़ी इलाको पर पिकनिक के लिए जाते हे और वहाँ मौसमी ज्यूस , मौसमी फलो और ठंडे प्रदार्थो का भरपूर आनंद लेते हे लेकिन कुछ लोगो के लिए गर्मी का मौसम अच्छा होता हे जबकि कुछ लोग के लिए गर्मी का मौसम असहनीय होता हे यानिकि जो गर्मियों के दिन घूमने जाते हे , ठन्डे स्थानों पर मनोरंजन कर सकते हे उनके लिए गर्मी का मौसम अच्छा हे लेकिन जिनके पास गीष्म की गर्मी से बचने वाले संसाधनों की कमी होती हे , पैसो की कमी की वजह से घूमने नहीं जा पाते बल्कि धूम में काम करना पड़ता हे वैसे लोगो के लिए ये मौसम बहुत ही असहनीय होता हे। 

सूर्य की तेज गर्मी की वजह से तालाब , कुए , झीले का पानी सुख जाता हे ऐसे में चारो और पानी के लिए त्राहि – त्राहि मच जाता हे ऐसे में हमें ऐसा प्रतीत होता हे की जल ही जीवन हे जबकि गांव जैसे इलाको में गीष्म के दौरान पानी की अछत होती हे जिसकी वजह से गांव के लोगो को बहुत दूर – दूर तक से पानी लाना पड़ता हे जबकि खेत में पानी की अछत की वजह से वो इस मौसम में पानी की अछत की वजह से खेती नहीं करते।

अगर किसी वजह से ग्रीष्म ऋतु में बिजली बंध हो जाये तब तो कुछ पूछिए ही मत क्योकि उस वक्त सिर से लेकर पाँव तक इंसान पसीने से नहा उठता हे और पसीने आने की वजह से शरीर में से दुर्घन्ध आती हे ऐसे में किसी काम करने में मन नहीं लगता। हमारी जुबान बार – बार सूखती हे पानी पि – पि कर हमारा पेट तन हो जाता हे लेकिन हमारी प्यास नहीं बुझती। इस ऋतु के दौरान गर्मी की वजह से खाने पहनने का ज्यादा आनंद नहीं रहता क्योकि पानी पि – पि कर ही भूख चली जाती हे जबकि कपडे उतार कर पानी में घुस जाने का मन करता हे। 

गीष्म का मौसम ज्यादातर बच्चो के लिए अच्छा होता हे क्योकि गर्मियों की छुट्टियों के दौरान वो अपने परिवार के साथ , अपने दोस्तों के साथ खेल सकते हे मस्ती करते हे , ठन्डे प्रदार्थो का भरपूर आनंद लेते हे , मौसमी फलो , मौसमी ज्यूस पीते हे। हमारे जीवन में फलो का महत्व

🅒 ग्रीष्म ऋतु की विशेषता : 

✅ग्रीष्म ऋतु में दिन बड़ा जबकि रात छोटी होती हे इसलिए लोग बाजार में देर शाम या रात के दौरान जाना पसंद करते हे और सुबह जल्दी टहलना पसंद करते हे। 

✅इस ऋतु में निचे जलती हुई धरती और सर पर आग उगलता सूर्य ऐसे में लू ये सब मिलकर ग्रीष्म ऋतु को किसी भयानक का रूप देते हे। चारो और तरफ के वातावरण को रुखा और शुष्क बनाती हे। 

✅इस मौसम में बहुत ही गर्म और शुष्क हवा चलती हे जिसे लू कहा जाता हे जो हमारे स्वस्थ के लिए नुकशान कारक साबित होती हे। 

✅ग्रीष्म की वजह से स्कूल , कॉलेज और बजार दोहपर के वक्त बंध या सुने हो जाते हे।

✅ग्रीष्म ऋतु के दौरान दोहपर के वक्त को बर्दाश करना बहुत ही मुश्किल होता हे क्योकि उस वक्त सूर्य के किरणे बहुत तेज होती हे और इसी वजह से बच्चो को छुट्टिया भी दे जाती हे क्योकि बच्चे सूर्य की गर्मी से बच सके और अपना समय अच्छे से व्यतीत कर सके। 

✅ग्रीष्म ऋतु से खुद को बचाने के लिए लोग अपने – अपने घरो में पंखे , कूलर AC का इस्तमाल करते हे और गर्मी से राहत पाते हे। 

✅ग्रीष्म ऋतु के दौरान लोग ज्यादातर अपने काम को सुबह करना पसंद करते हे और जब वो अपने घर से बहार निकलते हे तब चस्मा , स्कार्फ , छतरी , साथ में पानी लेकर निकलते हे।

✅गर्मियों के दौरान बच्चे अपने – अपने मामा, मासी के घर जाते हे। 

✅गर्मियों के दौरान कई बार तूफान और भवंडर भी आते हे। 

✅ग्रीष्म के दिन लोग हल्के और कॉटन के कपडे पहनना पसंद करते हे। 

✅अमीर लोग वातानुकूलित कक्ष का आनंद लेते हे जबकि कई लोग बिजली के उपकरणों से अपने आप को गर्मी से बचाते हे वैसे में गांव के लोग हाथ के पंखे से गर्मी का बचाव करते हे या फिर पेड़ो के निचे आराम करते हे 

✅जब ग्रीष्म ऋतु की शरुआत होती हे तब तालाबों में , नदियों में , झीलों में और कुओ में पानी के स्तर बहुत ही निचे चले जाते हे या पानी ही सुखकर कम हो जाता हे। 

🅓 गर्मी से बचने क्या करे ? 

✅ गर्मी से बचने के लिए हमें हल्के और आरामदायक कपडे पहनना चाहिए क्योकि ऐसे कपडे गर्मी के प्रकोप से हमें बचाते हे और पसीना सूखने में मदद करते हे। 

✅ ग्रीष्म ऋतु के दौरान गर्मी की वजह से पशु पक्षी भी प्यास से तड़पते हे इसलिए गर्मी के दिनों में हर एक इंसान को पशु – पक्षी को पानी मिल सके इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। और हो सके तो खाने की भी। 

✅ ग्रीष्म के दौरान पशु – पक्षी भी पेड़ के निचे आराम करते हे यानिकि पशु , पक्षी इंसान सभी जिव ग्रीष्म ऋतु के प्रकोप से व्याकुल हो जाते हे लेकिन एक गधा ही ऐसा प्राणी हे जो इस ऋतु के प्रसन्न होकर रेंगता हे और धूल में लेटता हे जिसकी वजह से उसे वैशाखनन्दन कहा जाता हे। 

✅ अगर दिन के दौरान जरुरत हो तभी अपने घर से बहार निकले और जब आप घर से बहार निलते तब आप सनस्क्रीन का इस्तमाल जरूर करे। और अपनी आँखों पर सनग्लासेज पहरे। 

✅ जब भी आप अपने घर से बहार निलते तब अपने साथ पानी लेकर ही निकले। 

✅ गर्मी से बचने के लिए आप टोपी ,छतरी का इस्तमाल कर सकते हे। 

✅ लू से बचने के लिए निम्बू , नमक वाले पानी को पीना चाहिए 

✅ जब भी आप गर्मियों से बहार घूमने निलते तब बहार के खाने जैसे की तला – भुना और खुल्ले में बनाये जाने वाले खाने से बचे क्योकि गर्मी में दूषित खोराक और पानी से बीमार होनी की संभावना ज्यादा होती हे। 

✅ गर्मी के दौरान जितना हो सके निम्बू पानी, गन्ने का रस लस्सी का सेवन करे। 

✅ मौसमी फल खरबूज , तरबूज , आम , खीरा ककड़ी का जितना हो सके उतना सेवन करे।

✅ ज्यादा गरमी की वजह से हमारे शरीर में से पसीना आता हे जिसे हमारे शरीर में पानी की कमी होती हे इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दे।

✅ सुबह के दौरान हो सके तो चीकू , आड़ू , संतरा आदि का सेवन करे। 

✅ हो सके तो गर्मियों के दिनों में शराब , कैफीन पिने से बचे क्योकि इनके इस्तमाल से शरीर में पानी की कमी हो सकती हे। 

