ऊंट के बारे में जानकारी – Camel Animal In Hindi

 नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो आज हम बात करने वाले हे ऊंट के बारे में        ( Camel Animals In Hindi )  जिनको अंग्रेजी में Camel कहा जाता हे। ये एक सामाजिक प्राणी हे जिनको रेगिस्तान का जहाज़ कहा जाता हे आपने अपने जीवन में इस प्राणी को एक बार तो देख ही होगा इस प्राणी को आप उसके पीठ पर कूबड़ और लम्बी गर्दन की वजह से आसानी से आप उसे पहचान सकते हे तो दोस्तों मुझे उम्मीद हे आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आएगी। Camel In Hindi

camel information in hindi

 

Kingdom : Animalia

Phylum : Chordata

Class : Mammalia

Order : Artiodactyla

Family : Camelidae

Tribe : Cameline

Genus : Camelus

Scientific Name : Camelus

ऊंट के बारे में रोचक जानकारी

 ” ऊंट एक अरबी शब्द हे जिनका अर्थ होता हे सुंदरता ” ये एक खुरधानी जिव हे ऊंट के बारे में ऐसा माना जाता हे की ऊंट के पूर्वजो का विकास उत्तरी अमेरिका में हुआ था और उसके बाद ऊंट एशिया में फैल गए जबकि करीबन 2000 ई.पू में पहले इंसान ने ऊंट को पालतू बनाया था ये एक शांत स्वाभाव का प्राणी हे जिनको अरब संस्कृतियों में उसे धैर्य , सहनशीलता और धीरज का प्रतिक माना जाता हे। यूएई में हर साल ऊंट महोत्सव होता हे जहा ऊँटो के बिच सौर्दय प्रतियोगिता होती हे। प्राचीन समय में ऊँटो का इस्तमाल युद्ध के लिए किया जाता था क्योकि ये बिना भोजन पानी के बिना कई दिनों तक रह सकते हे। हमारे देश में ज्यादातर ऊंट राजस्थान और गुजरात में पाए जाते हे जबकि राजस्थान का राष्ट्र पशु भी ऊंट हे। एक अनुमान से दुनिया में करीब 14 मिलियन से भी ज्यादा ऊंट पाए जाते हे।

ऊंट की शरीर रचना

ऊंट के पास एक लम्बी गर्दन और एक पूंछ, दो आंखे , दो काम और एक कूबड़ होता हे ऊंट के पलको के तीन परत होते हे जो उनको धूल से बचाते हे जबकि एक वयस्क ऊंट की ऊंचाई करीबन 1.85 मी कंधे तक और 2.15 मी कूबड़ तक होती हे ऊंट का कूबड़ शरीर के लगभग तीन इंच ऊपर तक बढ़ता हे। अगर हम ऊंट के वजन के बारे में बात करे तो ऊंट का वजन करीब 680 से 700 किलोग्राम तक होता हे ऊंट के कान में भी बाल होते हे ताकि रेत के कण उसके कान में न घुस जाये। ऊंट के मुँह में 34 दांत होते हे 

 ऊंट की विशेषता 

ये एक पालतू जानवर हे। ऊंट अपने शरीर पर मौजूद कूबड़ की वजह से जाना जाता हे क्या आप जानते हे की ऊंट रेगिस्तान जैसे इलाको में इक्कीस इक्कीस दिनों तक बिना पानी पिए चल सकता हे। ऊंट का इस्तमाल ज्यादातर सवारी ( एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए ) के लिए और सामान ढोने के काम आता हे जबकि कई लोग ऊंट को पालकर सर्कस में मनोरंजन के लिए इस्तमाल करते हे। ऊंट अपनी फैट को अपने कूबड़ में रखता हे और जब उसे खाना न मिले तब वो इसी फैट से उन्हें ऊर्जा मिलती हे। ऊंट को जब ख़तरा महसूस होता हे तब वो अपने आप को बचाने के लिए अपने पैरो से लात मारते हे। जन्म के दौरान ऊंट पर ऊबड़ नहीं होता लेकिन बड़ा होने के साथ – साथ ऊबड़ भी धीरे – धीरे बढ़ता हे। ऊंट लेटकर सोता हे गाय , भैंस की तरह ऊंट भी अपने खाने को फिर से मुँह में लाकर चबा सकता हे। ऊंट अपनी पीठ पर करीबन 200 से 300 किलो जितना वजन उठा सकता हे। ऊंट की देखने और सुनने की शक्ति बहुत अच्छी होती हे। 

ऊंट के पैरो के निचे विशेष प्रकार विशेष प्रकार की डिजाइन ( पैर गद्देदार होते हे ) मौजूद होती हे जिसे वो रेत जैसे इलाको में भी आसानी से चल सकते हे और उनके पैरो में दो पंजे होते हे जो जमीन पर रखने से फैलते हे और रेत में दबते नहीं हे। ऊंट का मुँह दो भागो में बटा हुआ होता हे जिसकी वजह से वो कांटेदार टहनिया भी आसानी से खा सकते हे और उनके मुँह में चोट भी नहीं लगते। ऊंट को पसीना नहीं आता। 

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दो कूबड़ वाला ऊंट

 

ऊंट की दौड़ने की गति 

ऊंट की दौड़ने की रफ़्तार करीब 65 किमी प्रति घंटे के आसपास की होती हे जबकि लम्बी दुरी तय करते वक्त ये अपनी रफ़्तार 40 किमी प्रति घंटे तक बनाये रखते हे। 

खोराक और पानी 

ये शाकाहारी जानवर हे जिनका मुख्य खोराक पत्ते , पौधे , फल फूल आदि हे लेकिन ऊंट का मुख्य पसंदीदा भोजन बबूल और पत्तिया हे। जब ऊंट को पानी मिलता हे तब वो एक साथ करीबन 150 लीटर पानी पि लेते हे। दरियाई घोड़े की जानकारी

 ऊंट के प्रकार 

एक कूबड़ वाले ऊंट और दो कूबड़ वाले ऊंट। एक कूबड़ वाले ऊंट पश्चिम एशिया में पाए जाते हे जबकि दो कूबड़ वाले ऊंट मध्य और पूर्व एशिया हे अरेबियन ऊंट के पीठ पर एक कूबड़ होता हे जबकि एशियाई ऊँटो पर दो कूबड़ होते हे जबकि ऊंट की मुख्य प्रजाति के नाम लामा , अल्पाका , गुआनाको , और विकुना हे 

ऊंट का गर्भकाल 

ऊंट का गर्भकाल करीबन 400 दिन के आसपास होता हे। ऊंटनी एक बार में केवल एक ही बच्चे को जन्म देती हे और उस बच्चे का वजन करीब 40 किलोग्राम के आसपास होता हे शरुआत में बच्चे अपनी माँ का दूध ही पीते हे और जन्म के कुछ घंटो के बाद वो चलने में सक्षम हो जाते हे 

ऊंट का दूध 

 ऊंट के दूध में आइरन , विटामिन और मिनरल पाया जाता हे गाय से ज्यादा ऊंट का दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता हे अगर आपको ऊँटनी के दूध का मिल्कशेक पीना हो तो आप अबू धानी जा सकते हे। ऊंट के दूध पिने से कई तरह के फायदे होते हे। और एक बात ऊंटनी के दूध से दही नहीं जमती हे। 

तापमान 

दिन के दौरान इस प्राणी का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस जबकि रात के दौरान करीबन 34 डिग्री सेल्सियस होता हे। 

ऊंट का जीवनकाल 

ऊंट का जीवनकाल करीब 40 से 50 साल के आसपास होता हे। 

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” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “