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ज़िन्दगी एक हसीन ख्वाब हे
जिनको जीने की चाहत होनी चाहिए
गम खुद ही ख़ुशी बन जायेगा
बस मुस्कुराने की आदत होनी चाहिए
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बिन मौसम कभी बरसाद नहीं होती
रात के बिना दिन की शरुआत नहीं होती
हमारी तो आदत हे आपको याद करना
तुमको याद किये बिना हमारे दिन की शरुआत
नहीं होती।
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आदत अलग हे हमारी इस दुनिया से
दोस्त कम रखते हे लेकिन लाजवाब रखते हे
बेशक छोटी हे हमारी ये माला लेकिन
फूल सारे इसमें गुलाब के रखते हे
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आदत सी हो गई हे हमारी
अब ये वक्त काटने की
अब तो हिम्मत भी नहीं होती
किसी से अपना दर्द बाटने की।
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दिल में बसे हो जरा ख्याल रखना अपना
अगर वक्त मिले तो याद करना हमें
हमें तो आदत हे आपको याद करना
तुमको बुरा लगे तो हमें माफ़ करना
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जो दर्द न होता इस दिल में
तो ख़ुशी की क़ीमत पता न होती
जो बेवफाई न की होती वक्त ने हमारे साथ
तो जुदाई में जीने की आदत न होती।
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जब से तुमको अपनी ज़िन्दगी बना ली हे
तब से उदास रहने की आदत बना ली हे
हर पल हर दिन गुजरता हे तेरी याद में
तुझे याद करना अब हमने ये आदत बना ली हे
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बिन बात के ही रूठने की आदत हे
अपनो का साथ पाने की चाहत हे
आप खुश रहो , मेरा तो क्या हे
में तो आइना हु , मुझे तो टूटने की आदत हे।
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ग़म सहने की कोई आदत नहीं हे हमारी
तुम्हारे बिना जीने की चाहत नहीं हे हमारी
चाहत तो हे सिर्फ तुम्हारे साथ जीने की
बिन तुम्हारे जीने की कोई आदत नहीं हे हमारी
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Aadat Love Shayari
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मुझे रुलाकर अब तुमको रोज
सोने की आदत बन गई हे
जिस दिन मेरी आंख नहीं खुलेगी
उस दिन तुझे नींद से नफ़रत हो जाएगी
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वो मेरे लिए एक आदत तक
बदल न सके और न जाने क्यों
मैने उनके लिए अपनी पूरी
जिन्दगी बदल दी।
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इतनी दूरिया मत बढ़ाओ
थोड़ा सा याद भी किया करो
कभी ऐसा न हो की तुम्हारे बिना
जीने की आदत हो जाये हमारी
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गलती हमारी थी जो हम उनसे
हद से भी ज्यादा बात करने लगे
जब हो गई हमें उनकी आदत तो
वो हमे नजरअंदाज करने लगे
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जो छूट जाये वो आदत ही क्या
और जो भुला जाये वो प्यार ही क्या
हम तो तुमको हर पल याद करते हे पर
हमारी याद न आये तो वो मोहब्बत ही क्या
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अक्शर लोग कहते हे की वक्त के साथ
हर एक जख्म भर जाता हे लेकिन
हकीकत तो ये हे की जख्म वही रहता हे
बस उस जख्म को सहने की आदत हो जाती हे
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आदत हो गई हे अब मुझे तुम्हारी
वरना मालूम तो मुझे भी हे की
तुम तो मेरी किस्मत में ही नहीं हो
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काँटों की सेज पर चलने की
अब हमें आदर सी हो गई हे
हर पल याद करते हे हम उनको
अब तो आंसू बहाने की आदत हो गई हे
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डाल कर आदत हमें
बेपनाह मोहब्बत की उसने
अब वो कहते हे समझा करो
वक्त नहीं हे हमारे पास।
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आदते बदल जाया करती है अक्सर,
ढूंढो उसे जो आदत बन सके तुम्हारी।
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अपनी आदत लगवाकर उसने कह दिया,
यूं आदते लगाना ठीक नहीं।
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आदत तुम्हारी लगी हुई है,
और इल्जाम बेचार फ़ोन पर
आता है।
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लत तो तुम्हारी लगी है इल्जाम
हर बार मोबाईल पर
आता है।
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आरजू थी तुम्हारी तलब बनके की,
हालात ये है की तुम्हारी लत
लग गयी।
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बात करने की आदत शायरी
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कोई जिक्र नहीं कोई ज़िद भी नहीं,
बस लत है तुम्हें चाहने की।
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कैसी लत लगी है तेरे दीदार की,
बात करो तो दिल नहीं भरता,
ना करो तो दिल नहीं लगता।
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कोई रोग होता तो इलाज भी करबा लेते,
वो तो इश्क की लत थी जो
छूटी ही नहीं।
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जब सहने की लत लग जाए,
तो फिर कुछ कहने की चाह
नहीं रहती।
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नशा कोई भी हो जानलेवा ही
होता है,
यकीन तब हुआ जब तेरी
लत लगी।
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लत तेरी लगी नशा सरेआम होगा,
हर लम्हा मेरे इश्क का अब
तेरे नाम होगा।
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Teri Aadat Shayari
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नशा शराब का होता तो झूठ भी जाता,
लत मोहब्बत की लगी है जान के
साथ ही जाएगी।
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तेरे इंतज़ार में ज़ालिम
बिन सोए कितनी राते जगे
चरस की लत लग जाए किसी को
बस कमबख़्त तेरी ना लगे।
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हो सके तो हमसे परहेज़ किया कीजिए,
लत लग गई तो हमारे शिवा कहीं
सुकून ना मिलेगा।
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तेरे मेरे रिश्ते को पता नहीं किसकी
नजर लग गयी है,
और जब से तू दूर हुई मुझसे मुझे
नशे की लत लग गयी है।
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लत तेरी ही लगी है नशा सरेआम होगा,
हर लम्हा जिंदगी का सिर्फ तेरे
नाम होगा।
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बहुत अच्छे थे वो बस उनकी लत
ही हमे बुरी लगी थी।
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सियासत को लहू पिने की लत है,
वरना इस मुल्क में सब खैरियत है।
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तुम भी जियो सिम की तरह निकली,
लत लगाकर अब भाव खाने
लगी हो।
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वैसे तो कोई बुरी आदत नहीं है हमे
बस आपको याद करने की लत
लग गयी है।
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कौन सी लत ये सोचने की लग
गई है मुझे,
फैसले कितने हुआ करते थे आसान
मेरे।
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एक उसी दुःख की लत है मुझे उसी
को लाओ मैं ताज़ा जख्मों की
ताजगी से डरा हुआ हूं।
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मुझे तेरी लत एक दिन में ऐसी लगी
की सालों के रिश्ते मैं भूल गयी।
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मेरी इन पागल आँखों को,
लत लग गयी तुझे देखने की।
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हां मुझे तेरी लत है, तभी तो
ये हालत है।
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तुम लत हो मेरी सुनो,
तुम्हे छोड़ना अब मुमकिन नहीं।
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लत मेरी लगेगी तुम्हे ये सोचा
था मगर,
की अब होश खुद का रहा नहीं
उन्हें सोच सोच कर।
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” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद “
Nice Shayari..Latest Aadat Shayari