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जिस प्रकार पेड़ पौधे को उगाकर भूल जाने से वो पौधा या पेड़ सुख जाते हे वैसे ही कोई भी रिश्ता बनाओ लेकिन रिश्ते को निभाने के लिए मुलाकात का होना भी जरुरी हे। आपने भी किसी से कभी एक बार मुलाकात जरूर की होगी तो आज हम मुलाक़ात के लिए शायरी लेकर आये हमें उम्मीद हे की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आएगी।
मुलाकात पर बहेतरीन शायरी
सबके चहेरे पर वो बात नहीं होती
थोड़े से अँधेरे से कोई रात नहीं होती
ज़िन्दगी में कुछ लोग बहुत प्यारे होते हे
पर क्या करे उनसे रोज मुलाकात नहीं होती
हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ
हर एक याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ
सुनी थी सिर्फ हमने शायरी में जुदाई की बातें
जब खुद पर बीती तब हकीकत का अंदाजा हुआ
खुदा से एक फ़रियाद करनी हे
प्यार जिन्दा हे क्योकि एक उम्मीद बाकि हे
मौत आये तो कह देने लौट जाये क्योकि
अभी किसी अपने से मुलाक़ात बाकि हे
अक्शर खामोशियाँ बोल देती हे
जिसकी बातें नहीं होती
मोहब्बत उनकी भी कायम रहती हे
जिनसे कोई मुलाकात नहीं होती।
अधूरी मुलाकात पर शायरी
अपनी मुलाकात कुछ अधूरी सी लगी
पास होकर भी दुरी सी लगी
होठो पर हसी , आँखों में मज़बूरी सी लगी
ज़िन्दगी में पहली बार किसी से दोस्ती जरुरी सी लगी
सुंदरता हो तो सादगी होनी चाहिए
खुश्बू हो तो महक होनी चाहिए
श्याम हो तो सुबह होनी चाहिए और
जब बात हो तो मुलाकात होनी चाहिए
हर पल तेरी मुलाकात को याद करते हे
कभी चाहत तो कभी जुदाई की आह भरते हे
यु तो हम हर रोज तुमसे सपनो में मिलते हे
लेकिन फिर भी तुमसे अगली मुलाकात का
इंतजार किया करते हे।
तुम शहर वाले और हम गांव वाले
चलो फिर से एक मुलाकात देख लेते हे
तुम औकाद देखकर बात करते हो
हम बात करके औकाद जान लेते हे
ना कागज ना कोई कलम
आप के लिए लिखने पूरी रात जरुरी हे
तुम्हारी यादों के सहारे अब कितने दिन गुजारे हम
जिन्दा रहने के लिए एक मुलाकात भी जरुरी हे
दिन हुआ हे तो रात भी होगी
हो मत उदास बात भी होगी
इतने प्यार से दोस्ती की हे आपसे
ज़िन्दगी रही तो मुलाक़ात भी होगी
नजर ने नजर से एक मुलाकात कर ली
रहे दोनों खामोश पर बात कर ली
मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया तो
इन आँखों ने रो – रो के बरसाद कर ली
तुम नहीं तो तुम्हारी यादे तो सही
जो हमें तुम्हारा एहसास को कराती हे
ख़्वाब झूठे ही सही मगर
तुमसे मुलाकात को करवाते हे।
चलो आज फिर हम दोनों
एक साथ मुस्कुराते हे
मुलाकात न सही लेकिन
चाय पर याद कर लेते हे
पहली मुलाकात पर शायरी
पहली मुलाकात हमारी आपसे
कुछ इस कदर हुई की
नज़र से नज़र की सारी बातें हो गई
और फिर कुछ दिन बाद वह हमारे हो गए
आपसे मिलने से कुछ ऐसी
बात हो गई। ..
कुछ नहीं था मेरे पास और
ज़िन्दगी से मुलाकात हो गई
मुलाकात पर शायरी स्टेटस
मेरी हर एक बात अधूरी हो गई
मेरी हर एक मुलाक़ात अधूरी हो गई
कहना तो उससे बहुत कुछ खास था
लेकिन मेरी वो रात ही अधूरी हो गई
दूरियों से अब हमें कोई फर्क नहीं पड़ता
बात तो दिल की नजदीकियों की होती हे
दिल के रिश्तें तो किस्मत से मिलते हे
वरना हमारी मुलाकात तो न जाने कितनो से होती हे
वो उनकी और हमारी पहली मुलाक़ात थी
और हम दोनों ही बेबस थे
वो भी खुद को न संभाल पाए
और हम खुद को भी नहीं
तेरा मिलाना शायरी
कुछ तो सोचा होगा उस खुदा ने
तेरे मेरे रिश्ते की खातिर
वरना इतनी बड़ी दुनिया में हमारी
मुलाकात आपसे ही क्यों होती
याद करेंगे तो दिन से रात हो जाएगी
आईना देखिये हमसे बात हो जाएगी
शिकवा न कीजिये हमसे मिलने का
आंख बंध कीजिये मुलाकात हो जाएगी
मुलाकात से भी कई ज्यादा हमने
आपका हर इन्तजार किया हे
मेरी मौत पर तुम वक्त पर पहुंच जाना
उस मुलाक़ात में आपका इंतजार नहीं करूँगा
मत कर यकीन इस पलभर की
मुलाकात पर
जब जरुरत न हो तो यहाँ लोग
सालो के रिश्तें भी भूल जाते हे
मत रहो दूर इतना हमसे की कल
तुम्हे अपने फैसले पर अफसोस हो जाये
कल शायद हमारी ऐसी मुलाक़ात हो
की आप हमसे लिपटकर रोये और
हम खामोश हो जाये
चलो फिर चाय पर तुम
शायरी की कुछ बात हो जाये
दो पल की ही सही पर
एक मुक़्क़मल मुलाकात हो जाये
रात में खुदा से मुलाकात हुई
थोड़ी हुई लेकिन बात जरूर हुई
मैने आपके बारे में ही पूछा की
ये इंसान मेरे लिए कैसा हे तो खुदा बोला
इनसे रिश्ता बनाये रखना बिलकुल मेरे जैसा हे
चिरागो को आँखों में महफूज रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी
हम भी मुसाफिर हे तुम भी मुसाफिर हो
किसी मोड़ पर मुलाकात भी हो जाएगी
चाहे सुख हो या दुःख लेकिन अपनो
का साथ हमेंशा होना चाहिए
मुलाकात चाहे जब भी हो लेकिन
अपनेपन का एहसास हर रोज होना चाहिए
मेरे हालत कर रहे हे की अब
आपसे मेरी मुलाकात नहीं होगी
लेकिन उम्मीद अब भी कहती हे
थोड़ा इंतजार तो कर ले
सोचता हु दोस्तों पर
मुकदमा कर दू
इसी बहाने तारीखों पर
मुलाकात हो होगी
पेड़ पौधे को लगाकर भूल जाने से
वो अक्शर सुख जाया करते हे
रिश्तो को बचाये रखने के लिए
मुलाक़ात भी जरुरी हे।
अधूरी सी मुलाकात की मकम्मल कहानी हे
होठो पर हसी और आँखों में पानी हे
ना उसने कुछ कहा ना हमने कुछ लब्ज कहे
दो जवान दिलो की इतनी सी नादानी हे
” पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद “