भिखारी कैसे बनता हे व्यापारी – Best Motivational Story In Hindi 2020

भिखारी कैसे बनता हे व्यापारी - New Motivational Story In Hindi

 
     एक गरीब भिखारी था चंपक वह रेलवेटेशन पर भिख मांगकर वो चंपक नाम का भिखारी अपना गुजारा करता था कोई भी इसे पांच या दस रुपिया दिया करते थे एक दिन वो भिख मांग रहा था तभी उस भिखारी की नजर एक व्यक्ति सूट बूट पेहकर बैठा था उस के ऊपर पड़ी तभी भिखारी ने सोचा वह व्यक्ति जरूर अमीर होगा भिखारी ने सोचा अगर इस व्यक्ति से भिख मांगी जाय तो जरूर वो कुछ अच्छी देगा भिखारी अमीर व्यक्ति के पास जाता हे और बोला के भगवान नाम पर कुछ देदो शेठ अपके बच्चों को दुवा लगेंगे तभी अमीर व्यक्ति बोला तुम हमेशा मांगते हो कभी किसी को दिया हे या नहीं 

 


     तब भिखारी बोला साहब में एक ठेहरा भिखारी मेरी क्या औकात किसी देने की तब अमीर व्यक्ति बोला अगर तूम किसी को कुछ दे ही नहीं सकते तो किसी से मांगने का भी तुम्हें कोई हक नहीं हे में एक व्यापारी हु लेने देने पर ही विश्वास रखता हूं अगर तुम मुझे भिख के बदले कुछ दे सकते हो तो में तुम्हें भिख दे सकता हु बोलों मंज़ूर हे ऐसा कहकर शेठ की ट्रेन चल पड़ी प्लेटफॉर्म पर भिखारी सोंचता रह गया उस भिखारी को शेठ की बात लग गयी वह सोंचने लगा वह शेठ सही कह रहे हे कुछ भीख में पैसे कम मिल रहे हे क्युकी इसके बदले मेरे पास देने के लिए कुछ भी नहीं हे। 

 
 

 

 

      भिखारी लेकिन कबतक महीनो थी इस लोगो से भीख मांगता रहु गा भिखारी ने फैसला किया जो लोग मुझे भिख देगा इसके बदले में भी कुछ जरूर दुंगा लेकिन अब वो भिखारी सोचने लगा क्या वो दे सकता हे क्युकी वोतो ठेहरा भिखारी वह सोंचते सोंचते इस स्टेशन पर लगी फूलों के पोघों पर भिखारी की नजर पड़ी इसने सोचा के क्युना में इस भीख के बदले फूलों को दे दिया करू और भिखारी ने कुछ फूल इस पौघे पर से तोड़ लिये और वो स्टेशन पर भीख मांगने लगा जब कोई व्यक्ति इसे भीख में पैसा देता इसके बदले वो इस व्यक्ति को एक फूल दे देता इसे भिख देने वाला भी खुश होता और लोगो इस भिखारी का आयडिया पसंद आने लगा कुछ दिनों में इसे अहेसास हुआ इसे लोग ज्यादा भीख देने लगे हे जब तक इसके पास फूल रहते हे तबतक इसको अच्छी भिख मिलती लेकिन जब फूल खत्म होते तब इसको कोई भीख नहीं देता। 


      एक दिन जब वो राजू नाम का भिखारी भिख मांग रहा था तो इसे वही शेठ दिखे जिसकी प्रेरणा से इसने फूल देना प्रांरभ किया था वह राजू नाम का भिखारी तुरंत इस शेठ पास गया और बोला साहब आज मेरे पास आपको देने केलिए कुछ हे आप मुझे भीख दीजिए इसके बदले में आपको कुछ फूल दूंगा इस शेठ ने भीख के रूप में भिखारी को पैसे दिये और बदले में भिखारी ने इस शेठ को फूल दिया उस शेठ को ये बात पसंद आयी और शेठ बोले क्या बात हे तुम भी मेरी तरह एक व्यापारी बन गए हो वह कहकर शेठ वहा से चले गए लेकिन उस शेठ की कहि गयी बात भिखारी के दिल में उतर गयी अब वो भिखारी बहुत ही खुश हुआ और वह समज गया की अब सफलता की चावी लग गयी हे जिससे वह खुदका जीवन बदल सकता हे भिखारी जोर जोर से बोल ने लगा में भिखारी नहीं हु में एक व्यापारी हु तब लोगो ने भिखारी को देखा तब सोंचने लगे अब ये भिखारी पागल हो गया हे यह कहकर लोग हसने लगे। 

 

 

     पर अगले दिन से भिखारी इस स्टेशन पर कभी नहीं देखा पर तीन साल बाद इसी स्टेशन पर दो व्यक्ति सूट बूट पहेने आये दोनों एक दूसरो ने देखा और इनमें से एक ने आगे जाकर दूसरे व्यक्ति को प्रणाम किया क्या आपने मुझे पहेचाना नहीं तो शायद हम पहेली बार मिल रहे हे इस पर भिखारी बोला हम पहेली बार नहीं पर तीसरी बार मिल रहे हे याद आया माफ़ करना साहब पर हम पहेले दो बार कब और कहा मिले हे हम पहेले इस स्टेशन पर दो बार मिल चूके हे में वही भिखारी हूं जिसको अपने पहेली मुलाकात में बताया था के मुझे जीवन में क्या करना चाहिए और दूसरी बार तब मिले जब अपने बताये में वास्तों में सच में कौन हूं नतीजा ये हुआ के में इस शहेर का फूलों फूलों का बहोत बड़ा व्यापारी बन गया और व्यापर बढ़ाने के हेतु अब में दूसरे शहेर जा रहा हुं आपने मुझे पहेली मुलाकात में प्रकृति का नियम बताया था जसके अनुसार हमे तभी कुछ मिलता हे जब हमे बदले में कुछ दे सके। 


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