फूलों से सीखे – Ful Se Ham Kya Sikh Sakate He

अगर हम समझने की कोशिश करे तो प्रकृति हमें बहुत कुछ सिखाती हे जो हमारी ज़िन्दगी में काम आ सके। जैसे की सूर्य , नदी , पेड़ , समुद्र , पर्वत आदि हम बहुत कुछ सिखाते हे। प्रकृति के कुछ नियम होते हे जो हमारे जीवन में भी ये नियम काम करते हे बस हमें प्रकृति के नियम को समझना जरुरी हे और अपनी ज़िन्दगी में उसका पालना करना हे तो आज हम बात करने वाले हे की फूल से हमें क्या सिख मिलती हे ? 

फूलों से सीखे – Ful Se Ham Kya Sikh Sakate He

 फूलों से सीखे - Ful Se Ham Kya Sikh Sakate He

एक फूल जो अपना पूरा जीवन दुसरो की ख़ुशी के लिए न्योछावर कर देता हे वैसे ही हमें भी अपनी ज़िन्दगी दुसरो के ख़ुशी के लिए जीना चाहिए अगर आप किसी का भला न करे तो कोई बात नहीं लेकिन आपकी वजह से किसी की बुरा तो नहीं होना चाहिए। 

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एक कमल का फूल हमें ये सिखाता हे की हमारे आसपास चाहे कितनी ही गंदकी क्यों हो , हमारे आसपास चाहे कितनी ही बुराई क्यों न हो लेकिन उनमें हमारी अच्छाई अपनी जगह तलाश कर ही लेती हे।

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फूल के अंदर सबको खुश्बू देने की एक अच्छी आदत होती हे और उसी अच्छी आदत से लोग फूल को अपने पास रखते हे फूल के प्रति आकर्षित होते हे वैसे ही इंसान के अंदर भी एक अच्छी आदत होनी चाहिए जिसे लोग उसे पसंद करे।

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एक फूल को ये पता हे की अगर में खिलूँगा तो लोग मुझे तोड़ देंगे लेकिन फिर भी वह खिलता हे और खुश्बू देता हे और दुसरो के लिए काम आता हे वैसे ही हमें भी अपने भविष्य के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए जो जन्म लेता हे उसे एक दिन मरना ही हे बस हमें अपनी ज़िन्दगी फूल की तरह मुस्कुराते हुए जीना हे और अपनी अच्छी आदतों से दुसरो का भला करना हे।

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गुलाब का फूल हमेंशा काँटों के बिच रहता हे लेकिन कभी भी वो काँटों की तरह दुसरो को चुभना और उनको नुकशान नहीं पहुँचाता इसी प्रकार हम भी भले ही बुरे लोगो के पास रहे लेकिन हमें उनकी बुरी आदते अपनी ज़िन्दगी में नहीं लानी चाहिए। यानिकि कोई भी इंसान बुरे से बुरे लोगो के साथ रहकर भी गुलाब की तरह एक अच्छा इंसान बन सकता हे।

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एक फूल दुसरो को खुश्बू देने के लिए , दूसरों के लिए टूटना पसंद करता हे लेकिन कभी भी खुश्बू देना नहीं छोड़ता वैसे ही हमें भी अपनी ज़िन्दगी में चाहे कोई हमारा गलत इस्तमाल ही क्यों न करे लेकिन फिर भी हमें अपने कर्म को नहीं छोड़ना चाहिए।

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फूल हमें अपनी उपयोगिता सिद्ध करना सिखाते हे।

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एक फूल अपनी सुगंध को चारो दिशा में फैलता हे वैसे ही हमें भी अपने अच्छे कर्मो को चारे और फैलाना चाहिए क्योकि हमारा कर्म ही हमारी पहचान हे।

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एक फूल हमेंशा मुस्कुराता हुआ , खिलखिलाता हुआ अपनी खुशबु बिखरता हे वैसे ही हमें भी फूल की तरह सदैव मुस्कुराते हुए रहना हे और दूसरे के प्रति अपने कर्म करते रहता हे।

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गुलाब हमेंशा काँटों के बिच ही पैदा होता हे ऐसे ही आप भी किसी परिस्थिति में क्यों न हो आप भी अपने अगल पहचान बना सकते हे बिलकुल गुलाब की तरह यानिकि गुलाब का फूल हमें ये सीखाता हे की हमें मुश्किलों के बिच भी किस तरह आगे बढकर दुसरो के जीवन में खुशियों बिखराकर अपने कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ना हे।

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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “