बतख पालन की जानकारी – Duck Farming In Hindi

नमस्कार दोस्तों आपका दिल से स्वागत हे तो इस पोस्ट के माध्यम से हम बात करने वाले हे बतख पालन ( Duck Farming In Hindi ) के बारे में जैसे की बतख पालन कैसे करे , बतख पालन की जानकरी , बतख पालन करने के फायदे आदि के बारे में बात करने वाले हे बतख पालन का व्यवसाय जो आज दुनिया में प्रचलित और आकर्षक व्यवसाय बन चूका हे। हमें उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आएगी।

बतख पालन – Duck Farming In Hindi

Duck Farming In Hindi

बतख पालन का मुख्य हेतु 

बतख पालन ( Duck Farming In Hindi ) कोई भी इंसान कर सकता हे। बतख पालन का मुख्य हेतु बतख के अंडे और मांस प्राप्त करना और कमाई करना होता हे यानिकि बतख पालन करके आप अपनी बेरोजगारी को दूर कर सकते हे लेकिन ऐसे भी लोग होते हे जिनको बतख पालन करना होता हे लेकिन उनके पास बतख पालन का ज्ञान नहीं होता जिसकी वजह से वो इस व्यवसाय में इतने सफल नहीं होते और बाद में वो बतख पालन को छोड़ देते हे तो सबसे पहले हम बात करने वाले हे बतख पालन कैसे करे ?

बतख पालन कैसे शरू करे?

बतख पालन कैसे शरू करे?

बतख एक जलीय जिव हे जिसकी वजह से कई लोग ऐसे सोचते हे की बतख पालन पानी के बिना नहीं किया जा सकता लेकिन ऐसा नहीं हे पानी के बिना भी बतख पालन किया जा सकता हे मगर पानी के बिना बतख पालन का ये आशय बिलकुल नहीं की बतखों को पिने के लिए भी पानी न जिया जाये बल्कि इसका हेतु ये हे की बतखों को भी किसी छप्पर या घर की अंदर आसानी से पाला जाता हे। 

एक बात का ध्यान रखना चाहिए की बिना पानी के बतख पालन करने की स्थिति में बतखों द्रारा दिए गए अंडो में गर्भधान करने की क्षमता नहीं होती हे जिसकी वजह से बतखों के बच्चो के उत्पादन के लिए इन अंडो का इस्तमाल नहीं किया जा सकता हे अंडो में योग्य गर्भधान के लिए नर बतख और पानी की व्यवस्था अनिवार्य हे। बतख के बारे में जानकारी

बतख पालन के लिए आवास की व्यवस्था 

बतख पालन के लिए आप किसी भी प्रकार की यानिकि ऊँची , नीची, गीली , सुखी कैसी भी जगह पर बतख को आसानी से पाला जा सकता हे। 

तो सबसे पहले आपको बतख पालन के लिए एक ऐसी जगह पसंद करनी हे जिसके आसपास कोई जलाशय या सरोवर हो अगर ऐसी जगह नहीं हे तो आप जिस जगह पर बतख पालन करना चाहते हे उस जगह पर खुदाई करके छोटे जलाशय का निर्माण कर सकते हे ताकि जलाशय में बतख को तैरने के लिए जगह मिल जाये और साथ – साथ आप जलाशय के माधयम से मछली पालन भी कर सकते हे जो आपके लिए कमाई का दूसरा माध्यम बन सकता हे।

बतख की नस्ल की पसंदगी

 बतख पालन करने से पहले आपको ये मालूम होना चाहिए की अंडे और मांस के लिए बतख की कई – कई नस्ल ज्यादा प्रचलित हे ये हमारे लिए बहुत जरुरी हे तो अगर आप केवल अंडो के लिए बतख पालन करना चाहते हो तो बतख की खाकी कैंपबेल नस्ल प्रचलित हे जो एक साल में करीबन 280 से लेकर 300 के आसपास अंडे देती हे जिनके प्रत्येक अंडो का वजन 65 ग्राम से लेकर 70 ग्राम तक होता हे। 

जबकि एक दूसरी नस्ल इंडियन रनर भी हे लेकिन वो खाकी कैंपबेल की तुलना में अंडो का कम उत्पादन देती हे जबकि मांस के लिए बतख की वाइट पेकिंग, आयलेशबारी , मास्कोवी और स्विडन डक्स नस्ल प्रचलित हे जिनको विदेशो में भी पाला जाता हे जिसमे मांस के लिए इस्तमाल किये जाने वाले नर बतख का वजन करीबन पांच किलोग्राम जबकि मादा वजन करीबन चार किलोग्राम का होता हे यानिकि आप अपने हिसाब से बतख की नस्ल का चयन कर सकते हे ये आप पर निर्भय होता हे।

बतख को रखने की जगह

बतख को आप जिस शेड पर रखते हो उसमे बतख को आने जाने के लिए एक दरवाजा जरूर रखिये और वो दरवाजा ऊँचा होना चाहिए क्योकि जब बतख प्रवेश करते हे उस वक्त बतख अपने सिर को ऊपर उठाकर चलते हे और बतखों के रहने का कमरा हवादार होना चाहिए जिसे ताजी हवा अंदर आ सके। 

आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए की आप बतखों को जिस कमरे में रखते हे उस कमरे में बतखों को कोई नुकशान पहुंचाने वाला जानवर जैसे की बिल्ली , कुत्ता ,लोमड़ी उस कमरे घुस न पाए।

बतखों के लिए भोजन का प्रबंध 

बतख की किसी भी नस्ल हो लेकिन उनके विकास और वृद्धि के लिए उनको योग्य और पौष्टिक आहार देना भी जरुरी हे जबकि मुर्गी की तुलना में बतख अधिक अंडे देते हे जिसकी वजह से भोजन का उचित प्रबंध करना जरुरी हे। 

ज्यादातर बतख का भोजन जलीय जिव और पौधे होते हे लेकिन इसके अलावा बतख छोटे – छोटे कीड़े मकोड़े भी खाना पसंद करता हे।

बतखों को आप अपने रसोईघर में बचे अपशिष्ट , अनाज आदि लिखा सकते हे। 

बतख का प्रजनन 

बतख के प्रजनन के लिए आपके पास पानी का स्त्रोत होना जरुरी हे क्योकि पानी के बिना बतख प्रजनन नहीं करेंगे।

बतखों में प्रजनन के लिए करीबन 10 मादा बतखों के लिए आपके पास एक नर बतख जरुरी हे। 

बतख के बच्चे करीबन पांच से छह महीने में परिपक्ता तक पहुंच जाते हे और प्रजनन के लिए तैयार हो जाते हे। 

बतख पालन में इन बातों का ध्यान जरूर रखिये

बतख पालन के बारे में जानकारी

1 . जिस जगह पर आप बतख पालन करते उस स्थान की नियमित सफाई करे ताकि कोई बीमारी न आ सके। 

2 . बतख पालन करने के लिए आप जिस नस्ल के चूजे लाते हे वो रोगरहित होने चाहिए। 

3 . समय – समय पर बतखों को टिके जरूर लगवाए ताकि उसे बीमारी से बचाया जा सके।

4 . अगर कोई बतख बीमार हो जाये तो उसे अलग रखे ताकि अन्य बतख को बीमारी न लगे। 

5 . बतख के चूजे जब एक महीने के होते हे तब उनको डक फ्लू वैक्सीन लगवाए। 

बतख पालन करने के फायदे ( लाभ )

batakh Palan Ke Fayade Kya Hai?

1 . बतख पालन कोई भी इंसान कर सकता हे क्योकि बतख पालन का शरुआती खर्च कम होता हे।

2 . बतख रेशेदार आहार पचा सकती हे और जो जलाशय में रहती हे तो जलचर जिव जैसे की घोंघे आदि से अपने आहार की पूर्ति कर लेती हे जिसकी वजह से उनके खाने का खर्च कम करना पड़ता हे। 

Duck farming In Hindi

3 . बतख की एक खासियत होती हे की ये किसी भी प्रकार की वातावरणीय स्थिति में खुद को ढाल लेते हे जिसकी वजह से बतख की देखभाल करने की ज्यादा आवश्यक नहीं होती हे।

4 . बतख कम बीमार होती हे क्योकि सामान्य रोगो के लिए बतखों का शरीर प्रतिरोधी होता हे। 

5 . बतख का मृत्यु दर बहुत कम होता हे जिसकी वजह से बतख अधिक साल के जीवित रहती हे जिसे वो अंडे भी लम्बे समय तक देती हे। 

6 . बतख पालन के कम जगह की आवश्यकता होती हे। 

7 . बतख पालन एक स्थायी व्यवसाय हे जिसे बेरोजगार , शिक्षित युवा बातक पालन करके अपने रोजगार का माध्यम बना सकता हे। 

बतख पालन मार्गी पालन से क्यों अच्छा हे?

1 . बतख पालन में मुर्गी पालन से कम जोखिम हे। 

2 . बतख अंडे और मांस के लिए रोग प्रतिरोधी होते हे जिसकी वजह से मुर्गी के मुकाबले में बतख की मांग ज्यादा होती हे। 

3 . बतख मुर्गी की तुलना में कम दाने खाती हे जिसकी वजह से खाने का खर्च कम होता हे। 

4 . बतख कम बीमार होती हे। 

5 . बतख मुर्गी के तुलना में आसानी से प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों को अपना सकते हे। 

” पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद “