Apane Rishte Ko Majbut Kaise kare

          नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो आज हम बात करने वाले हे की किसी भी रिश्तें या सबंध को हम मजबूत कैसे करे ? ( Apane Rishte Ko Majbut Kaise kare )आज के ज़माने में लोग ज्यादातर रिश्ते को इतना महत्व नहीं देते हे जितना की देना चाहिए यानिकि आज के रिश्ते केवल नाम के ही रिश्ते हे जिनके पीछे हमारा मतलब या स्वार्थ छुपा हुआ होता हे।

प्राचीन काल को दिखिए पहले लडके या फिर लड़की एक दूसरे को देखने नहीं जाते थे फिर भी उनका रिश्ता ज़िन्दगी भर रहता हे जबकि आज के ज़माने में लडके और लड़का एक दूसरे को देखते हे बातें करते हे फिर भी उनका रिश्ता टूट जाता हे। जिस प्रकार हम आगे बढ़ रहे हे उस हिसाब से हम रिश्तो की एहमियत को नजर अंदाज कर रहे हे तो आज हम बात करेंगे की किसी भी रिश्ते को मजबूत कैसे करे ? 

Apane Rishte Ko Majbut Kaise kare

 

 Apane Rishte Ko Majbut Kaise kare

आज के समय में रिश्ता टूटना कोई बड़ी बात नहीं हे क्योकिं लोग छोटी – छोटो बातों में आकर जल्दबाजी में रिश्ते को तोड़ देते हे और बाद में पछतावा करते हे जबकि कई रिश्ते ऐसे भी होते हे जिसमें कई कसमे खाई हुई होती हे कई वादे किये होते हे इतना ही नहीं बल्कि कई सालो तक का पुराना रिश्ता भी टूट जाता हे।

हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की हम दोनों का रिश्ता टूट जायेगा यानिकि हम ये मानने के लिए तैयार ही नहीं थे की हमारा रिश्ता कभी टूट भी सकता हे लेकिन ऐसे रिश्ते भी आज टूट जाते हे तो क्यों ऐसा होता हे जो इंसान मरने दम तक हमारा साथ निभाने के वादे करता हे वही इंसान हमारा साथ छोड़ देता हे।

जिसके लिए हमें ये लगता हे की हमारे लिए सिर्फ यही एक हमारा हे और एक दिन वही बता देता हे की वो हमारा कभी था ही नहीं। आखिर क्या कमी हे जिसकी वजह से हमारे रिश्ते टूट जाते हे या फिर ऐसी कौन सी बातें हे जो रिश्ते को मजबूत बनाती हे। तो आज हम ऐसी बातों के बारे में बात करने वाले हे जो हमारे रिश्ते को और भी मजबूत बनाएगी। 

1 . मज़बूरी के साथ रिश्ता न बनाये

 

Apane Rishte Ko Majbut Kaise kare - रिश्तें को मजबूत कैसे करे

 

कोई भी रिश्ता मज़बूरी का मोहताज़ नहीं होता जो रिश्ता मज़बूरी के साथ शरू होता हे वो आगे जाकर टूट ही जाता हे लेकिन आज कल माता पिता अपने बच्चो को मज़बूरी के साथ उनका रिश्ता तय करते हे यानिकि उनको सामने वाला इंसान पसंद न हो फिर भी मज़बूरी के साथ उनको रिश्ता बनाना पड़ता हे और बाद में वो ही रिश्ता टूट जाता हे इतना ही नहीं मज़बूरी के साथ बनाये हुए रिश्ते से सिर्फ दर्द ही मिलता हे इसलिए मज़बूरी के साथ रिश्ता मत बनाये क्योकि मज़बूरी के साथ बनाया हुआ रिश्ता होने या ना होना के बराबर हे। 

2 . रिश्ते में सच्चाई होनी चाहिए

 

रिश्ते में सच्चाई होनी चाहिए

 

जिस प्रकार किसी पौधे या पेड़ के लिए जितना पानी जरुरी हे उतना ही रिश्तो में सच्चाई का होना भी जरुरी हे लेकिन आज कल के रिश्ते झूठ की बुनियाद से ही शरू होते हे यानिकि लोग अपने आप को बहेतर दिखाने के लिए झूठ का सहारा लेते हे और रिश्ते बनाते हे और बाद में जब सामने वाले को ये पता चलता हे की रिश्ते के लिए झूठ का सहारा लिया तब वो रिश्ता बुरी तरह से टूट जाता हे। 

यानिकि जो रिश्ता शरू ही झूठ से हुआ हे और झूठ से ही चला हे वो एक दिन ख़त्म ही हो जाता हे और सामने वाले इंसान को ऐसा लगता हे की वो इंसान ही झूठा था इसलिए ये रिश्ता टुटा अगर सच्चाई होती तो रिश्ता टूटता ही क्यों। सच्चाई में इतनी ताकत होती हे की अगर दो लोग एक दूसरे के साथ सच्चे हे ना तो उस रिश्ते में अगर छोटी – मोटी मुश्किलें या परिस्थिति आये फिर भी वो दोनों उसे पार करके एक दूसरे के साथ ही रहेंगे इसलिए रिश्ते में सच्चाई का होना बहुत जरुरी हे। जीवनसाथी कैसा होना चाहिए?

