कोई दोस्त पुराना नहीं होता
कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता
दोस्ती में तो दुरी आती रहती हे लेकिन
दूरियों का मतलब भुलाना नहीं होता।
आप खुद नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो
जान हो हमारी लेकिन जान से प्यारी हो
दूरियों के होने से हमें कुछ फर्क नहीं पड़ता क्योकि
आप कल भी हमारी थी और आज भी हमारी हो।
वो करीब तो बहुत हे लेकिन
कुछ मजबूरियों के साथ
हम दोनों जी तो रहे हे पर
बहुत सी मज़बूरीयो के साथ।
माना की दूरिया कुछ हद से
बढ़ गई हे लेकिन
तेरे हिस्से का वक्त
आज भी तन्हा ही गुजरता हे।
मुझसे नहीं सहा जाता दूरियों का ये दर्द,
तुम लौट कर घर वापस चले क्यूँ नहीं आते,
मुझे पता है शिकायत तो तुझे बहुत सी है,
पर तेरे बिन मुझसे अब रहा नहीं जाता।
दूरियों से ही तो एहसास होता है,
की नज़दीकयां कितनी खास होती है।
तुम भी सबर रख दूरियों का मलाल
उसे भी होगा,
जब तुम किसी और का ख़ास होगा
तो मोहब्बत का एहसास उसे भी होगा।
जो भी इश्क दूरियों में बरकरार रहे,
वो इश्क ही कुछ और होता है।
पास रह कर ही दूरियां बहुत है,
मगर इतना समझ लो,
कोई खास नहीं होता,
तुम इस कदर पास हो मेरे दिल के,
मुझे दूरियों का एहसास नहीं होता।
ग़म नहीं दूरियों का अगर फासले
दिल में न हो,
नजदीकियां बेकार है अगर जगह
दिल में ना हो।
मेरी जान रूठते हे सब एक दूसरे से,
दूरियों कोई भी दिल ज्यादा दिन
सह नहीं पाता।
दूरियों चाहें कितनी भी क्यों ना हो,
आप ही दिल में हो दूसरा कोई नहीं,
तुम्हे जानता हूं अच्छे से याद करते तो हो,
पर दिल की बात बताते कोई नहीं।
कोई फर्क नहीं पड़ता दूरियों से,
बात तो दिलों की नजदीकियों से होती है,
दोस्ती तो कुछ आप जैसों से है,
वरना मुलाक़ात तो जाने कितनों से होती है।
की मुझसे दूरियां बनाकर तो देखो,
फिर पता चलेगा कितना नजदीक हूं मै।
दूरियां ही नजदीक लाती है,
दूरियां ही एक दूजे की याद दिलाती है,
दूर होकर भी कोई करीब है कितना,
दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती है।
तेरी दूरियों में वो दम कहा,
जो मेरी चाहत को कम कर दे।
आप खुद नहीं जानते आप कितने प्यारे हो,
जान हो हमारी पर जान से भी प्यारे हो,
दूरियों के होने से कोई फर्क नहीं पड़ता,
आप कल भी हमारे थे और आज भी हमारे हो।
अगर दूरियों से फर्क ना पड़े तो,
समझ लेना बहुत नजदीक हो तुम।
दूरियों का अहसास तब हुआ,
जब मैंने कहा मैं ठीक हूं और उसने
मान लिया।
तुम पास नहीं तो क्या हुआ,
मोहब्बत तो हम तेरी दूरियों से भी
करते है।
जब कोई अपना गैरो जैसा व्यवहार
करने लग जाए,
तब दूरियों का एहसास अपने आप
होने लगता है।
तू पास नहीं हो तो क्या हुआ,
मोहब्बत तो हम तेरी दूरियों से भी
करते है।
दूरियों से ही एहसास होता है,
की नजदीकियां कितनी खास होती है।
दूरियों की न परवाह कीजिए,
दिल जब भी पुकारे हमें बुला लीजिए,
हम ज्याद दूर नहीं आपसे
बस अपनी आँखों को पलकों से मिला
लीजिए।
इस दूरियों को जुदाई मत कहना,
इस खामोशियों को रुसवाई मत कहना,
हर मोड़ पर याद करेंगे आपको
जिंदगी में साथ नहीं दिया तो बेवफाई
मत कहना।
दूरियों से दर्द नहीं होता जनाब
दर्द तब होता है जब कोई पास हो कर भी
खामोश होता है।
एक सिल सिले की उम्मीद थी जिनसे,
वही फासले बनाते गये,
हम तो पास आने की कोशिश में थे
ना जाने क्यूं वो हमसे दूरियों बढ़ाते गये।
दूरिया तो बढ़ा ली हमने पर तुम्हारी
यादों का क्या करें।
तुझसे दूरियों का एहसास सताने लगा,
तेरे साथ गुजरा हर पल याद आने लगा,
जब भी कोशिश की तुझे भूलने की
तुम और ज्यादा दिल के करीब आने लगा।
जिनको खुद से ज्यादा अपना समझा,
वो हमसे दूरिया बनाए बैठे है,
हमें कोई भी सजा देदो,
आपकी सजा पाने के लिए तैयार बैठे है।
मोहब्बत की हवा जिस्म की दवा बन गयी,
दूरियां आपकी मेरी चाहत की सजा बन गयी,
कैसे भूलूं आपको एक पल के लिए
आपकी याद हमारे जीने की वजह बन गयी।
जिनकी याद में आती रही है हिचकियां
वो बढ़ाते जा रहे है दूरियों पर दूरियां
बेवफाई थी मेरी केवल उसी के वास्ते
बेवफाई के सदा देता रहा है जो निशां।
इन दूरियों को मैंने घुटनों पर ला दिया,
क्योकि आज भी तुम दिलमे शुमार हो
एक ख्याल क्यों न आए बीते दिनों का
क्योकि एतबार में फिरसे इजहार हो।
मुसलसल दूरियों की तू परवाह न कर,
तेरी दी हुई हंसी मैं अब भी पहनता।