✅ ठन्डे प्रदार्थो का सेवन करना चाहिए लेकिन अधिक मात्रा में नहीं 

✅ गर्मी से बचने के लिए वोटर पार्क में जाना चाहिए 

✅ गीष्म फलो का ज्यादातर सेवन करना चाहिए।  

✅ हानिकारक पेय पदार्थो से बचे।

✅ गीष्म के दौरान हमें जितना हो सकते उतना पानी पीना चाहिए 

✅ हो सके तो दोपहर यानिकि 12 बजे से लेकर 3 बजे तक घर में बहार मत निकले यानिकि आप उस वक्त धुप के सीधे संपर्क में होते हे इसलिए हो सके तो गर्मियों के दौरान धुप के सीधे संपर्क में आने से बचे। 

✅गर्मियों से बचने के लिए हर एक इंसान को पेड़ लगाने चाहिए क्योकि यही एक उपाय हे गर्मी को कम करने का। धुप पर शायरी 

✅जिस प्रकार दिन हे तो रात भी हे , सुख हे तो दुःख भी हे वैसे हे गीष्म ऋतु से हमें जितना नुकशान हे उतना फायदा भी हे क्योकि जरा सोचिये की अगर ग्रीष्म ऋतु न होती तो क्या होता ? क्या अनाज पकता ? क्या बारिश होती ? नहीं ना तो इस ऋतु का भी अपना एक महत्व हे तो अब हम जानेंगे की ग्रीष्म ऋतु के त्यौहार कौन से हे।

🅔 ग्रीष्म ऋतु के त्यौहार 

ज्येष्ठ और आषाढ़ ग्रीष्म ऋतु के मास हे और इस मास के दौरान सूर्य उत्तरायण की और बढ़ता हे जिसे गर्मी बढ़ती हे और इस ऋतु में प्राणी पक्षी और इंसान के लिए ये ऋतु कष्टकारी जरूर होती हे लेकिन इस ऋतु के बिना पर्यावरण का संतुलन भी बना नहीं रहता। 

इस ऋतु के दौरान निर्जला एकादशी , वट सावित्री व्रत , शीतलाष्टमी , देवशयनी , गुरु पूर्णिमा आदि त्यौहार आते हे। 

🅕 ग्रीष्म ऋतु के लाभ 

ग्रीष्म ऋतु का हमारे जीवन में एक अलग ही महत्व हे क्योकि गर्मी की वजह से ही किसान के खेतो में फसल अच्छी होती हे या फसले पकती हे इतना ही नहीं बल्कि गर्मी की वजह से धरती का पानी बास्प होता हे और बारिश के मौसम में वर्षा होती हे। ग्रीष्म ऋतु में हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने वाले कुछ फल जैसे की खरबूज , तरबूज , चीकू , आम जैसे रसीले फल और सब्जियों का हम आनंद ले सकते हे जबकि पेय पदार्थ लस्सी , आइसक्रीम , ठन्डे प्रदार्थ , गन्ने आदि का हम इसी ऋतु में इस्तमाल कर सकते हे यानिकि पर्यावरण के संतुलन के लिए ग्रीष्म ऋतु का आना बहुत अनिवार्य होता हे। 

ग्रीष्म की दोहपर जीतनी कस्टदायक होती हे श्याम भी उतनी ही आरामदायक होती हे यानिकि श्याम होते हे लोग घूमने चले जाते हे और देर रात के बाद अपने घर लौटते हे कई लोग अपने घर के छत पर आराम करते हे और खुल्ले आसमान का आनंद लेते हे। बेला , चमेली रजनीगंधा , रातरानी की खुश्बू ग्रीष्म की रात में चार – चाँद लगा देते हे। 

🅖 ग्रीष्म ऋतु के नुकशान 

✅कभी – कभी कई लोगो को ज्यादा गर्मी की वजह से चर्म रोग , पानी की कमी , डायरिया और हैजा जैसे स्वास्थ्य सबंधी समस्या होती हे इसलिए गीष्म के दिनों में ज्यादा घूमना नहीं चाहिए।

✅ज्यादा गर्मी की वजह से लू हो सकती हे और कई बार मौत भी हो सकती हे।

✅ग्रीष्म ऋतु के दौरान गर्मी ज्यादा होने की वजह से तालाब ,झीलों और कुए के पानी सुख जाते हे ऐसे में पानी की अछत होती हे पानी के लिए पशु – पक्षी त्राहि – त्राहि करते हे। 

✅किसानो के खेत में पानी न होने की वजह से ज़मीन कठोर हो जाती हे जिसे बाद में खेती करना मुश्किल होता हे। 

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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “