प्यार में धोखा शायरी – Dhoka Shayari In Hindi

 धोखा पर शायरी – Dhoka Shayari In Hindi

Dhoka Shayari In Hindi

 

इंसान को धोखा तब मिलता हे 

जब इंसान दिमाग में रखने वालो को 

अपने दिल में जगा दे देता हे। 

 

गुजरती हे जो हमारे दिल पर

वो जुबा पर लाकर क्या होगा 

समझकर भी जो न समझे 

उनको समझाकर भी क्या होगा 

 

अपनो से ही सिखाया हे 

जनाब। ….की कोई 

अपना नहीं होता 

 

 मतलब भरी इस दुनिया में 

कौन किस का अपना होता हे 

जिस पर करो भरोसा वही 

सबसे पहले धोखा देता हे 

 

मेरी वफ़ा के काबिल नहीं हो तुम 

मुझे प्यार मिले ऐसे इंसान नहीं हो तुम 

हमारा दिल तुम पर क्या एतबार करेगा 

प्यार में धोखा दिया ऐसे बेवफा हो तुम 

 

सुकून से इसलिए हु 

क्योकि मैने धोखा खाया हे 

लेकिन कभी भी किसी को

धोखा नहीं दिया। 

 

अब मुझे कोई तकलीफ नहीं होती 

चाहे कोई भी मुझे छोड़कर जाये 

क्योकि मैने उन रिश्तो से धोखा खाया हे 

जिस पर मुझे नाज बहुत था 

 

शतरंज के शौखिन नहीं थे हम 

इसलिए आपसे धोखा खा लिए हमने 

आप चाल पर चाल चले रहे थे 

और एक हम रिश्ते निभा रहे थे 

 

नसीब से भी ज्यादा भरोसा 

एक तुम पर किया 

फिर भी नसीब इतना नहीं बदला 

जितना तुम बदल गए 

 

आग दिल में लगी जब वो खफा हुई 

महसूस तब हुआ जब वो जुदा हुई 

करके मोहब्बत वो कुछ दे न सकी 

पर बहुत दर्द दे गई जब वो बेवफा हुई 

 

वक्त – वक्त की बात होती हे

कौन किसका होता हे 

धोखा वही देता हे जिन पर 

हमें सबसे ज्यादा भरोसा होता हे 

 

मुझमे नादानियाँ बहुत हे लेकिन 

मुझे चालाकियाँ नहीं आती 

क्यों इतना धोखा खाने के बाद भी 

मुझमें समझदारिया नहीं आती 

 

प्यार में धोखा शायरी 

 

नसीब का प्यार और 

गरीब की दोस्ती में 

कभी धोखा नहीं मिलता 

 

किसी ने मुझे पूछा की 

पूरी ज़िन्दगी में क्या किया

मैने हसकर जवाब दिया 

किसी साथ कभी धोखा नहीं किया।

 

लगता हे बहुत उदास बैठे हो कोई 

बात दिल पे लगी है या कही 

दिल लगा बैठे हो।

सितम तो देखो मेरी दीवानगी का,

धोखा मिलने के बाद भी

हम उनको ही चाहते है।

प्यार में धोखा शायरी

 

मुझे तकलीफ ये नहीं की किस्मत 

ने धोखा दिया,

की मेरा यकीन तुम था किस्मत

पर नहीं अफ़सोस तो ये है।

नजरअंदाज शायरी 

 

मेरी आदत थी सबसे हंस के बोलना,

मुझे मेरा शौक ही बदनाम कर गया।

 

अपनो से धोखा शायरी 

 

तुमने हमसे नाता क्यों जोड़ा 

जब साथ रहना था ही नहीं तो,

हमे कहि का नहीं छोड़ा तुमने हमे 

धोका देकर। 

अपनो से धोखा शायरी

 

ऐसे चले गए धोखा देकर जानते ही

नहीं थे जैसे कभी,

नफरत जताते हो अब ऐसे मानते ही

नहीं थे जैसे प्यार को।

 

बहुत मुश्किल है दिल के जख्मों 

को दिखाना,

बताना मुश्किल है धोखा मिलने पर भी।

 

धोखा नहीं देना प्यार कर के किसी को,

तोहफा नहीं देना दोस्तों को आंसुओ का,

याद करके कोई रोये आपको,

ऐसा मौका नहीं देना जिंदगी में कभी किसी को ।

 

dhoka shayari

 

कोई एक देता है धोखा और भरोसा,

उठ जाता है सबसे।

 

तेरी नहीं गलती की,

तू ने धोखा दिया मुझे 

गलती तो मेरी थी जो 

मैंने तुझे मौका दिया।

 

बात कोई और होती तो आपको 

मना लेते,

लेकिन अच्छा लगता है मुझको

धोखा देना आपको।

 

धोखा शायरी 2 लाइन

 

अब दे ही चुके हो सजा तो हाल 

न पूछना मेरा,

अगर बेगुन्हा निकला मैं तो बहुत

अफ़सोस होगा तुम्हे। 

 

धोखा देकर किसी को ये 

मत सोचो की वो कितना बेवकूफ है,

की उसे तुम पर कितना भरोसा था ये सोचो।

 

विश्वास पर धोखा शायरी 

 

दो तरह के लोगो से मैंने धोखा खाया है,

एक वो जो मेरे अपने थे और दूसरे 

जो मेरे बहुत अपने थे।

 

विश्वास पर धोखा शायरी

 

धोखे से दिल टूट जाए एक बार किसी के

तो शायद ही वो फिर से जुड़ पाता है।

 

होश में हूं या बेहोश हूं ये तो मुझे पता नहीं,

पर बहुत सोच समझ कर मैं खामोश हूं।

खुद के लिए शायरी 

 

पहले कौन कौन उसकी जिंदगी में आया होगा,

उसने रिश्ता जाने कितनों से बनाया होगा,

उसका वो मासूम प्यार का इजहार आज भी सच लगता है,

पर ऐसा ही धोखा ना जाने कितनो ने खाया होगा।

 

पीठ पीछे धोखा शायरी

 

सब कुछ भूल जाता है इंसान उन 

लम्हो के सिवाय,

जब जरूरत थी उसे अपनों की और

साथ नहीं थे वो।

 

जिंदगी में आते है कुछ लोग समा जाते है

दिल की गहराई में,

हमे अपना बनाते है साथ निभाने के 

वादे कर के,

फिर अचानक से धोखा दे जाते है 

एक दिन।

 

लोग प्यार में धोखा इसलिए भी खाने लगे है,

क्योकि दिल की जगह लोग जिस्म को 

चाहने लगे है।

 

धोखा खाना शायरी

 

कितनी भी कीमती हो लिबास,

छुपा नहीं सकता घटिया किरदार को।

 

पीठ पीछे धोखा शायरी 

 

अक्सर खुद की कीमतें गिर जाती है,

किसी को कीमती बनाकर अपना बनाने में।

 

किसकी कदर की जिस कदर,

बेकदर हुए हम उस कदर।

 

झूठ और धोखा शायरी

 

आज कल का इश्क है या हरामीपन,

दिल में कोई, फ़ोन पे कोई, और 

बिस्तर पे कोई और।

 

साथ चलने की बात थी, और 

तुम आगे निकल गए।

दर्द शायरी 

 

मुझे यकीन था की तुम भूल जाओगे,

लेकिन मुझे ख़ुशी है की तुम उम्मीद पे खरे उतरे।

 

धोखा पर शायरी

 

तुम भी आखिर आईने की तरह 

ही निकले।

जो सामने आया उसीका का 

हो गए। 

 

तक़दीर में ना जाने क्या लिखा है,

चाहा जिसे उसीने भी धोखा दे दिया।

 

तुम्हारी मिसाल मैं कुछ तो दे दूं 

मगर जाना,

जुल्म वो है की बे-मिसाल हो तुम।

प्यार में धोखा मिलने वाली शायरी

 

वो लोग रोते है जो दिल से निभाते है 

मोहब्बत को,

दिल तोड़कर अक्सर चैन से सो जाया

करते है धोखा देने वाले तो।

 

मैं हमेशा झुकता रहा प्यार निभाने के लिए,

और तुम औकात समझ बैठे इसे मेरी।

 

 धोखा खाकर भी पता नहीं कैसे 

जिन्दा है हम,

पर इश्क तुमसे करके हम बहुत

शर्मिदा है।

 

धोखा पर बहेतरीन शायरी

 

रिश्ता तोड़ दो ना निभे तो पर इश्क

को धोखा देकर बदनाम करना छोड़ दो।

 

जितनी तसल्ली से मैंने किया प्यार,

बहुत मजे से धोखा भी दिया उसने।

 

” पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद “