अभी न जाने क्यू आपकी याद
आ गयी,
मौसम क्या बदला बारिश भी
आ गयी,
मैने छूकर देखा बूंदों को तो हर
बूंद में,
हमे आपकी तसवीर नजर आ
गयी।
बारिश में हमे तेरे संग नहाना है
सपना ये मेरा कितना सुहाना है
बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होठो पे
उन्हें अपने होठो से उठाना है।
बारिश की बूंदो को छू रही थी वो
गुजारिश,
हमने करली बादलो से ख़त्म हो
जाये पानी तो,
मेरे आंसू ले लेना पर इस मंजर को
रुकने न देना।
आज बारिश में भीग जाने दो
आज बूंदो को बरस जाने दो
ना रोको यूं खुद को आज भीग
जाने दो इस दिल को आज।
Rain Shayari In Hindi
अरे बारिश की बूंदो में झलकती है
उसकी तसवीर,
हम आज फिर भीग बैठे उसे पाने की
चाहत में।
बारिश और मोहब्बत दोनों भी
यादगार होते है,
बारिश में जिस्म भीगता है और मोहब्बत
में आंखे।
बारिश जरा थम-थम के
बरस
जब मेरा यार आ जाये तो जम-जम
के बरस
पहले न बरस की वह आही
ना सके
फिर इतना बरस की वह जाहि
ना सके।
बारिश बरस रही थी बाहर
और
वो भीग रही थी मेरे दिल में।
Barish Shayari 2 Line
जब बारिश थम जाये तो फिर चले
जाना,
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा
नहीं लगता।
अरे बारिश की बूंदो में कभी भीग
लिया करो,
काम को छोड़कर मस्ती में जी लिया
करो,
कपड़े गीले होते है तो होने दिया
करो,
अरे ऐसे मौसम में एक दुझे को प्यार
किया करो।
अरे हम है की जो इश्क की बारिश
करते है,
जबकि वह है की भीगने को तैयार ही नहीं।
सुना है की बारिश में दुआ कबूल
होती है,
अगर हो इजाज़त तो मांग लू तुम्हे।
जब भी बादल बरसता है तभी
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है।
तुम्हें बारिश पसंद है, मुझे बारिश
में तुम,
तुम्हें हसना पसंद है, मुझे हसती
हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है, मुझे बोलते
हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे
बस तुम।
छत टपकती है उसके कच्चे घर की
वो किसान फिर भी,
बारिश की दुआ करता है।
के काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो
मेरी जिन्दगी से,
की मै बारिश में भी रोऊं और वो मेरे
आंसू पढ़ले।
पसंद नहीं,
आंसू ही बहुत है मेरे भीग जाने
के लिए।
बारिश के लिए शायरी
अरे कही फिसल न जाओ जरा संभल
के रहना,
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत
का भी।
उन्हें बारिश का मौसम अच्छा
लगता था,
मुझे उसके साथ बारिश में भीगना।
मस्त सावन के मौसम की रंगीन फुहार
बरसती है,
तुम हो दूर मेरे परदेशी तम्हें पाने को
हसरत तरसती है।
इतना प्यार किसी पर पहली बार
आया है,
मोहब्बत बरसा देना तू सावन
आया है।
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अरे कहि फिसल ना आऊं तेरे
ख्यालो में,
चलते चलते अपनी यादो को
रोको,
मेरे शहर में बारिश हो रही है।
अब रहने दो के तुम भी मुझे पढ़
ना सकोगे,
बरसात में कागज की तरह भीग
गया हूं।
खुद भी रोता है और मुझे भी रुला
देता है,
वो बारिश का मौसम उसकी याद
दिला देता है।
के इतना जम के बरसे ये बारिश
की मेरे दिल में लगी,
तुम्हारी बेवफ़ाई की आग बुझा दे।
बरसात का मजा तेरे गेसू
दिखा गए,
अक्सर आसमान पर जो पड़ा
अब्र छा गए।
तुम्हारी बगैर इस मौसम में
मजा कहा,
कांटो की तरह चुभती है दिल में
बारिश की बूंदे।
पहली जब भी होगी बारिश तुमको
सामने पायेंगे,
वो बूंदो से भरा चेहरा तुम्हारा हम
देख तो पायेंगे।
अरे देखा ना कहा पूरी है,
ये बारिश भी तुम बिन अघूरि है।
इतनी जल्दी जिन्दगी गुजर जाती है
प्यास भुझ्ती ही नहीं बरसात चली जाती है
तेरी याद कुछ इस तरह आती है
नींद आती नहीं मगर रात गुजर जाती है।