3 . रिश्तों में शर्त नहीं होनी चाहिए 

जो रिश्ता शर्तो पर टिका हुआ होता हे या फिर शर्तो पर बनता हे वो रिश्ता रिश्ता होता ही नहीं हे क्योकि रिश्तो में शर्त नहीं होती और जब कोई रिश्ता शर्तो की वजह से बनता हे तब उस रिश्ते की उम्र हम कम कर देते हे यानिकि अगर तुम मेरे लिए ये करोंगे , मेरे हिसाब से चलोगे , मेरे साथ चलोगे , मुझे घूमने ले जाओंगे तभी हमारा रिश्ता सही रहेगा और बाद वो रिश्ता शर्तो की वजह से टूट जाता हे में ऐसा नहीं कहता की प्यार में कोई नियम नहीं होना चाहिए बल्कि जो रिश्ता किसी के रूप रंग पर टिका हे किसी के पैसो पर टिका हे तो उस रिश्ते की उम्र ज्यादा नहीं होती। 

4 . रिश्तो को वक्त दो

 

रिश्तो को वक्त दो

 

चाहे कोई रिश्ता हो उस रिश्ते को वक्त देना बहुत जरुरी हे क्योकि जिस प्रकार हम कोई पौधा तो लगाते हे लेकिन उसको पानी नहीं देते तो वो पौधा सुख जाता हे वैसे ही हम रिश्ता तो बना लेते हे लेकिन उस रिश्ते को वक्त न दे तो कई समस्या पैदा होती हे और अंत में वो रिश्ता टूट जाता हे। 

रिश्ता कोई भी क्यों न हो उस रिश्ते को वक्त जरूर दो। आपने कई बार देखा होगा की कई बार आप जब अपने दोस्तों से बात या वक्त देना बंध कर देते हे तब वो रिश्ता धीरे – धीरे ख़त्म हो जाता हे फिर कोई भी रिश्ता क्यों न हो जब उस रिश्ते को वक्त देना बंध कर देते हे तब वो रिश्ता पहला जैसा नहीं रहता या फिर उस रिश्ते में दूरिया हो जाती हे इसलिए अपने रिश्ते को वक्त दो जो रिश्ते को बचाने के लिए सबसे जरुरी हे। ज़िन्दगी बदलने वाले अनमोल विचार जरूर पढ़े 

5 . मुश्किल में साथ रहना 

जब हमारा वक्त अच्छा होता हे तब तो सारी दुनिया हमारे साथ होती हे लेकिन जो रिश्ता हमारी मुश्किलो में हमारे बुरे वक्त में हमारा साथ दे हमारे लिए वही रिश्ता खास हे इसलिए रिश्ते वो नहीं होते जो तस्वीर में साथ खड़े हो लेकिन रिश्ते तो वो होते हे जो हमारी मुश्किलों के साथ खड़े हो इसलिए जो दुःख में आपके साथ निभाए वही सच्चा रिश्ता होता हे और जो रिश्ता आपको परेशानियों में आपके बुरे वक्त में जब आपको उसकी जरुरत होती हे तब वो आपको अकेला छोड़कर चला जाये वो आपका सच्चा रिश्ता कभी था ही नहीं। 

आपके मुश्किल वक्त में ही आपको पता चलता हे की आपका अपना कौन हे जैसे आपके अंदर सब्र यानिकि धीरज कितनी हे उसका पता मुश्किल वक्त में होता हे वैसे आपका अपना कौन हे उसका पता मुश्किल वक्त में ही होता हे वैसे ही आपके रिश्ते , आपके दोस्त या फिर आपकी पत्नी आपके साथ कितनी सच्ची हे उसका पता भी आपको बुरे वक्त में होगा। अंत में आपको बस इतना ही कहूंगा की आपका वक्त सही हो या फिर बुरा लेकिन जो आपका अपना होगा वो आपको कभी छोड़कर नहीं जायेगा चाहे आप कितने भी मुश्किल वक्त से क्यों न गुजरे।

6 . कमिया न निकाले बल्कि इज्ज़त दे

 अपने रिश्तो की कमिया कभी न निकाले की आप ऐसा करते हे आप ऐसे हे और दूसरी बात आप रिश्तो की कमिया दुसरो को मत बताये बल्कि रिश्तो की इज्ज़त करे लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हे जो अपने रिश्तो की कमिया दूसरे लोगो के साथ सेर करते हे दुसरो से पूछते हे और उनसे सलाह लेते हे यानिकि वो खुद अपने रिश्ते को बहेतर तरीके से जानते हे फिर भी वो दूसरे लोगो के सलाह लेने का आग्रह रखते हे ऐसे रिश्तों में भी कई कबार दरार हो ही जाती हे। 

  एक बात मेरी हमेंशा याद रखना की क्या आप दोनों के रिश्तो को आप दोनों से बहेतर कोई जान सकता हे क्या ? नहीं ना तो फिर आप अपने रिश्तो के बातें दुसरो को क्यों बताते हे ? किसी भी इंसान का ये स्वाभाव होता हे की वो जब किसी दूसरे को अपने रिश्तो के बारे में बात करता हे तब वो खुद की तारीफ करता हे यानिकि खुद को सही दिखाता हे और सामने वाले को गलत जिसकी वजह से आपको सुनने वाला आपको सही साबित कर देता हे और आपके साथी को गलत जिसकी वजह से भी रिश्तो में दरार हो जाती हे।

इसलिए अपने रिश्तो की बातो को फिर वो रिश्ता भाई बहन का हो पति पत्नी का हो दोस्तों का हो या फिर कोई भी हो लेकिन उसकी बाते कभी भी दूसरे लोगो के साथ सेर न करे क्योकि उससे आपको सही सलाह कभी नहीं मिलेगी बल्कि खुद आप दोनों समझने का प्रयास करे।

7 . वक्त – वक्त पर प्यार का एहसास दिलाये

वक्त वक्त पर अपने विश्वास और प्यार का एहसास एक दूसरे को दिलाते रहे क्योकि इंसान की फ़ितरत हे जैसे जैसे वक्त गुजरता हे वो वैसे वैसे प्यार जताना और प्यार दिखाना भूल जाता हे यानिकि वक्त गुजरने के बाद वो प्यार को मायने ही नहीं रखता।

ज्यादातर जब लोग शादी कर लेते हे उसके बाद उनको लगता हे की अब प्यार दिखाने की कोई जरुरत नहीं हे लेकिन वास्तव में प्रेम की सबसे ज्यादा जरुरत शादी के बाद होती हे क्योकि तब वो एक दूसरे के साथ और एक ही छत के निचे रहते हे इसलिए उस वक्त सबसे ज्यादा जरुरी हे एक दूसरे का विश्वास जितने की और अपना प्यार जताने की और ऐसे ही आपका रिश्ता मजबूत होता हे और ऐसा रिश्ता हमेंशा नया ही बना रहता हे। 

8 . रिश्ते में दबाव नहीं होना चाहिए 

 

रिश्ते में दबाव नहीं होना चाहिए

 

जिस रिश्तो में दबाव या फिर बंधन होता हे ऐसे रिश्ते कभी भी टूट सकते हे इसलिए कोई भी रिश्ता क्यों न हो लेकिन उस रिश्ते में कभी बंधन या दबाव नहीं होना चाहिए लेकिन कई रिश्ते सिर्फ बंधन या दबाव डाला जाता हे जैसे की मेरे साथ रहना हे तो ये करना होगा , तुम मुझे कहकर ही कही जा सकते हे तुम हमेंशा मेरे साथ ही रहो ये सारी चीजे अगर किसी रिश्ते ,में आ जाती हे तब उस रिश्ते का अंत निश्चित होता हे।

मेरा कहने का मतलब ये नहीं हे आप उसके भले या बुरे के बारे में भी न बताये किसी को बताना और समझाना अलग बात हे लेकिन जबरदस्ती दबाव डालना बंधन लगा देना गलत बात हे। 

9 . रिश्ते में ईमानदारी होनी चाहिए 

चाहे कोई भी रिश्ता क्यों न हो उस रिश्ते में जब तक ईमानदारी नहीं हे उस रिश्ते में कभी गहराई नहीं आ सकती यानिकि दो लोग रिश्ता तो बना लेते हे लेकिन वो अंदर से यानिकि दिल से अपने आत्मा से कभी मिल नहीं पाते और जो रिश्ता दिल से नहीं होता वो रिश्ता ज्यादा मजबूत भी नहीं होता।

अगर कोई इंसान रिश्तो में धोखा देखर ये सोचता हे की सामने वाला बेवकूफ हे तो वो उसकी सबसे बड़ी भूल हे क्योकि आपका झूठ , आपका धोखा , आपका चल कभी न कभी जरूर उसके सामने आएगा और जिस दिन सामने वाले को ये सब पता चलेगा उस दिन आपका रिश्ता पल भर में टूट जायेगा इसलिए अपना रिश्ता मजबूत बनाना हे तो रिश्तो को ईमानदारी से निभाए। 

10 . एक दूसरे को समझने का प्रयास करे 

 

एक दूसरे को समझने का प्रयास करें

 

कोई भी रिश्ता हो वो लम्बे समय तक तभी रहेगा जब दोनों एक दूसरे को समझेंगे एक दूसरे को अच्छी तरह जानेंगे लेकिन कई लोग छोटी – छोटी बातो में आकर , किसी की बनाई बातों में आकर या फिर दूसरे के द्रारा की गई बातों पर यकीन करके रिश्ते को तोड़ देते हे यानिकि वो सामने वाले इंसान को समझने का प्रयास ही नहीं करते लेकिन एक बात मेरी हमेंशा याद रखना की जितना आप एक दूसरे को समझेंगे उतना ही आप एक दूसरे को खुश रख पाएंगे और जीतनी आपकी कम समझ होगी आपका रिश्ता उतना ही असफल होगा। इसलिए आप अपने रिश्ते में एक दूसरे को जितना समझने का प्रयास करेंगे आपका रिश्ता उतना ही मजबूत होगा।

11 . एक दूसरे से खुलकर बात करे 

 

एक दूसरे से खुलकर बात करें

 

रिश्तो में हमेंशा खुलकर बात करे यानिकि जो आपके दिल में हो जैसे की आप अपने साथी को कहना तो बहुत चाहते हे लेकिन आप उसको कह नहीं सकते लेकिन आपको शायद ये पता नहीं की आपका ये डर आपके रिश्ते को एक दिन तोड़ देंगा जबकि अगर आप अपने साथी से खुलकर बात करेंगे उतनी ही आप दोनो के लिए समझ बढ़ेगी एक दूसरे के जानने का मौका मिलेगा इतना ही नहीं आप एक दूसरे को गहराई से जान भी सकेंगे। 

रिश्ते में केवल साथ रहना ही जरुरी नहीं हे लेकिन उसके दिल में रहना भी जरुरी हे तभी हमें समझ आता हे की ये इंसान कैसा हे किसी भी इंसान को समझना कोई आसान काम नहीं हे क्योकि लोग अपनी पूरी ज़िन्दगी में समझ नहीं पाते और जब समझ लेते हे तब मालूम होता हे की हमने क्या समझा और क्या निकला इसका सिर्फ यही मतलब हे की आपने उसे आज तक समझा ही नहीं हे। 

इसलिए अगर आप अपने रिश्तो को समझना चाहते हे तो खुलकर बात करे और जब आप एक दूसरे के साथ खुलकर बात करेंगे तभी आप एक दूसरे को जान सकेंगे और आपका विश्वास बढ़ेगा और जिन रिश्तो में विश्वास हे उस रिश्तो को कोई नहीं तोड़ सकता।

12 . रिश्ते को दिल से निभावो

 

रिश्ते को दिल से निभाओ

 

रिश्ते को दिल से निभाए ना की मन से। किसी भी धंधे में , किसी भी खेल में हम अपने मन का इस्तमाल करते हे लेकिन रिश्तो में हमें मन को साइड में रखकर अपने दिल का इस्तमाल करना चाहिए लेकिन कई लोग ऐसे होते हे जो जैसे को तैसा कहावत के मुताबिक चलते हे यानिकि उस इंसान ने मेरे साथ ऐसा किया तो में भी उसके साथ ऐसा करू लेकिन रिश्तो में ऐसा नहीं चलता हे बल्कि कई बार हमारी गलती न होने पर भी हमें माफ़ी मांग लेनी चाहिए।

अगर वो रिश्ता हमारे लिए सच्चा हे अगर वो इंसान हमारे लिए सच्चा हे अगर वो इंसान बिना गलती के माफ़ी मांग लेता हो तो हम क्यों नहीं इसलिए अपने रिश्ते सरल मन से और दिल से निभाए।

13 . माफ़ करना सीखिए 

किसी भी समस्या का अंतिम हल माफ़ी ही हे या तो माफ़ कर दो या फिर मांग लो। कई रिश्ते माफ़ी मांग लेने से या फिर माफ़ कर देने से बच जाते हे। ग़लती करना इंसान की फितरत हे लेकिन वही गलती बार – बार करना इंसान आदत हे जो कभी बदलती नहीं हे ऐसे इंसान से दूर रहना ही अच्छा हे। 

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अगर आपको ये पोस्ट पसंद हे तो आप इस पोस्ट को अपने रिश्तेदारों के साथ सेर करे ताकि उनका और आपका रिश्ता भी मजबूत हो।