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Tadap Shayari 2022
हमने बेगाना नहीं किया
किसको जिसका
दिल भरता गया वो ही हमें
छोड़ता गया।
उसकी मंजिल भी थी उसका
रास्ता भी था
अकेला एक में ही था
बाकी सारा काफ़िला भी उसका था
एक साथ चलने की सोच भी उसकी थी
और बाद में रास्ता बदलनेका
फैसला भी उसी का ही था।
किसी को सताया करो पर दिन में
सताइये
क्युकी रात में नींद सताती है।
रिश्ता नहीं रखना तो
हम पर नजर क्यों रखते हो
जिन्दा है या मर गये तुम
ये खबर क्यों रखते हो।
करते करते
हर वक्त जुस्तजू की फरियाद
करते करते
मुदत से बैठा हु तेरी याद में
खुद को तन्हाई में बर्बाद
करते करते।
भूक से बेहाल हो तड़पे ना
मेरा प्यारा बच्चा
बस इसी चाहत में मेरी माँ
ने हर रोजा है रखा।
वो भी तड़प ना जाये तो इस इश्क पे
लानत
बस मुजसे एक बार निगाह मिलाने
की देर है।
तड़प तड़प कर गम चिल्लारहा था
बहुत
उसको एक ऐसी हसी दी की चुप हो गया।
तड़प कर इस तरह लिपटे थे दोनों
ग़म एक से दूसरे में आ गया था।
तड़प कर गुजर जायेगी यह रात
भी आखिर
तुम याद नहीं करोगे तो क्या सुबह
नहीं होगी।
तड़प कर दिल मेरा मुझसे कहने
लगा
न होता में न तुम बर्बाद होते।
तड़प ही देखनी है
गर किसी को तो आओ
अहसास में करता हूं
तुम्हारे महबूब को कुछ
पल के लिए गले
किसी और के लगाता हूं।
क्या बात ऐ दिले खुद्दार करे है
तड़पे है मगर दर्द से इन्कार करे है।
इश्क का बॅटवारा रजामदी से किया
वफ़ा वो ले गया तड़प हम लें आए।
वसीम उसकी तड़प है तो उसके
पास चलो
कभी कुआं किसी प्यासे के घर
नहीं जाता।
माना की मिट जायेगी हस्ती
एक दिन हमारी
पर यह रूह तड़प कर तेरा ही
नाम लेगी
तू लाख इंकार कर मोहब्बत से
मेरी पर
यह दुनिया तेरे ही सिर इल्जाम देगी।
वापस दे दो वो सारे दर्द
तड़प और आंसू गुनाह किया है मैने
इन सब में हक है मेरा।
आंखे मिलाकर उनसे हम तड़प
कर बैठे है
वो हमे देखकर भी पलट कर
बैठे है।
तड़प के देखा किसी की चाहत में
तो पता चले की इंतजार क्या होता है
यूं ही मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे
तो कैसे पता चले के प्यार क्या होता है।
ये मत समझ की तेरे काबिल नहीं
है हम
तड़प रहे है वो जिसे हासिल नहीं
है हम।
great
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Nice Sirji….
Tadap Shayari In Hindi
Nice Sirji….
Tadap Shayari In Hindi
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Tadap Shayari In Hindi
सकी मंजिल भी थी उसका
रास्ता भी था
अकेला एक में ही था
बाकी सारा काफ़िला भी उसका था
एक साथ चलने की सोच भी उसकी थी
और बाद में रास्ता बदलनेका
फैसला भी उसी का ही था।
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रास्ता भी था
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और बाद में रास्ता बदलनेका
फैसला भी उसी का ही था।
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रास्ता भी था
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और बाद में रास्ता बदलनेका
फैसला भी उसी का ही था।
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