हमारे जीवन में प्यार ( प्रेम ) क्या हे ? – Pyar Prem Kya hai

    नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो आज हम बात करने वाले हे की हमारी जीवन में प्रेम क्या हे? ( What Is Love ) तो प्रेम एक ऐसा एहसास हे जो दिमाग से नहीं बल्कि दिल से होता हे। प्राचीन समय से लेकर आज तक कई ऐसी प्रेम पर आधारित कई कहानिया , कई पुस्तके कई फिल्मे मौजूद हे जो प्रेम को बया करती हे तो आज हम प्रेम के बारे में बात करने वाले हे हमें उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आएगी। ( Prem Kya Hai)

हमारे जीवन में प्रेम क्या हे?

 

प्रस्तावना 

      हमारे जीवन में प्यार का बड़ा ही महत्व हे क्योकि प्रेम ही हे जो इंसान के जीवन को रंगीन बना देता हे लेकिन प्यार कई रूपों में पाया जाता हे जैसे की प्रेमी – प्रेमिका का प्यार , माता – पिता का प्यार , भाई बहन का प्यार , पति पत्नी का प्यार, दोस्तों का प्यार , जानवरो से पक्षी से प्यार या फिर किसी निर्जीव वास्तु से प्यार। प्यार की कोई चोक्कस परिभाषा नहीं होती की ये ही प्यार हे यानिकि अलग – अलग इंसान के लिए प्यार की परिभाषा भी अलग – अलग होती हे। 

    आज के समय में लोग प्रेम अपने स्वार्थ के लिए , अपने मतलब के लिए , अपनी वासना के लिए करते हे क्योकि आज लोगो को प्रेम आखिर क्या हे उसकी ज़रा सी भी समझ नहीं हे आज जो भी लड़का या फिर लड़की को ये पूछा जाये की प्रेम की परिभाषा क्या हे? तो उनको मालूम नहीं होगा और जिसको प्रेम क्या हे ? यही मालूम नहीं तो वो प्रेम कर कैसे कर सकता हे यानिकि हम ही प्रेम को गलत दिशा में ले जा रहे हे एक लड़का एक लड़की को लेकर भाग जाता हे जिसकी वजह से दोनों परिवार के माता – पिता दिन रात रोते हे क्या यही प्यार हे उस लडके या लड़की से पूछो तुम्हारा प्यार यही हे और अगर यही तुम्हारा प्यार था तो फिर तुम्हारे माता – पिता ने तुमसे प्रेम किया वो क्या था ? यानिकि लोग प्रेम को समझना नहीं चाहते बस किसी को देखकर , किसी की बाते सुनकर या फिर फिल्मे देखकर प्रेम करते हे जिसकी वजह से आजका प्रेम असफल होता हे। Pyar Kya he ?

प्यार क्या हे ( Pyar Kya Hai) Love क्या हे? 

आखिर ये प्रेम ( प्यार ) क्या हे ?

 

    प्रेम क्या हे ? प्रेम किसी को पाना नहीं बल्कि खुद को खो देना प्रेम हे। प्रेम किया नहीं जाता प्रेम तो हो जाता हे। जब प्रेम किसी से होता हे तब हमें सामने वाले इंसान से कुछ चाहिए नहीं होता बस देना होता हे आपका समय , आपकी भावनाये , आपकी ख़ुशी , आपका सुख लेकिन जब आप कुछ पाने के लिए किसी से प्रेम करते हे तो वो प्रेम प्रेम कैसा? यानिकि जो लोग एक दूसरे से प्रेम करते हे उन्हें कुछ पाने की आवश्यकता ही नहीं हे बस उसको सिर्फ प्रेम की ही आवश्यकता होती हे। 

      कोई भी इंसान किसी भी वस्तु , जानवर या फिर अपने लक्ष्य से भी प्रेम कर सकता हे जिससे वो हमेंशा जुड़ना या फिर पाना चाहता हे जिसका वो सन्मान करता हे दूसरे शब्दों में कहे तो जिससे इंसान को ख़ुशी या शांति मिलती हो या फिर खुद को उससे जुड़े रखना चाहता हो उसे प्रेम कर सकता हे। 

    एक इंसान से दूसरे इंसान के बिच जो प्यार होता हे उसे पारस्परिक प्यार करते हे जो एक दूसरे के प्रति भाव हे जो रिश्तो को मजबूत करता हे जब आप किसी से प्यार करते हे तब आप अपना व्यक्तित्व , अपनी पसंद नापसंद अपना सब कुछ समर्पित करते हे यानिकि प्यार एक समर्पण हे। 

प्यार को सिर्फ महसूस किया जा सकता हे और हम सबने कभी ना कभी इसे महसूस जरूर किया होगा लेकिन ऐसा नहीं की प्यार सिर्फ इंसान ही महसूस करते हे जानवर भी प्यार को महसूस करते हे कुछ लोग प्यार करके अपनी ज़िन्दगी को बर्बाद कर देते हे तो कई लोग प्यार के खातिर  या फिर प्यार की आग से प्यार की ताकत से खुद को कामयाबी इंसान बना देते हे वैसे ही कई लोग प्यार को नफ़रत के रुप में देखते हे तो कई लोग प्यार को ही ज़िन्दगी का रूप देते हे इसलिए प्यार को जो जितना समझता हे प्यार को जितना जान सकता हे वो उसके लिए प्यार उतना ही महत्वपूर्ण होता हे। रिश्तों को मजबूत कैसे बनाये?

समय के हिसाब से इंसान के अंदर प्यार का बदलाव आता रहता हे यानिकि हमें जिस चीज को बचपन में प्यार करते हे वही चीज को हम जवानी में प्यार नहीं करते वैसे ही जिस चीज को हम जवानी में प्यार करते हे उसे बुढ़ापे में नहीं करते हे यानिकि उम्र के हिसाब से इंसान के अंदर प्यार का बदलाव रहता हे लेकिन कुछ प्रेम ( प्यार ) ऐसे भी होते हे जो समय के साथ भी कभी नहीं बदलते जिसे सच्चा प्यार कहते हे जो किसी भी वक्त में बदलता नहीं हे। 

प्यार की परिभाषा 

Love kya hai

 

     प्रेम की कई परिभाषाये हे जैसे की प्रेम एक समर्पण हे एक दूसरे में खो जाना हे। प्रेम एक वो रंग हे जो हमारे जीवन को रंगो से भर देता हे प्रेम एक वो सोच हे जो एक पल में हमारे चहेरे पर मुस्कान ला देता हे प्रेम वो पुष्प हे जो हमारे मन रूपी बगीचे को खिला देता हे। प्यार एक ऐसा एहसास हे जो एक इंसान से दूसरे के प्रति महसूस करता हे। 

     जहा पर कोशिश हे वहाँ प्यार नहीं हे जहा पर जरुरत हे वो प्यार नहीं हे जहाँ स्वार्थ हे वहा प्यार नहीं हे जहा पर दबाव हे जहाँ प्यार नहीं हे अपनी भूख को मिटाना प्यार नहीं हे बल्कि भूख का मिट जाना प्यार हे किसी से कोई उम्मीद नहीं फिर भी उनका इंतजार करना प्यार हे यानिकि जो हासिल होने वाला नहीं हे फिर भी उनसे चाहत रखना प्यार हे दूसरे शब्द में तो बिना कुछ भी चाहे किसी के साथ रह सकते हो तब वो प्यार हे। 

    प्रेम एक ऐसा शब्द हे जिसका नाम सुनते ही हमें अच्छा महसूस होता हे यानिकि प्रेम शब्द में ही वो एहसास हे जिसे हम कभी अलग करना नहीं चाहते वो प्रेम ही हे जो हमें कभी ख़ुशी तो कभी दर्द देता हे। 

प्यार का मतलब 

Pyar ka sahi matlab kya he

 

      प्यार का मतलब ये हे की इस तरीके से आपस में जुड़ जाना जहाँ पर अलग होनी की कोई गुंजाईश ही ना हो। प्रेम एक ऐसा विशेष भाव हे जो इंसान से कई अधिक हे यानिकि जिस इंसान से आप प्रेम करते हे अगर उस इंसान से आप हार भी जाये तब भी आपमें कड़वाहट नहीं होती बल्कि होठो पर मुस्कान रहती हे यानिकि जिसे आप प्रेम करते हो उसे हरा कर आप जित रहे हो तो ये जित नहीं हे ये आपकी सबसे बड़ी हार हे और मेरा तो ये मानना हे की जहाँ प्रेम होता हे वहाँ हार या जित जैसा कुछ होता ही नहीं हे।

      कभी कभी हम जिनसे प्रेम करते हे उनकी सहायता यानिकि मदद करते – करते हम उनको दुर्बल बना देते हे प्रेम में ये कभी नहीं होना चाहिए बल्कि जिनसे आप प्रेम करते हे उनकी उतनी ही सहायता कीजिये की आप उनके लिए प्रेरणा बन सके। हमारे जीवन में पैसो का महत्व 

      इस दुनिया में ऐसा कहा गया हे की पहले प्यार को कभी भुलाया नहीं जाता लेकिन ये आधा सच हे क्योकि इस दुनिया में हमें सबसे पहले बिना कोई मतलब , बिना कोई स्वार्थ के माता  – पिता ही प्यार करते हे आपके बारे में अच्छा सोचते हे और आपके लिए जितना अच्छा हो सके उतना अच्छा करते हे यानिकि आपके माता -पिता के अलावा कोई भी आपके बारे में इतना नहीं कर सकता जितना आपके माता – पिता आपके लिए करते हे आपके माता – पिता को आपके बारे में जीतनी चिंता हे उनकी चिंता किसी को भी नहीं होती लेकिन उसी माता – पिता के प्यार को एक लड़का या लड़की अपने प्यार के लिए भुला देते हे उनको अकेला छोड़ देते हे उनको उनके प्यार के बदले में उनको दुःख देते हे यही हे आज का प्यार।

प्यार की वास्तविकता क्या हे ?

प्यार की वास्तविकता क्या हे

 

     आज के समय में प्यार को अक्शर वासना के रूप में देखा जाता हे आज के लोग प्रेम के नाम पर हवस का काम करते हे यानिकि आज लोग प्रेम सिर्फ अपनी संतोष के लिए अपनी भूख मिटाने के लिए करते हे अपने मतलब के लिए अपने स्वार्थ के लिए प्रेम करते हे यानिकि आपने देखा होगा की आज के लड़का लड़की पढाई करने के लिए जाते हे तब देखा तो पता चला की लड़की किसी लडके के साथ घूम रही हे लड़का पढ़ने गया हॉस्पिटल में रहता हे तो किसी लड़की के साथ रहता हे यानिकि आज के लडके लड़कीया पढ़ते कम हे और प्रेम के नाम पर अपना चरित्र बिगाड़ रहे हे प्राचीन समय में जब पढाई होती थी तब चरित्र को मजबूत किया जाता था और आज के समय में कई सारे लोग पढाई के नाम पर, पढाई के बहाने पर प्रेम करने अपना चरित्र बिगाड़ लेते हे ये हे आज के प्रेम की वास्तविकता। 

 आज के समय में ज्यादातर प्यार जरुरत के हिसाब से होता हे फिर वो जरुरत पैसो की भी हो सकती हे मौज – मस्ती की भी हो सकती हे जिस्म की (अपनी हवस को मिटाने के लिए ) भी हो सकती हे या फिर अपना नाम बनाने की भी हो सकती हे में ऐसा बिलकुल नहीं कहता की सब लोग जरुरत के हिसाब से प्यार करते हे लेकिन आज ज्यादातर लोग प्यार इसलिए ही करते हे और उनके प्यार में न सच्चाई होती हे ना समर्पण और त्याग की भावना होती हे ना विश्वास होता हे बस उनके प्यार में मतलब , स्वार्थ , झूठ , धोखा , चालाकी, और हवस ही होता हे ऐसा प्यार प्यार नहीं बल्कि प्यार के नाम पर एक कलंक हे। 

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